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Saturday, 2 November, 2024
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कल होगा कमलनाथ सरकार के भाग्य का फैसला, शिवराज बोले-सत्यमेव जयते

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर बागी विधायक विधानसभा में आना चाहते हैं तो कर्नाटक के डीजीपी और मध्य प्रदेश के डीजीपी दोनों उन्हें सुरक्षा मुहैया कराएं.

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नई दिल्ली: मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार के फ्लोर टेस्ट को लेकर लगातार तीसरे दिन सुप्रीम कोर्ट सुनवाई हुई. सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने आदेश देते हुए कहा कि मध्यप्रदेश विधानसभा का सत्र शुक्रवार को बुलाया जाए. शाम पांच बजे तक फ्लोर टेस्ट की सारी प्रक्रिया पूरी की जाए.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर बागी विधायक विधानसभा में आना चाहते हैं तो कर्नाटक के डीजीपी और मध्य प्रदेश के डीजीपी दोनों उन्हें सुरक्षा मुहैया कराएं. वहीं बंगलुरु में बैठे बागी विधायक इस कार्यवाही में भाग लेने के लिए बाध्य नहीं है.

कोर्ट ने यह भी कहा कि विधानसभा में हाथ उठाकर फ्लोर टेस्ट होगा. इसकी वीडियो रिकॉर्डिंग भी करवाई जाएगी.

फ्लोर टेस्ट कराए जाने पर भाजपा नेता और पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने कहा, ‘बहुमत परीक्षण के बाद नई सरकार बनेगी, कमलनाथ सरकार हारेगी.’ उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए कहा, ‘सत्यमेव जयते’.

चौहान ने कहा कि सर्वोच्च न्यायाल के फैसले का स्वागत करता हूं. मध्यप्रदेश की कांग्रेस सरकार ने लोकतंत्र का मजाक बना रखा था. मंत्रालय वल्लभ भवन को दलालों का अड्डा बना दिया था. शराब माफिया, रेत और परिवहन माफिया हावी हो रहे थे. कानून और व्यवस्था की स्थिति चरमरा गई थी.

कल बहुमत परीक्षण होगा और हमारा ​अटल विश्वास है कि ये सरकार पराजित होगी और नई सरकार बनने का रास्ता साफ होगा. कल दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा.

सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने कहा कि इस फैसले का स्वागत करता हूं. कल सभी धुंध छट जाएगी.

मध्यप्रदेश सरकार के जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि सरकार सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन करेगी. उन 16 विधायकों भी लाना जाना चाहिए. शाम को विधायक दल की बैठक में सभी सीएम के साथ बैठक कर आगे की रणनीति पर विचार करेंगे.

विधानसभा सत्र के पहले दिन सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी द्वारा बहुमत परीक्षण नहीं कराने के चलते भाजपा सुप्रीम कोर्ट पहुंची थी. भाजपा नेता शिवराज सिंह चौहान ने कोर्ट में याचिका दायर की थी. जिस पर कोर्ट में मंगलवार को सुनवााई हुई लेकिन राज्य की कांग्रेस सरकार की तरफ से कोई भी प्रतिनिधि नहीं पहुंचने के चलते याचिका पर सुनवाई टल गई.

मंगलवार को अदालत ने सभी पक्षों से अपना पक्ष रखने के लिए कहा था. कोर्ट ने सभी पक्षकारों, राज्य के सीएम और स्पीकर को भी नोटिस भी जारी किया था.

वहीं इस मामले में बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में फिर लंबी बहस चली लेकिन फैसला नहीं हो पाया था. जिसके बाद कोर्ट ने गुरुवार को फिर मामले की सुनवाई की.

सुप्रीम कोर्ट पर पूरा भरोसा: शिवराज

कोर्ट में चल रही सुनवाई के बीच पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा हमें सुप्रीम कोर्ट पर पूरा भरोसा है. फैसला हमारे पक्ष में ही आएगा. वहीं गुरुवार दोपहर को भाजपा नेता शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने ​भोपाल के पास सिहोर स्थित रिजॉर्ट में विधायकों के साथ बैठक कर आगे की रणनीति पर चर्चा भी की.

भाजपा हमारे सरकार गिराने की साचिश रच रही है

बुधवार को कोर्ट की सुनवाई का नतीजा नहीं आने के बाद शाम को सीएम कमलनाथ ने सीएम हाउस में विधायक दल की बैठक ली. इस बैठक में सीएम कमलनाथ ने कहा कि भाजपा लगातार ‘हमारी सरकार को गिराने’ की कोशिशें कर रही है. इसका जल्द ही अंत होगा. लगातार तीसरे दिन हुई विधायक दल की बैठक में बेंगलुरु में रिजॉर्ट में रुके हुए कांग्रेस के बागी विधायकों से दिग्विजय सिंह को नहीं मिलने देने की घटना के खिलाफ निंदा प्रस्ताव भी पारित किया गया. वहीं इस बैठक में बुधवार को कोर्ट में जो हुआ इसकी जानकारी भी विधायकों को दी गई.


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सीएम ने बैठक में विधायकों से कहा कि भाजपा फ्लोर टेस्ट (सदन में बहुमत परीक्षण) की मांग कर रही है. जब तक हमारे विधायक स्वतंत्र नहीं होते तब तक फ्लोर टेस्ट की बात अलोकतांत्रिक है. सीएम कमलनाथ ने कहा कि हमें कोर्ट पर पूरा विश्वास है. हम न्यायालय का पूरा सम्मान करते है और पूरी उम्मीद है कि कोर्ट से हमें न्याया मिलेगा. हम सब एकजुट है, हमारी एकजुटता ही हमारी ताकत है.

बता दें कि कांग्रेस के पूर्व वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य के भाजपा में शामिल होने और ज्योतिरादित्य समर्थक 22 विधायकों के सूबे की सरकार से बगावत और इस्तीफा दिए जाने के बाद कमलनाथ सरकार अल्पमत में आ गई है. जिसके बाद से ही मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता शिवराज सिंह विधानसभा में कमलनाथ सरकार से बहुमत परीक्षण की मांग कर रही है. लेकिन कमलनाथ सरकार द्वारा इसे टाले जाने के बाद शिवराज चौहान ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.

नहीं उठाया गृहमंत्री शाह और कर्नाटक सीएम ने फोन 

मध्यप्रदेश में मचे सियासी उठापटक के बीच सीएम कमलनाथ ने कर्नाटक के सीएम बीएस येदियुरप्पा और गृहमंत्री अमित शाह पर फोन नहीं रिसीव करने का आरोप भी लगाया.  सीएम कमलनाथ का कहना है कि  तीन बार कर्नाटक के सीएम को फोन लगाया, लेकिन वे फोन पर नहीं आए. वहीं इसी प्रकार गृहमंत्री अमित शाह को भी फोन किया, लेकिन वे फोन नहीं उठा रहे हैं.

उन्होंने कहा कि वे खुद कर्नाटक जाना चाहते हैं, लेकिन कर्नाटक के सीएम से बात नहीं हो पा रही. ऐसे में क्या समझा जाए. हमारे विधायकों को बंधक बनाकर रखा गया है, यदि वो खुले में आएं तो दिल की बात बोलेंगे.

सीएम ने कहा कि हम तो आज भी चाहते हैं कि फ्लोर टेस्ट हो, लेकिन नियम प्रक्रिया के अनुसार हो, विधानसभा के नियमों के अनुसार हो. भाजपा वाले तो अविश्वास प्रस्ताव दे चुके हैं, लेकिन अब मुकर रहे हैं. अब कह रहे हैं कि हमने नहीं दिया, लेकिन वह तो कागज के रूप में उपलब्ध है, वह तो लिखा हुआ है, अब भाग रहे हैं.


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आपस में भिड़े भाजपा कांग्रेस कार्यकर्ता

इधर,दिग्विजय सिंह और अन्य कांग्रेस नेताओं को बेंगलुरु में पुलिस हिरासत में लिए जाने के खिलाफ भोपाल में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया. पहले कार्यकर्ताओं ने राजभवन में नारेबाजी की और भाजपा मुख्यालय का घेराव भी किया.इस दौरान दोनों दलों के कार्यकर्ताओं के बीच हाथापाई और पथराव भी हुआ. जिसमें कई लोगों को चोटे भी आई है.

कांग्रेस नेता और पूर्व सीएम बुधवार सुबह बेंगलुरु में सुबह-सुबह बागी विधायकों से मिलने रिजॉर्ट पहुंचे, लेकिन पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया था. शाम को वो बाहर आए तो कर्नाटक हाईकोर्ट में विधायकों से मिलने की इजाजत मांगी, लेकिन उनकी याचिका खारिज हो गई.

वहीं इस मामले में भाजपा ने दिग्विजय सिंह की शिकायत चुनाव आयोग से की. भाजपा ने आरोप लगाया कि ज्यसभा चुनाव से पहले कांग्रेस नेता विधायकों को डराने की कोशिश कर रहे हैं.

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