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Wednesday, 18 December, 2024
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योगी सरकार का यू-टर्न, अब यूपी के श्रमिकों से काम लेने पर दूसरे राज्यों को नहीं लेनी होगी परमिशन

योगी सरकार लाॅकडाउन के दौरान ही अपने दो अन्य फैसलों पर भी यू-टर्न ले चुकी है. आइसोलेशन वार्ड में मरीजों के मोबाइल रखने पर रोक लगाने और लेबर लाॅ पर रोक लगाने के फैसले पर भी बयान वापस लिया था.

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लखनऊ: पिछले दिनों श्रमिकों के हक व रोजगार के लिए माइग्रेशन कमीशन बनाने की घोषणा के वक्त यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि यूपी के कामगारों से काम लेते वक्त दूसरे राज्यों को इजाजत लेनी पड़ेगी. इस बयान पर छिड़े विवाद के बीच सरकार ने अपने कदम खींच लिए हैं और ऐसे किसी नियम को माइग्रेशन कमीशन में शामिल नहीं किया जाएगा.

योगी सरकार के एक सीनियर अधिकारी ने कहा, ‘ दूसरे राज्यों को उत्तर प्रदेश के कामगारों को अपने यहां काम या नौकरी पर रखने के लिए यूपी सरकार के अनुमति की जरूरत नहीं पड़ेगी.

‘सरकार की चिंता अपने निवासियों की सोशल सेक्योरिटी की है. इसके लिए श्रमिक कल्याण आयोग गठित किया जा रहा है. ये माइग्रेशन कमीशन होगा.’

अधिकारी ने आगे कहा, ‘इसके तहत वापस आए माइग्रेंट वर्कर्स की स्किल मैपिंग होगी. जो भी जिस फील्ड में स्किल्ड होगा उसे उससे संबंधित रोजगार दिलाने का प्रयास सरकार करेगी.’

सरकार के मुताबिक, यूपी में अब तक 25 साख से अधिक माइग्रेंट वर्कर वापस लौटे हैं. और अब सरकार सभी का डेटाबेस तैयार करने का काम कर रही है.


यह भी पढ़ें: प्रवासी श्रमिकों को रोजगार के साथ-साथ कम किराये वाले घर देने की तैयारी में योगी सरकार


क्या बयान दिया था योगी ने

सीएम योगी आदित्यनाथ ने बीते रविवार को बयान दिया था, ‘उत्तर प्रदेश के अंदर जितनी भी मैनपावर हमारी है, इन सबकी स्किल मैपिंग के साथ-साथ कमिशन का गठन करके व्यापक स्तर पर रोज़गार उत्तर प्रदेश के अंदर उपलब्ध कराने की कार्रवाई सरकार कर रही है.’

‘अब अगर किसी सरकार को मैनपावर चाहिए, तो इनकी सोशल सिक्युरिटी की गारंटी राज्य सरकार देगी, उनका बीमा कराएगी, उनको हर तरह से सुरक्षा भी दी जाएगी.’

य़ोगी ने यह भी कहा था,’ लेकिन इसके बाद राज्य सरकार बिना हमारे परमिशन के हमारे कामगारों को लेकर नहीं जाएगी, क्योंकि कुछ राज्यों में जो लोगों की दुर्गति हुई है, जिस प्रकार का व्यवहार हुआ है उसको देखते हुए हम इनकी सोशल सेक्युरिटी की गारंटी अपने हाथों में लेने जा रहे हैं. इसके लिए मैंने एक कमीशन बनाने की व्यवस्था की है.”

राहुल गांधी, राज ठाकरे ने उठाए थे सवाल

योगी के इस बयान पर विपक्षी दलों ने घेरने की कोशिश की थी. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने यूपी के श्रमिकों से जुड़े सवाल पर जवाब देते हुए मंगलवार को कहा कि श्रमिक किसी की निजी संपत्ति नहीं है. राहुल बोले, ‘ उत्तर प्रदेश से कोई भी कहीं काम करने जा सकता है. वे चाहे महाराष्ट्र जाएं, दिल्ली आएं या पंजाब जाएं.’

उन्होने कहा कि भारत के किसी भी नागरिक को देश के किसी भी हिस्से में अपने भविष्य को संवारने के लिए जाने का अधिकार है. वहीं महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे ने योगी के बयान के बाद  कहा, ‘अगर उत्तर प्रदेश सरकार से परमिशन लेने की ज़रूरत पड़ेगी, तो जो मज़दूर महाराष्ट्र में काम के लिए एंट्री लेना चाहते हैं तो उन्हें भी महाराष्ट्र सरकार से मंज़ूरी लेनी चाहिए. उन्होंने आगे कहा, ‘महाराष्ट्र सरकार को इस बारे में गंभीरता से विचार करना चाहिए.’


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लगातार यू-टर्न ले रही सरकार

इससे पहले योगी सरकार लाॅकडाउन के दौरान ही अपने दो अन्य फैसलों पर भी यू-टर्न ले चुकी है. सरकार की ओर से पिछले दिनों आइसोलेशन वार्ड में मरीजों के मोबाइल रखने पर रोक लगा दी थी लेकिन इस फैसले पर जब विपक्षी दलों ने सवाल उठाए थे तो ये वापस ले लिया.

इसी तरह अहम लेबर लाॅ पर रोक लगाने के फैसले पर उठे सवालों पर सरकार की ओर से कहा गया कि ये केवल नई इंडस्ट्री लगाने वालों पर लागू होगा, पुरानी इंडस्ट्रियों पर लेबर लाॅ लागू रहेंगे.

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1 टिप्पणी

  1. गिरीश कुमार भूतपूर्व बाल श्रम अध्यापक

    श्रमिकों को ₹1000 आजमगढ़ जिले में नहीं मिला

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