scorecardresearch
Tuesday, 22 October, 2024
होमराजनीतिJPC मीटिंग में तीखी बहस के दौरान TMC सांसद कल्याण बनर्जी ने तोड़ी कांच की बोतल, हुए जख्मी

JPC मीटिंग में तीखी बहस के दौरान TMC सांसद कल्याण बनर्जी ने तोड़ी कांच की बोतल, हुए जख्मी

वक्फ बिल पर आयोजित जेपीसी बैठक के दौरान सेवानिवृत्त न्यायाधीशों और सुप्रीम कोर्ट के वकीलों सहित कई प्रतिष्ठित हस्तियां मौजूद थीं.

Text Size:

नई दिल्ली: मंगलवार को जेपीसी बैठक के दौरान तृणमूल कांग्रेस के सांसद कल्याण बनर्जी और भाजपा सांसद अभिजीत गांगुली के बीच तीखी नोकझोंक के बाद कल्याण बनर्जी ने कांच की पानी की बोतल तोड़ दी जिसकी वजह से वह खुद चोटिल हो गए.

वक्फ बिल पर आयोजित जेपीसी बैठक के दौरान सेवानिवृत्त न्यायाधीशों और सुप्रीम कोर्ट के वकीलों सहित कई प्रतिष्ठित हस्तियां मौजूद थीं.

सूत्रों के अनुसार, कल्याण बनर्जी अपनी बारी से पहले ही बोलना चाहते थे. वे पहले ही तीन बार बोल चुके थे और प्रेजेंटेशन के दौरान फिर से मौका चाहते थे. लेकिन भाजपा सांसद अभिजीत गंगोपाध्याय ने इसका विरोध किया. इसके बाद दोनों के बीच तीखी नोकझोंक हुई, जिसमें सूत्रों ने बताया कि दोनों ने एक दूसरे के खिलाफ अपशब्दों का इस्तेमाल किया.

इस बीच कल्याण बनर्जी ने कांच की पानी की बोतल उठाकर मेज पर पटक दी जिससे वह खुद चोटिल हो गए. इसके बाद उन्होंने टूटी बोतल चेयरमैन की ओर फेंक दी. इस घटना के कारण बैठक कुछ देर के लिए स्थगित कर दी गई. इसके तुरंत बाद बनर्जी को चिकित्सा सहायता के लिए ले जाया गया, जहां उनके हाथ में चार टांके लगे.

आज की बैठक में समिति ओडिशा के कटक स्थित जस्टिस इन रियलिटी और पंचसखा प्रचार के प्रतिनिधियों के विचार और सुझाव सुन रही है. इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) के पांच सांसदों का एक प्रतिनिधिमंडल भी विधेयक पर अपना दृष्टिकोण प्रस्तुत कर रहा है.

इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) के पांच सांसदों का एक प्रतिनिधिमंडल भी विधेयक पर अपने विचार प्रस्तुत कर रहा है.

समिति ने सोमवार को बैठक की, जिसमें अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय के अधिकारियों को विधेयक के बारे में मौखिक साक्ष्य देने के लिए आमंत्रित किया गया. यह बैठक वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन से संबंधित लंबे समय से चले आ रहे मुद्दों को संबोधित करने के लिए एक बड़ी राष्ट्रीय पहल का हिस्सा है. सोमवार को संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की बैठक के दौरान चर्चा उस समय गरमा गई जब विपक्षी सदस्यों ने कानून के पीछे परामर्श प्रक्रिया पर सवाल उठाए.

उन्होंने सरकार पर राजनीतिक कारणों से विधेयक पेश करने का आरोप लगाया और आरोप लगाया कि यह मुस्लिम समुदाय को निशाना बनाकर पेश किया गया है. एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी ने विधेयक की लगभग एक घंटे तक आलोचना की और इसके निहितार्थों पर चिंता जताई. तृणमूल कांग्रेस के नेता कल्याण बनर्जी ने यहां तक ​​पूछा कि क्या अल्लाह के नाम पर मौजूद वक्फ को राज्य द्वारा कानूनी रूप से मान्यता प्राप्त है.

तनाव के बावजूद, भाजपा सदस्यों ने विधेयक का बचाव करते हुए तर्क दिया कि वक्फ संपत्ति प्रबंधन में सुधार और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए यह आवश्यक है. वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 का उद्देश्य रिकॉर्ड के डिजिटलीकरण, सख्त ऑडिट, बढ़ी हुई पारदर्शिता और अवैध रूप से कब्ज़े वाली वक्फ संपत्तियों को पुनः प्राप्त करने के लिए कानूनी तंत्र सहित महत्वपूर्ण सुधार लाना है.


यह भी पढ़ेंः वक्फ बोर्ड से अनुमति के बाद शिमला की संजौली मस्जिद की तीन मंजिलों को गिराने का काम शुरू 


 

share & View comments