नई दिल्ली: महाराष्ट्र के सीएम और शिवसेना के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे राज्य में सरकार के सौ दिन पूरे होने पर अयोध्या राम लला के दर्शन करने पहुंचे हैं. इस मौके पर उन्होंने राम मंदिर के लिए एक करोड़ रुपये देने का एलान भी किया. इस दौरान ठाकरे ने यह भी साफ किया कि यह राशि राज्य सरकार नहीं, बल्कि हमारा ट्रस्ट राम मंदिर निर्माण के लिए एक करोड़ रुपए की राशि देगा.
ठाकरे ने कहा, ‘मुझे वो दिन याद है जब मेरे पिताजी भी यहां आए थे. महाराष्ट्र के गांव-गांव से यहां पत्थर भेजे गए थे.’
अयोध्या पहुंचने पर सीएम ठाकरे ने कहा, ‘मैं प्रभु श्रीराम का दर्शन करने आया हूं. जब मैं पहली बार यहां आया था तो कहा था कि बार-बार आऊंगा.डेढ़ वर्षों में यह मेरा तीसरा अयोध्या दौरा है.’
‘मेरी बहुत इच्छा थी कि सरयू आरती करके जाऊं. लेकिन जिस तरह से कोरोना वायरस का आतंक पूरे विश्वभर में फैला है, इसलिए अगली बार आरती करूंगा.’
भाजपा और हिंदुत्व अलग-अलग
उन्होंने मीडियों के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि मैं भाजपा से अलग हुआ हूं, हिंदुत्व से नहीं. भाजपा का मतलब हिंदुत्व नहीं है. हिंदुत्व अलग है और भाजपा अलग है.
कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए सीएम ठाकरे के सभी कार्यक्रम रद्द कर दिए है. वे केवल राम मंदिर और हनुमनागढ़ी के दर्शन करेंगे. न ही सरयू की आरती करेंगे न ही जनसभा होगी.
सीएम ठाकरे ने उत्तरप्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ से अपील करते हुए कहा कि मैं महाराष्ट्र सरकार की तरफ से विनती करता हूं कि अयोध्या में एक महाराष्ट्र भवन का निर्माण करने के लिए जमीन दी जाए. ताकि मराठी लोग यहां आएतो उन्हें ठहरने के लिए कोई दिक्कत नहीं हो.
विचारधारा में कोई बदलाव नहीं आया: शिवसेना
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे के अपनी सरकार के 100 दिन पूरे होने पर अयोध्या जाने के मौके पर पार्टी ने शनिवार को कहा कि उसकी विचारधारा में कोई बदलाव नहीं आया है.
अपने पूर्व सहयोगी दल भाजपा पर कटाक्ष करते हुए शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ में कहा कि भगवान राम और हिंदुत्व किसी एक राजनीतिक दल की संपत्ति नहीं है.
शिवसेना ने कहा कि राकांपा और कांग्रेस वाली महा विकास अघाड़ी सरकार ने 100 दिन पूरे कर लिए हैं जो उन लोगों के लिए दुख की बात है जिन्होंने दावा किया था कि यह नयी गठबंधन सरकार 100 घंटे से ज्यादा नहीं चलेगी.
संपादकीय में कहा गया है,’जिनकी सरकार 80 घंटे ही चल पाई वे दावा कर रहे थे कि ठाकरे सरकार 100 घंटे तक भी नहीं चलेगी.लेकिन इस एमवीए सरकार ने न केवल उन्नति की बल्कि अपने प्रदर्शन से लोगों के मन में भरोसा भी कायम किया.’
शिवसेना देवेंद्र फड़णवीस सरकार के दूसरे कार्यकाल का जिक्र कर रही थी. यह सरकार पिछले साल नवंबर में महज 80 घंटे ही चल पाई थी.
सामना में कहा गया है, ‘मुख्यमंत्री ठाकरे के अयोध्या दौरे का स्वागत किया जाना चाहिए क्योंकि वह भगवान श्री राम के चरणकमलों में सरकार द्वारा किए गए कामों के पुष्प अर्पित कर रहे हैं.’
संपादकीय में कहा गया है कि ठाकरे की अयोध्या यात्रा को लेकर उनके राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों ने कई सवाल खड़े किए.
इसमें कहा गया है,’कोई भी सरकार का समर्थन कर सकता है लेकिन उद्धव ठाकरे और शिवसेना बाहर तथा अंदर से एक जैसे ही रहेंगे। विचारधारा में कोई बदलाव नहीं आया है. भगवान श्री राम और हिंदुतव किसी एक पार्टी की संपत्ति नहीं है.’
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ नेता सुरेश ‘भैयाजी’ जोशी की टिप्पणी कि हिंदू समुदाय भाजपा का पर्याय नहीं है और भाजपा का विरोध करने का मतलब हिंदुओं का विरोध नहीं है, का जिक्र करते हुए शिवसेना ने कहा कि इसी तरह अयोध्या सभी का है.
शिवसेना ने कहा कि बाल ठाकरे ने दुनिया भर के हिंदुओं में मंदिर के निर्माण को लेकर भरोसा पैदा किया था.
पार्टी ने कहा कि महाराष्ट्र को भगवान श्रीराम और छत्रपति शिवाजी महाराज द्वारा दिखाए रास्ते पर चलाया जा रहा है.
विधायक की मांग, अयोध्या मंदिर ट्रस्ट में शिवसेना का भी सदस्य हो शामिल
महाराष्ट्र से शिवसेना विधायक प्रताप सरनाइक ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर पार्टी के एक नेता को राम मंदिर ट्रस्ट में सदस्य के तौर पर नियुक्त करने की मांग की है.
ठाणे के ओवाला-मजीवड़ा सीट से विधायक सरनाइक ने मंदिर के निर्माण के लिए अभियान चलाने में शिवसेना संस्थापक दिवंगत बाल ठाकरे के योगदान का भी जिक्र किया.
शुक्रवार को भेजे गए दो पन्नों के पत्र में सरनाइक ने कहा कि शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने भी मंदिर निर्माण के लिए बहुत प्रचार किया है.
प्रधानमंत्री मोदी ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए पांच फरवरी को लोकसभा में 15 सदस्यीय श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के गठन की घोषणा की थी.
इसका संदर्भ देते हुए सरनाइक ने आरोप लगाया कि ट्रस्ट के सदस्यों की नियुक्ति के वक्त राम मंदिर ध्येय के लिए दिए गए शिवसेना के योगदान को बहुत आसानी से भुला दिया गया.
उन्होंने कहा,’अब जब मंदिर का निर्माण होने जा रहा है, केंद्र सरकार को हजारों शिवसैनिकों और ठाकरे परिवार की सहभागिता को कभी नहीं भूलना चाहिए. इसलिए आपसे अनुरोध है कि किसी राम भक्त शिवसैनिक को मंदिर का न्यासी नामित किया जाए.’
(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट्स के साथ में)