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Wednesday, 24 April, 2024
होमराजनीति'बिहार में 30 साल से नहीं हुआ विकास' प्रशांत किशोर के बयान पर बोले तेजस्वी यादव- वह कौन हैं?

‘बिहार में 30 साल से नहीं हुआ विकास’ प्रशांत किशोर के बयान पर बोले तेजस्वी यादव- वह कौन हैं?

किशोर ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव पर उनके कार्यकाल के लिए 30 साल तक राज्य में कोई विकास नहीं होने का आरोप लगाया था.

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नई दिल्ली: चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने दावा किया था कि बिहार में 30 साल से विकास नहीं हुआ है, उनके इस दावे को राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव ने शनिवार को खारिज कर दिया.

किशोर ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव पर उनके कार्यकाल के लिए 30 साल तक राज्य में कोई विकास नहीं होने का आरोप लगाया था. इसी पर पत्रकारों से बात करते हुए तेजस्वी ने प्रशांत किशोर के बयानों को निराधार बताया और राजनीति में उनके अब तक के महत्व पर सवाल उठाया.

उन्होंने कहा, ‘प्रशांत किशोर के बयान का कोई मतलब नहीं है कि मैं इसका जवाब भी दूं.यह एक निराधार बयान है. मुझे इसके आधार की जानकारी नहीं है, वह कौन है? वह अब तक कभी भी किसी चीज का फैक्टर नहीं रहे हैं.’

राजद नेता ने देश में नागरिकता (संशोधन) अधिनियम के कार्यान्वयन पर मुख्यमंत्री की प्रतिक्रिया के बारे में भी बात की और संसद में विधेयक के पक्ष में अपना वोट डालने के लिए नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली पार्टी पर निशाना साधा

नीतिश कुमार ने कहा था कि सीएए एक नीतिगत मामला है और राज्य सरकार लोगों को कोविड ​​​​से बचाने के बारे में ज्यादा चिंतित है. यह टिप्पणी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के उस बयान की प्रतिक्रिया में आई है जिसमें उन्होंने कहा था कि इस अधिनियम को महामारी की समाप्ति के तुरंत बाद लागू किया जाएगा.

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तेजस्वी ने बिहार के मुख्यमंत्री पर तंज कसते हुए कहा कि उनकी पार्टी ने संसद में विधेयक को समर्थन दिया था और इसलिए इस विषय पर उनके बयान मायने नहीं रखते.

राजद नेता ने कहा, ‘सीएए-एनआरसी पर हमारा रुख स्पष्ट है. हम हमेशा संसद में इसका विरोध करते रहे हैं और मुझे नहीं लगता कि इसे बिहार में कभी भी जल्द ही लागू किया जाएगा. जेडीयू ने संसद में बिल का समर्थन किया था. लोगों ने विरोध में सड़कों पर उतरे थे. हर पार्टी ने मामले पर अपना रुख सामने रखा था। अगर जेडीयू ने सीएए के पक्ष में मतदान किया, तो बयानों से कोई फर्क नहीं पड़ता.’


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