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Friday, 27 December, 2024
होमदेशअब महबूबा ने कहा कि तालिबान असली शरीया के मुताबिक शासन करे तो बना सकता है मिसाल

अब महबूबा ने कहा कि तालिबान असली शरीया के मुताबिक शासन करे तो बना सकता है मिसाल

पीडीपी नेता ने कहा, 'तालिबान इस बार अगर हुकूमत करना चाहते हैं तो उन्हें असली इस्लामी शरीया जिसमें औरतों, बच्चे, बूढ़ों के अधिकार की बात है को अपना कर शासन करना चाहिए.

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नई दिल्ली: नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला के बाद अब जम्मू-कश्मीर की पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती ने बुधवार तालिबान को लेकर बयान दिया है. पीडीपी नेता ने तालिबान की अंतरिम सरकार को सुझाव दिए और अफगानिस्तान की महिलाओं, बच्चों के अधिकारों के लिए असली इस्लामी शरीया में दी गई व्यवस्था के अनुसार काम करने की उम्मीद जताई. महबूबा ने भरोसा जताया कि वह पहली बार की तरह मानवाधिकारों के खिलाफ काम नहीं करेंगे.

पीडीपी नेता महबूबा ने कहा, ‘तालिबान एक हकीकत बनकर उभर रहा है. तालिबान पहली बार की हुकूमत में जो इमेज बनी थी वह मानवाधिकार के खिलाफ थी. अबकी बार अगर वे आए हैं और अफगानिस्तान में हुकूमत करना चाहते हैं तो उन्हें वाकई जो असली इस्लामी शरीया कहता है, वो नहीं कि जो वे कहते हैं जिसमें औरतों के हुकूक हैं, बच्चे, बूढ़ों के अधिकार हैं और कैसे गवर्न करना चाहिए, मदीने का जो हमारा मॉडल रहा है, उसके अनुसार काम करें. अगर वे वाकई उस पर अमल करना चाहते हैं तो वास्तव में वे दुनिया के लिए मिसाल बन सकते हैं.

उन्होंने कहा, ‘अगर वे ऐसा करते हैं तो दुनिया के देश हैं उनके साथ कारोबार कर सकते हैं. लेकिन उन्होंने जो चीज 90 के दशक में अपनाई थी उसे फिर से अपनाते हैं तो दुनिया के लिए नहीं, खासकर अफगानिस्तान के लिए मुश्किल हो जाएगी.’

वहीं इससे पहले जम्मू-कश्मीर के नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला ने तालिबान से अच्छे शासन से उम्मीद जताई थी. उन्होंने कहा कि था तालिबान को अफगानिस्तान में इस्लामी नियमों के आधार पर शासन करना चाहिए, सभी देशों से अच्छे संबध बनाना चाहिए, और उम्मीद जताई थी कि वह सभी के साथ इंसाफ करेगा.

अब्दुल्ला के इस बयान पर भाजपा भड़क गई थी. जम्मू-कश्मीर के बीजेपी नेता और पूर्व डिप्टी सीएम निर्मल सिंह ने अब्दुल्ला पर तालिबान का पक्ष लेने का आरोप लगाया था. उन्होंने कहा था कि फारूक अब्दुल्ला उन्हीं देशों में सेक्युलरिज्म चाहते हैं जहां मुस्लिम अल्पसंख्यक हैं बाकी देशों में वह इस्लामिक शासन चाहते हैं.

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