scorecardresearch
Friday, 22 November, 2024
होमराजनीति'मंदिर किसी की संपत्ति नहीं', BJP कार्यकर्ताओं ने TMC के अभिषेक बनर्जी को ठाकुरबाड़ी में प्रवेश से रोका

‘मंदिर किसी की संपत्ति नहीं’, BJP कार्यकर्ताओं ने TMC के अभिषेक बनर्जी को ठाकुरबाड़ी में प्रवेश से रोका

इससे पहले अभिषेक बनर्जी ने इस मामले पर बयान जारी कर शांतनु ठाकुर सहित भाजपा कार्यकर्ताओं पर मंदिर को अपवित्र करने का आरोप लगाया.

Text Size:

नई दिल्ली: तृणमूल कांग्रेस के राज्य प्रवक्ता कुणाल घोष ने आरोप लगाया है कि भाजपा अभिषेक बनर्जी के जनसंपर्क अभियान ‘नबोजोवार’ से डर गई है और इसलिए उन्होंने टीएमसी महासचिव को उत्तर 24 परगना के ठाकुरबाड़ी मंदिर में प्रवेश करने से रोकने की कोशिश की.

घोष ने कहा, पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना में अभिषेक बनर्जी के ठाकुरबाड़ी मंदिर में दर्शन के दौरान हंगामे की सूचना मिली थी. बीजेपी के लोगों ने मंदिर को बंद कर दिया और अभिषेक बनर्जी को मंदिर में प्रवेश करने से रोकने की कोशिश की. भाजपा अभिषेक बनर्जी के नबोजोवार (जनसंपर्क अभियान) से डर गई है और इसलिए ऐसा कर रही है. हम चुनाव जीतने के बाद उस मंदिर में पूजा करेंगे.

घोष ने आगे दावा किया कि यह भाजपा की ओर से उकसावे की कार्रवाई थी.”यह उनकी (भाजपा) ओर से उकसावे की कार्रवाई थी, लेकिन अभिषेक इसके झांसे में नहीं आए. बल्कि उन्होंने पास के एक अन्य मंदिर का दौरा किया, पूजा की और वहां अपनी प्रार्थना की.”

इससे पहले रविवार को अभिषेक बनर्जी ने इस मामले पर बयान जारी कर शांतनु ठाकुर सहित भाजपा कार्यकर्ताओं पर मंदिर को अपवित्र करने का आरोप लगाया था.

बयान में कहा गया कि “आज सुबह से करीब 200-250 बीजेपी कार्यकर्ता मंदिर में मेरे प्रवेश को रोकने में जुटे हुए हैं. यह पवित्र भूमि किसी की संपत्ति नहीं है, बल्कि एक मंदिर है, जो जाति, पंथ या धर्म के बावजूद सभी के लिए खुला है. शांतनु ठाकुर और अन्य भाजपा कार्यकर्ताओं ने आज अपनी गतिविधियों से ठाकुरबाड़ी मंदिर को अपवित्र किया. लोग निकट भविष्य में इसका मुंहतोड़ जवाब देंगे.”

टीएमसी सांसद पर पलटवार करते हुए, शुभेंदु अधिकारी ने आरोप लगाया कि अभिषेक बनर्जी ने “शक्ति के आधार पर” मंदिर में प्रवेश करने का प्रयास किया.

अधिकारी ने कहा, “यह एक खतरनाक कदम है. उन्होंने (अभिषेक बनर्जी) अपनी ताकत के दम पर अंदर जाने की कोशिश की. इ बात ठीक नै अछि. सांसद होने के नाते उन्हें पहले ठाकुरबाड़ी से अनुमति लेनी चाहिए थी और पत्र भेजना चाहिए था. उन्हें बिना झंडे के जाना चाहिए था, जैसा कि ठाकुरबाड़ी में प्रथा है. समुदाय को सलाम है कि उन्होंने इसका खुलकर विरोध किया.”


यह भी पढ़ें: ‘ऐसा मिला मोहब्बत का सिला’, पहलवानों का जिक्र किए बिना बृजभूषण ने सुनाई शायरी, यूपी में दिखाई ताकत


share & View comments