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Sunday, 14 December, 2025
होमराजनीति‘सच मोदी-शाह को हराएगा’—कांग्रेस की ‘वोट चोरी’ रैली में राहुल और प्रियंका का बीजेपी पर जोरदार हमला

‘सच मोदी-शाह को हराएगा’—कांग्रेस की ‘वोट चोरी’ रैली में राहुल और प्रियंका का बीजेपी पर जोरदार हमला

पार्टी की दिल्ली, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और हरियाणा इकाइयों द्वारा हज़ारों कार्यकर्ताओं को जुटाने से यह रैली काफी बड़ी रही, जिससे मध्य दिल्ली के कई हिस्सों में घंटों तक जाम की स्थिति रही.

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नई दिल्ली: कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने रविवार को कहा कि भले ही “इसमें वक्त लगे”, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जिनकी बहादुरी, उनके मुताबिक, सत्ता जाने के बाद खत्म हो जाएगी आखिरकार “सच” के सामने हारेंगे.

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष ने यह बात दिल्ली के रामलीला मैदान में ‘वोट चोरी’ के खिलाफ कांग्रेस की मेगा रैली को संबोधित करते हुए कही. ‘वोट चोरी’ कांग्रेस का चुनाव आयोग और बीजेपी सरकार के साथ उसके कथित गठजोड़ के खिलाफ चलाया जा रहा देशव्यापी अभियान है, जिसमें “वोट चुराने” का आरोप लगाया गया है.

राहुल ने कहा, “छह साल के बच्चे से लेकर 90 साल के बुजुर्ग तक, हर कोई जानता है कि मोदी और शाह वोट चुराकर चुनाव जीतते हैं. इसमें समय लग सकता है, लेकिन भारत में सच की जीत होगी. मोदी और शाह जितने चाहें भाषण दे लें, हम उन्हें सच और अहिंसा से हराएंगे, हिंसा और नफरत से नहीं.”

यह रैली काफी बड़ी रही पार्टी की दिल्ली, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और हरियाणा इकाइयों ने हज़ारों कार्यकर्ताओं को जुटाया जिससे मध्य दिल्ली के कई हिस्सों में घंटों तक यातायात ठप रहा. कांग्रेस का पूरा शीर्ष नेतृत्व और राज्यों के वरिष्ठ नेता मौजूद थे.

अपने भाषणों में राहुल और प्रियंका गांधी वाड्रा समेत कई वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं ने पार्टी कार्यकर्ताओं और समर्थकों का गिरता मनोबल बढ़ाने की कोशिश की. उन्होंने कहा कि हरियाणा, महाराष्ट्र और बिहार में चुनावी हार से निराश होने की ज़रूरत नहीं है, क्योंकि “हर कोई जानता है कि मोदी और शाह कैसे चुनाव चुराते हैं.”

राहुल और प्रियंका दोनों ने मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार और चुनाव आयुक्त सुखबीर सिंह संधू और विवेक जोशी का नाम लेकर समर्थकों से उन्हें याद रखने को कहा.

प्रियंका ने कहा, “इन नामों को याद रखिए, कभी मत भूलिए. इस देश में चाहे उन्हें बचाने के लिए कितनी ही व्यवस्थाएं कर ली जाएं, देश इन नामों को नहीं भूलेगा. एक दिन उन्हें लोगों को जवाब देना होगा कि उन्होंने आपके वोट के अधिकार को छीनने की साजिश कैसे रची.”

अपनी बहन की बात दोहराते हुए राहुल ने कहा जैसा कि उन्होंने लोकसभा में चुनाव सुधारों पर चर्चा के दौरान कहा था कि कांग्रेस सत्ता में लौटने पर ‘मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्त (नियुक्ति, सेवा की शर्तें और कार्यकाल) अधिनियम, 2023’ में बदलाव करेगी. यह कानून सीईसी और ईसी को पद पर रहते हुए लिए गए फैसलों पर कानूनी कार्रवाई से छूट देता है.

राहुल ने कहा, “मैं इस मंच से कह रहा हूं, कांग्रेस आपको बता रही है आप इस देश के ईसी हैं, नरेंद्र मोदी के नहीं. हम इस कानून को पिछली तारीख से बदलेंगे और आपके खिलाफ कार्रवाई करेंगे.” उन्होंने चुनाव आयोग की तिकड़ी पर “बीजेपी सरकार से मिलीभगत” का आरोप लगाया.

राहुल ने अमित शाह पर भी निशाना साधा और कहा कि संसद में चुनाव सुधारों पर चर्चा के दौरान उनके “हाथ कांप रहे थे.”

उन्होंने कहा, “उनके हाथ इसलिए कांप रहे थे क्योंकि वे सत्ता में रहते तक बहादुर होते हैं. जैसे ही सत्ता जाती है, यह बहादुरी खत्म हो जाती है. मोदी के चेहरे को ध्यान से देखिए. उनका आत्मविश्वास कम हो गया है. उन्हें भी पता है कि उनकी वोट चोरी पकड़ी जा चुकी है और जल्द ही पूरा देश इस सच को जान जाएगा.”

अपने भाषण में प्रियंका ने यह भी आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री कार्यालय में “एक व्यक्ति” सट्टेबाजी ऐप से जुड़ी गड़बड़ियों में शामिल है. उन्होंने यह आरोप देश में बेरोजगार युवाओं की स्थिति पर बोलते हुए लगाया.

प्रियंका ने कहा, “इस देश के युवा बेरोज़गारी, महंगाई, पेपर लीक और नशे की समस्या से जूझ रहे हैं और दिनभर सट्टेबाजी ऐप्स पर समय बिता रहे हैं और यह सट्टेबाजी ऐप कहां से चल रहा है? सूत्रों के मुताबिक, प्रधानमंत्री कार्यालय का एक व्यक्ति इसमें गड़बड़ियां कर रहा है. क्या इस पर संसद में चर्चा होती है? नहीं. वे चाहते हैं कि हम राष्ट्रगान पर बहस करें, बेरोज़गारी, पेपर लीक या महंगाई पर नहीं.”

उन्होंने बीजेपी को कागजी मतपत्र (पेपर बैलेट) से चुनाव कराने की चुनौती भी दी, जिसकी मांग वह हाल के दिनों में बार-बार करती रही हैं.

राहुल ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत पर भी हमला बोला. भागवत ने शनिवार को पोर्ट ब्लेयर (जिसे अब श्री विजय पुरम कहा जाता है) में एक सार्वजनिक कार्यक्रम में कहा था कि आज के समय में दुनिया में पहचान सच से नहीं, बल्कि ताकत से बनती है.

पीटीआई के हवाले से भागवत ने कहा था, “विश्व सत्य को नहीं, शक्ति को देखता है, जिसके पास शक्ति है, उसको मानता है… भले मन से नहीं, पर मानता जरूर है.”

राहुल ने कहा कि भागवत की यह सोच हिंदू दर्शन से मेल नहीं खाती, जो सत्य को सर्वोच्च मानता है.

उन्होंने कहा, “यह भागवत और आरएसएस की विचारधारा है, और हमारी वैचारिक लड़ाई इन्हीं से है. यह सच और झूठ के बीच की लड़ाई है.”

(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)

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