देहरादून: उत्तराखंड के गढ़वाल से भाजपा के सांसद तीरथ सिंह रावत राज्य के अगले मुख्यमंत्री होंगे. उन्हें भाजपा विधायक दल की बैठक में पार्टी का नेता चुना गया. तीरथ आज शाम चार बजे मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे.
नेता चुने जाने के बाद तीरथ सिंह ने कहा, ‘मैं केंद्रीय नेतृत्व का धन्यवाद करना चाहूंगा जिन्होंने मुझे ये पदभार दिया. मैं गांव से आया हुआ एक छोटा सा कार्यकर्ता हूं, मैंने कभी कल्पना नहीं की थी.’
रावत ने कहा ‘जनता के विश्वास पर खरा उतरने की पूरी कोशिश करूंगा, मुख्यमंत्री जी (त्रिवेंद्र सिंह रावत) ने प्रदेश के लिए जो काम किए हैं उसे आगे बढ़ाएंगे.’
पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने विधायक दल की बैठक के बाद तीरथ सिंह रावत के नाम की घोषणा की. सांसद तीरथ सिंह रावत उत्तराखंड के नौवें मुख्यमंत्री होंगे. हालांकि, रावत के साथ केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक का भी नाम मुख्यमंत्री की कतार में आगे चल रहा था.
त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने मंगलवार को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था.
विधायक दल की बैठक में केंद्रीय पर्यवेक्षक के रूप में पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रमन सिंह और प्रदेश पार्टी प्रभारी दुष्यंत गौतम भी उपस्थित थे.
सूत्रों के मुताबिक, त्रिवेंद्र सिंह रावत का इस्तीफा उत्तराखंड के भाजपा महासचिव दुष्यंत कुमार गौतम और छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की उस रिपोर्ट के बाद आया जिसमें उन्होंने पार्टी की राज्य इकाई में विद्रोह की बात केंद्रीय नेतृत्व को बताई थी.
बता दें कि 2017 में हुए चुनाव में 70 सदस्यीय उत्तराखंड विधानसभा में 57 सीटें बीजेपी ने जीतीं थी जबकि कांग्रेस ने सिर्फ 11 सीटें जीतीं थीं.
शिक्षा मंत्री से मुख्यमंत्री तक का सफर
तीरथ सिंह पौड़ी से सांसद हैं और अपनी स्कूली शिक्षा के दौरान ही वह आरएसएस से और भारतीय भारतीय जनता पार्टी से जुड़ गए थे.
वह 2000 में उत्तराखण्ड के प्रथम शिक्षा मंत्री चुने गए थे. इसके बाद 2007 में उत्तराखण्ड के प्रदेश महामंत्री चुने गए.
रावत उत्तराखंड भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भी रहे हैं.
पौड़ी सीट से भाजपा के उम्मीदवार के अलावा 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्हें हिमाचल प्रदेश का चुनाव प्रभारी भी बनाया गया था. फिलहाल रावत भाजपा के राष्ट्रीय सचिव हैं.
हालांकि तीरथ ने आरएसएस से तो स्कूली शिक्षा के दौरान ही जुड़ गए थे लेकिन 1997 में जब यूपी और उत्तराखंड अलग नहीं थी तब चुनाव लड़ा था और विधायक चुने गए थे.
उनका जन्म उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल के असवालस्यूं के सीरों गांव में हुआ है.
चुनौती भरा होगा तीरथ का एक साल
उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत आरएसएस पृष्ठभूमि के नेता माने जाते है. संगठन में पूर्व मुख्यमंत्री बीसी खंडूरी के करीबी माने जाने वाले तीरथ सिंह रावत एक शांत और सौम्य स्वभाव के नेता रहे हैं.
2017 के विधानसभा चुनाव में सिटिंग विधायक रहते हुए उनका टिकट काटकर पौड़ी के चौबट्टाखाल से पार्टी ने कांग्रेस से आए सतपाल महाराज को उम्मीदवार बनाया था लेकिन रावत कोई विरोध नही जताया था.
तीरथ सिंह रावत प्रदेश भाजपा अध्यक्ष के रूप में सबको साथ लेकर चलने वाले नेता के रूप में पहचाने जाते हैं. उनके स्वाभव और सहजता कारण माना जा रहा है कि उनकी सरकार में भाजपा के विधायकों को भी शिकायत का मौका कम मिलेगा और उनको नाराजगी भी दूर होगी.
हालांकि, उनपर राज्य की ब्यूरोक्रेसी को कंट्रोल करना एक बड़ी जिम्मेदारी होगी जो त्रिवेंद्र सिंह के सत्ता से बाहर जाने के एक प्रमुख कारण था. इसके साथ एक साल के भीतर होने जा रहा विधानसभा चुनाव भी तीरथ सिंह के लिए बड़ी चुनौती होगा.
यह भी पढ़ें: ‘रावत का इस्तीफा काफी नहीं’- कांग्रेस की राष्ट्रपति से उत्तराखंड सरकार को बर्खास्त करने की मांग