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Friday, 22 November, 2024
होमराजनीतिलगभग दो साल तक 'वर्क फ्रॉम होम' वाले सीएम बने रहने के बाद उद्धव ठाकरे ने किया राज्य सचिवालय का दौरा

लगभग दो साल तक ‘वर्क फ्रॉम होम’ वाले सीएम बने रहने के बाद उद्धव ठाकरे ने किया राज्य सचिवालय का दौरा

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने महामारी और उनके स्वास्थ्य की वजह से ज्यादातर अपने आधिकारिक निवास से ही काम किया है. हालांकि, विपक्षी दल भाजपा ने इसकी कड़ी आलोचना की थी.

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मुंबई: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने बुधवार को लगभग दो वर्षों में पहली बार राज्य के सचिवालय ‘मंत्रालय’ का दौरा किया. उन्होंने अपने सत्ता में रहते हुए बिताए गए 28 महीनों के अधिकांश समय में घर से ही काम किया है.

नीले और सफेद रंग का कुर्ता-पायजामा पहने और फेस मास्क लगाए हुए उद्धव ठाकरे ने राज्य सरकार के मुख्यालय में प्रवेश करने के बाद सबसे पहले मराठा योद्धा राजा छत्रपति शिवाजी और डॉ बाबासाहेब आंबेडकर की तस्वीरों के सामने फूल चढ़ाए और झुक कर प्रणाम किया.

उन्होंने सचिवालय के मुख्य भवन के एंट्रेंस हॉल में आयोजित डॉ. आंबेडकर के जीवन पर आधारित एक प्रदर्शनी का भी दौरा किया और साथ ही विभिन्न विभागों में भी पहुंचे जहां उन्होंने सरकारी कर्मचारियों के साथ बातचीत की. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के आधिकारिक ट्विटर हैंडल ने उनके इस दौरे की तस्वीरें भी पोस्ट कीं.

महाराष्ट्र राजपत्रित अधिकारी संघ के मुख्य सलाहकार जी.डी. कुल्थे ने दिप्रिंट को बताया, ‘हम माननीय मुख्यमंत्री का तहेदिल से स्वागत करते हैं जिन्होंने ‘मंत्रालय’ का दौरा किया और कर्मचारियों के साथ बातचीत की. यह एक बहुत अच्छा संकेत है और यह कर्मचारियों को अधिक उपयोगी बनने के लिए प्रोत्साहित करता है.’

उन्होंने कहा, ‘हालांकि वह पिछले दो वर्षों से ‘मंत्रालय’ का दौरा नहीं कर रहे थे, मगर सभी काम ‘वर्षा’ (सीएम के आधिकारिक निवास) से पूरी ईमानदारी के साथ किए जा रहे थे. हालांकि, कर्मचारी उनसे सीधे नहीं मिल पा रहे थे, लेकिन दिन-प्रतिदिन सीएम के संपर्क में रहने वाले विभागों के प्रमुखों से लगातार बातचीत हो रही थी.‘

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के अध्यक्ष शरद पवार से जब मुंबई में एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान पत्रकारों द्वारा बुधवार को मंत्रालय में ठाकरे की उपस्थिति के बारे में सवाल पूछा तो उन्होंने बस ‘आश्चर्य वाली मुस्कान’ ही बिखेरी. बता दें कि पावर को फ़िलहाल राज्य पर शासन कर रही शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस गठबंधन वाली महा विकास अघाड़ी (एमवीए) के वास्तुकार या रचियता के रूप में जाना जाता है.

पवार ने कहा, ‘आज आले आहेत का? अरे वाह (क्या वह आज गए थे?)’. इसके बाद उन्होंने यह भी कहा कि मंत्रालय से मुख्यमंत्री की अनुपस्थिति ने राज्य के प्रशासन को कभी बाधित नहीं किया.

एनसीपी प्रमुख ने अपनी बात जारी रखते हुआ कहा, ‘मैंने कई राज्यों में देखा है कि कई बार मुख्यमंत्री घर से ही फैसले लेते हैं. सचिवालय भी घर पर होता है और ऐसे ही हमारे पास ‘वर्षा’ में एक सचिवालय है. इसलिए वह आएं या न आएं, राज्य सरकार का कामकाज कभी थमा नहीं है. फाइलें निपटाई जा रही हैं, फैसले लिए जा रहे हैं और इसलिए मुझे इसकी कोई चिंता नहीं है.;

पवार ने कहा, ‘उनके स्वास्थ्य के कारण उन की कुछ बंदिशें (रुकावटें) थीं. ऐसा लगता है कि वे कम हो गई हैं. वह (मंत्रालय) आए हैं, मैं खुश हूं.’


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अभी तक थे वर्क फ्रॉम होम

अभी तक, उद्धव ठाकरे की काम करने की एक अपनी शैली रही है जो उन्हें उनके अधिकांश पूर्ववर्तियों से अलग करती है. शिवसेना अध्यक्ष, जो महाराष्ट्र के 19वें मुख्यमंत्री हैं, लगभग कभी भी ‘मंत्रालय’ स्थित अपने छठी मंजिल के कार्यालय में नहीं बैठे हैं और वे अपने आवास ‘वर्षा’ या ‘सह्याद्री’ (संभ्रांत माने जाने वाले मालाबार हिल में सिर्फ एक किलोमीटर दूर स्थित राज्य के आधिकारिक गेस्ट हाउस) से ही काम करते हैं. उन्हें कई पूर्व मुख्यमंत्रियों की तुलना में बाहर जाते हुए भी कम ही देखा जाता है और वे ज्यादातर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठकों और कार्यक्रमों में भाग लेते हैं.

मुख्यमंत्री ने मार्च 2020 में कोविड -19 महामारी के प्रकोप के बाद से मुख्य रूप से एहतियाती उपाय के रूप में कामकाज की इस शैली को अपनाया था. हालांकि, उनकी खराब सेहत के कारण उनका दूर से काम किया जाना जारी रहा. पिछले साल नवंबर में, ठाकरे, जिनके दिल में पहले से कई स्टेंट लगे हुए हैं, की सर्वाइकल स्पाइन सर्जरी हुई थी.

प्रमुख विपक्षी दल, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने, उनकी इस ‘वर्क फ्रॉम होम’ संस्कृति की कड़ी आलोचना की थी, लेकिन ठाकरे को एमवीए के उनके सहयोगियों का जोरदार समर्थन हासिल है .

‘मंत्रालय’ में तैनात एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी ने पहले दिप्रिंट को बताया था कि मुख्यमंत्री के साथ समय बिताना महत्वपूर्ण है लेकिन इसके न होने से शासन कार्य को कोई नुकसान नहीं हुआ है.

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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