नई दिल्ली: लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) नेता चिराग पासवान के भारतीय जनता पार्टी नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के साथ संबंधों में तनाव के बीच राजद नेता तेजस्वी यादव ने रविवार को उनसे विपक्ष के साथ गठबंधन करने का आह्वान करते हुए कहा कि वह अपने पिता रामविलास पासवान की विरासत को आरएसएस विचारक एम एस गोलवलकर के विचारों के खिलाफ ‘अस्तित्व की लड़ाई’ में शामिल होकर ही आगे ले जा सकते हैं.
चिराग लोजपा की कमान के लिए अपने चाचा पशुपति कुमार पारस के साथ झगड़े को लेकर भाजपा की चुप्पी पर निराशा जता चुके हैं. इस पर तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया कि भाजपा ने सत्ता में आने के बाद अपने पुराने सहयोगियों को ‘छोड़’ दिया.
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता यादव ने कहा कि उनकी पार्टी हमेशा रामविलास पासवान के साथ खड़ी है और उन्होंने उस वक्त को याद किया जब लोजपा के पास एक भी विधायक नहीं था और पासवान 2009 में चुनाव हार गए थे तो लालू प्रसाद यादव ने ही उन्हें राष्ट्रीय जनता दल के कोटे से राज्य सभा भेजा था. उन्होंने पूछा कि क्या देश में किसी अन्य नेता या पार्टी के लिए कभी इतना कुछ किया या बलिदान दिया है.
यादव ने कहा, ‘हमारी पार्टी ने दलित मसीहा रामविलास जी के राज्य को दिए योगदान को देखते हुए उनकी जयंती मनाने का फैसला किया है, मुझे लगता है कि यह अपने आप में सब बयां करने वाला है.’
चिराग ने भी अपने पिता और पार्टी संस्थापक रामविलास पासवान की जयंती पर पांच जुलाई से बिहार के हाजीपुर से ‘आशीर्वाद यात्रा’ शुरू करने की घोषणा की है.
चिराग से राजग छोड़ने के पिछले हफ्ते किए अपने अनुरोध के बारे में पूछने पर यादव ने कहा कि देश ऐसे मोड़ पर है जहां संविधान समर्थक, लोकतंत्र समर्थक, किसान समर्थक और जन समर्थक ताकतें एक तरफ हैं और इस विचारधारा के विरोधी दूसरी तरफ हैं.
31 वर्षीय नेता ने कहा, ‘दिवंगत रामविलास जी समाजवादी थे और उनका अपने पूरे जीवन में सामाजिक न्याय के विचार में गहरा विश्वास रहा. वह अपने राजनीतिक सफर के दौरान जाति वर्चस्ववाद, गरीबी और गैर बराबरी से लड़े. उन्हें असली श्रद्धांजलि उनके मूल्यों और विरासत को आगे ले जाकर ही होगी और यह तभी संभव है जब चिराग जी गोलवलकर के विचारों के खिलाफ अस्तित्व की इस लड़ाई में शामिल हो जाए.’
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ओर इशारा करने वाली चिराग की इस टिप्पणी पर कि जब ‘हनुमान’ की हत्या की जा रही हो तो ‘राम’ के लिए चुप बैठना सही नहीं है, इस पर बिहार के पूर्व उपमख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि भाजपा दलों और नेताओं को ‘चांद’ पर ले जाने का वादा करके उन्हें ‘झांसे’ में लेती है लेकिन जब उनकी ‘व्यवस्था’ को लगता है कि अब वे उनके किसी काम के नहीं रहे तो वे उन्हें ऐसे निकालती है जैसे कि दूध में से मक्खी निकाल कर फेंकी जाती है.
लोजपा के चिराग और उनके चाचा पारस के धड़ों के बीच राजनीतिक लड़ाई के बारे में पूछे जाने पर राजद नेता ने चिराग का साथ दिया और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर चुटकी लेते हुए कहा कि जिन्होंने इस विभाजन को अंजाम दिया, वे चिराग पासवान के प्रति प्रतिशोध की भावना से ग्रसित हैं क्योंकि वह पिछले विधानसभा चुनावों में उनके खिलाफ लड़े थे.
यादव ने कहा, ‘दिवंगत रामविलास जी ने चिराग जी को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष और लोकसभा में संसदीय दल का नेता नियुक्त करके उन्हें अपना वारिस बनाया था और अब यह उन पर निर्भर करता है कि वह अपने पिता की विरासत को कैसे आगे लेकर जाते हैं.’
उन्होंने कहा कि जो उन पर अब सवाल उठा रहे हैं उन्होंने तब ऐसा क्यों नहीं किया जब उन्हें लोजपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया था. उनका इशारा पारस की ओर था.
चिराग के लोजपा में उथल-पुथल के लिए जनता दल (यूनाइटेड) को जिम्मेदार ठहराने पर बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता ने कहा कि चिराग ने अपने पत्रों से यह स्पष्ट किया है कि इसकी साजिश रची गयी और ‘दोषियों को हर कोई जानता है.’
यादव ने मुख्यमंत्री पर तीखा हमला बोलते हुए कहा, ‘जिन्होंने 2005 और 2010 में पार्टी को तोड़ने का काम किया उन्होंने ही यह योजना बनायी. नीतीश जी का उधार के जनादेश पर रहने का इतिहास रहा है और उन्होंने हमेशा उधार के खिलाड़ियों की मदद से अपना खेल खेला है. नीतीश कुमार ने किसी को नहीं छोड़ा और हर किसी को धोखा दिया है.’
यह भी पढ़ें: जम्मू-कश्मीर में ‘दमनकारी युग’ का अंत होना चाहिए, असहमति आपराधिक कृत्य नहीं: महबूबा मुफ्ती