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Wednesday, 15 October, 2025
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फडणवीस के सामने हथियार डालने वाले शीर्ष माओवादी: सोनू भूपति आत्मसमर्पण के लिए कैसे हुए राज़ी

भूपति का आत्मसमर्पण माओवादी आंदोलन के लिए बड़ा झटका है क्योंकि वे सुरक्षा बलों द्वारा नंबला केशव राव के मारे जाने के बाद प्रतिबंधित सीपीआई (माओवादी) का महासचिव बनने के लिए शीर्ष 2 दावेदारों में से एक थे.

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मुंबई: वरिष्ठ माओवादी नेता मल्लोजुला वेणुगोपाल राव उर्फ सोनू भूपति ने बुधवार को गढ़चिरोली में आत्मसमर्पण किया. इस मौके पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि भूपति ने आत्मसमर्पण के लिए एक बड़ा शर्त रखी थी—वे मुख्यमंत्री की मौजूदगी में ही हथियार डालना चाहते थे.

गढ़चिरोली में पत्रकारों से बातचीत में फडणवीस ने कहा, “उनकी इच्छा थी कि वे मुख्यमंत्री की मौजूदगी में आत्मसमर्पण करें. जब हमारे वरिष्ठ अधिकारियों ने मुझे बताया, तो मैंने कहा कि अगर वे मुझे जंगल बुलाएं तो मैं जाने को तैयार हूं, लेकिन बेहतर होगा कि वे यहीं आत्मसमर्पण करें. इसलिए मैंने अपने सारे अन्य कार्यक्रम रद्द किए और तुरंत यहां आ गया.”

फडणवीस ने यह भी कहा कि यह महाराष्ट्र पुलिस की प्रतिष्ठा का मामला था क्योंकि वरिष्ठ अधिकारियों ने भूपाती को भरोसा दिया था.

भूपति जो माओवादी केंद्रीय समिति के शीर्ष निर्णयकारी निकाय के सदस्य हैं उन्होंने 60 अन्य पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी (PLGA) के लड़ाकों के साथ गढ़चिरोली में आत्मसमर्पण किया. भूपति का आत्मसमर्पण माओवादी आंदोलन के लिए बड़ा झटका है, क्योंकि सुरक्षा बलों ने मई में नंबला केशव राव उर्फ बसवराजू की हत्या के बाद वह प्रतिबंधित सीपीआई (माओवादी) के महासचिव बनने के शीर्ष दो दावेदारों में से एक थे.

फडणवीस ने कहा, “भूपति का आत्मसमर्पण महत्वपूर्ण है क्योंकि वह केवल केंद्रीय समिति का एक सदस्य नहीं हैं, बल्कि 40 साल पहले उन्होंने गढ़चिरोली के आहरी और सिरोंचा जैसे क्षेत्रों में माओवादी समूहों को मजबूत किया और महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़ में माओवादी नेटवर्क बनाया.”

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि उनका आत्मसमर्पण महाराष्ट्र में माओवादीवाद के अंत की शुरुआत का संकेत है.

सुलह और खुला ऐलान

फडणवीस ने कहा कि यह प्रक्रिया 1 जनवरी से शुरू हुई, जब भूपति की पत्नी तारका, जो खुद भी एक प्रमुख माओवादी नेता हैं, उन्होंने भी हथियार डाल दिए.

भूपति ने कथित तौर पर 15 अगस्त को एक पत्र पर भी हस्ताक्षर किए थे, जिसमें सुरक्षा बलों के साथ एकतरफा संघर्षविराम का प्रस्ताव रखा गया था. यह पत्र पिछले महीने सामने आया था और माओवादी नेतृत्व में दरारों को दिखाता है.

फडणवीस के अनुसार, सुरक्षा बल पिछले एक महीने से भूपति से संपर्क में थे और उनके साथ बातचीत कर रहे थे.

उन्होंने कहा, “एक ओर हम उन्हें आत्मसमर्पण के लिए मनाने की कोशिश कर रहे थे और दूसरी ओर ऑपरेशन चल रहे थे ताकि माओवादी समझ जाएं कि अगर वे आत्मसमर्पण नहीं करेंगे तो ऑपरेशन जारी रहेंगे और उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा.”

उन्होंने यह भी कहा कि छत्तीसगढ़ के और भी कई काडर्स भूपति के कदमों का अनुसरण कर आत्मसमर्पण कर सकते हैं.

मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि भूपति ने सिर्फ आत्मसमर्पण नहीं किया, बल्कि खुलकर यह ऐलान भी किया कि “माओवादीवाद अब खत्म हो चुका है और इससे हमें कुछ हासिल नहीं होने वाला, इसलिए बेहतर है कि हम हथियार डाल दें.”

फडणवीस ने भरोसा दिलाया कि आत्मसमर्पण करने वाले माओवादी अच्छी तरह पुनर्वासित किए जाएंगे, ताकि वे अपने फैसले पर गर्व महसूस करें, न कि पछतावा.

उन्होंने कहा, “हम यह संदेश देना चाहते हैं कि अगर आप भारतीय संविधान का पालन करेंगे तो यह आपकी देखभाल करेगा, जहां ज़रूरत होगी, राज्य काडर्स को विशेष कौशल में प्रशिक्षण दिलाने में मदद करेगा.”

इसके अलावा, राज्य सरकार गढ़चिरोली को स्टील हब के रूप में पहचान देने की कोशिश कर रही है. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने उन कंपनियों को सूचित किया है जो जिले में अपना आधार स्थापित करना चाहती हैं कि उन्हें पूरी सहायता दी जाएगी, लेकिन कंपनियों को अपने 95 प्रतिशत कर्मचारियों को स्थानीय गढ़चिरोली निवासियों में से ही नियुक्त करना होगा.

(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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