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Thursday, 25 April, 2024
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टिफिन मीटिंग, ‘तालीम और तिजारत’ सेमिनार—भाजपा यूपी में चुनाव से पहले मुसलमानों को कैसे लुभा रही है

भाजपा उन मुस्लिम बहुल क्षेत्रों पर ज्यादा ध्यान केंद्रित कर रही है, जहां 2017 में उसे मामूली अंतर से हार का सामना करना पड़ा था. उसकी कोशिश है कि मोदी सरकार की तरफ से बेहतर शिक्षा और कारोबार के अवसर बढ़ाने के लिए उठाए गए कदमों को रेखांकित किया जाए.

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नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने यूपी में मुस्लिम समुदाय का समर्थन जुटाने के लिए एक महत्वाकांक्षी योजना तैयार की है—पार्टी यहां ‘टिफिन मीटिंग’ आयोजित करने, ‘तालीम और तिजारत’ पर सेमिनार और सम्मेलन करने की योजना बना रही है और पार्टी कार्यकर्ताओं से भी अधिक से अधिक अल्पसंख्यक मतदाताओं तक संपर्क साधने को कहा जा रहा है.

मंत्रियों, विधायकों और पार्टी कार्यकर्ताओं को इन कार्यक्रमों के जरिये मुस्लिम मतदाताओं से संपर्क साधने के लिए कहा जा रहा है.

मुसलमानों की संख्या यूपी की कुल आबादी का लगभग 19 प्रतिशत है, और भाजपा ने इस समुदाय के वर्चस्व वाले उन क्षेत्रों पर खास ध्यान देने का फैसला किया है, जहां 2017 में उसे मामूली अंतर से हार का सामना करना पड़ा था. पार्टी यहां नरेंद्र मोदी सरकार के उन कदमों को खास तौर पर रेखांकित करने की योजना बना रही है, जो उसने पिछले सात सालों में इस समुदाय को बेहतर शिक्षा और कारोबार के मौके मुहैया कराने के लिए उठाए हैं.

हालांकि, मुस्लिम समुदाय ने भाजपा को वोट दिया या नहीं, इस बारे में कोई सटीक डाटा उपलब्ध नहीं है, लेकिन 2017 से 2018 के बीच सभी राज्यों के चुनाव नतीजों एक सांख्यिकीय रिपोर्ट ‘स्टडीज इन इंडियन पॉलिटिक्स’ के मुताबिक, ‘निर्वाचन क्षेत्रों में मुस्लिम आबादी के अनुपात के आधार पर नतीजों का एक विश्लेषण (उत्तर प्रदेश) बताता है कि भाजपा कम और उच्च मुस्लिम बहुल दोनों निर्वाचन क्षेत्रों में वोट और सीटों के मामले में आगे थी.

भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी ने दिप्रिंट से बातचीत में कहा कि मुस्लिम समुदाय को मोदी सरकार की तरफ से उसके कल्याण के लिए उठाए गए कदमों के बारे में अवगत कराने के लिए एक राष्ट्रव्यापी अभियान शुरू किया जाएगा, जिसमें उत्तर प्रदेश जैसे चुनाव वाले राज्यों पर विशेष जोर दिया जाएगा.

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सिद्दीकी ने कहा, ‘हर स्तर पर हमारे नेता, ब्लॉक और जिला स्तर से लेकर मंत्रियों तक, मुस्लिम आबादी के साथ अनौपचारिक चर्चा करेंगे. यह चर्चा लंच के साथ होगी जिसमें सभी अपना-अपना टिफिन लेकर आएंगे और साथ में खाना खाएंगे. इससे समाज में एक सकारात्मक संदेश भी फैलेगा.’

उन्होंने आगे कहा, ‘हमारी सरकार ने अल्पसंख्यक समुदाय के लिए बहुत काम किया है, चाहे तीन तलाक को खत्म करना हो, उन्हें आवास प्रदान करना हो, या नौकरी के नए अवसर पैदा करना. हम घर-घर जाकर लोगों को इसकी जानकारी देंगे.’


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पार्टी ने हर विधानसभा सीट पर 5,000 अल्पसंख्यक कार्यकर्ताओं का लक्ष्य साधा

भाजपा के एक वरिष्ठ नेता के मुताबिक, भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा की उत्तर प्रदेश इकाई ने प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में कम से कम 5,000 नए अल्पसंख्यक कार्यकर्ता बनाने का लक्ष्य रखा है. नाम जाहिर न करने की शर्त पर एक भाजपा नेता ने कहा, ‘इसके तहत हर विधानसभा क्षेत्र में 100 लोगों को कम से कम 50 परिवारों से संपर्क बनाने की जिम्मेदारी दी गई है.’

एक दूसरे भाजपा नेता ने कहा, ‘मुस्लिम बहुल कई सीटें हैं जहां हम 2017 में मामूली अंतर से हारे थे. उदाहरण के तौर पर सहारनपुर नगर में हम समाजवादी पार्टी से 4,000 के करीब वोटों से ही हारे. गाजियाबाद जिले में आने वाली धौलाना सीट पर भी अंतर काफी कम था. इसी तरह, हमने ऐसी और सीटों की पहचान की है और उन पर खास ध्यान दिया जाना शुरू किया गया है.’

भाजपा की अल्पसंख्यक इकाई ने 24 अक्टूबर को अपनी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में आगामी विधानसभा चुनावों के रोडमैप पर चर्चा की.

‘तालीम और तिजारत’ कार्यक्रम के तहत देशभर में कार्यशालाएं, सेमिनार और सम्मेलन आयोजित किए जाएंगे, हालांकि फोकस चुनाव वाले राज्यों पर ही ज्यादा रहेगा.

एक तीसरे नेता ने कहा, ‘यह तय हुआ है कि मुस्लिम समुदाय के उत्थान के लिए शुरू की गई मोदी सरकार की तमाम योजनाओं के बारे में पूरी जानकारी भाजपा कार्यकर्ताओं को मुहैया कराने के लिए प्रशिक्षण सत्र भी आयोजित किया जाएंगे. एक बार प्रशिक्षित होने के बाद इन कार्यकर्ताओं को उत्तर प्रदेश, गोवा, हिमाचल प्रदेश सहित अन्य क्षेत्रों में भी भेजा जाएगा.’

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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