नई दिल्ली: पाकिस्तान के पूर्व मंत्री फवाद चौधरी की लोकसभा चुनाव पर टिप्पणी और उनके द्वारा शनिवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की एक पोस्ट को रीशेयर करने के बाद से सोशल मीडिया पर दोनों के बीच तीखी नोकझोंक शुरू हो गई और अंततः भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) भी इस विवाद में कूद पड़ी.
यह विवाद, तब आया जब दिल्ली में लोकसभा चुनाव के लिए मतदान हो रहा था, पाकिस्तान में तत्कालीन इमरान खान सरकार में मंत्री चौधरी ने एक पोस्ट दोबारा शेयर की, जिसमें केजरीवाल ने लिखा था कि उन्होंने अपने परिवार के साथ मतदान किया था.
दिल्ली के सीएम ने एक्स पर पोस्ट किया, “मैंने तानाशाही, बेरोज़गारी और महंगाई के खिलाफ वोट डाला.”
मैंने अपने पिता, पत्नी और बच्चों के साथ आज वोट डाला। मेरी माता जी की तबियत बहुत ख़राब है। वो नहीं जा पाईं। मैंने तानाशाही, बेरोज़गारी और महंगाई के ख़िलाफ़ वोट डाला। आप भी वोट डालने ज़रूर जाएँ। pic.twitter.com/iCot3wOybH
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) May 25, 2024
इस पोस्ट को शेयर करते हुए चौधरी ने लिखा: “शांति और सद्भाव नफरत और उग्रवाद की ताकतों को हराए #MorePower #IndiaElection2024”.
May peace and harmony defeat forces of hate and extremism #MorePower #IndiaElection2024 https://t.co/O3YMM1KWlM
— Ch Fawad Hussain (@fawadchaudhry) May 25, 2024
यह अनुमान लगाते हुए कि भाजपा चौधरी पर वार करेगी, केजरीवाल ने पलटवार करते हुए कहा: “चौधरी साहिब, मैं और मेरे देश के लोग अपने मसलों को संभालने में पूरी तरह सक्षम हैं. आपके ट्वीट की ज़रूरत नहीं है. इस वक्त पाकिस्तान के हालात बहुत ख़राब हैं. आप अपने देश को संभालिए.”
भारत में हो रहे चुनाव हमारा आंतरिक मामला है। अतंकवाद के सबसे बड़े प्रायोजकों का हस्तक्षेप भारत बर्दाश्त नहीं करेगा। https://t.co/gjAQpOBAP0
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) May 25, 2024
आप प्रमुख ने एक अन्य पोस्ट में कहा, “भारत में हो रहे चुनाव हमारा आंतरिक मामला है। अतंकवाद के सबसे बड़े प्रायोजकों का हस्तक्षेप भारत बर्दाश्त नहीं करेगा.”. अपनी प्रतिक्रिया में, चौधरी, जिन्होंने पिछले साल मई में खान के साथ अपने रास्ते अलग करने की घोषणा की थी, इस बात पर सहमत हुए कि चुनाव भारत का आंतरिक मामला है, चरमपंथ “सीमाहीन” और “किसी के लिए भी खतरनाक” है.
चौधरी, जिन्होंने पाकिस्तान के सूचना और प्रसारण मंत्री के पद पर काम किया और विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग भी संभाला, ने इसके बाद एक और पोस्ट की, जिसमें सुझाव दिया गया कि भाजपा “मुस्लिम विरोधी भावनाओं को व्यक्त करने” के लिए पाकिस्तान को कोसने का उपयोग करती है.
इस बीच, भाजपा ने मौके का फायदा उठाते हुए दावा किया कि चौधरी की टिप्पणी पार्टी के इस आरोप को “सही साबित” करती है कि “भारत का दुश्मन पाकिस्तान भी केजरीवाल और उनके भ्रष्टाचार का समर्थन कर रहा है.”
भाजपा की दिल्ली इकाई के प्रमुख वीरेंद्र सचदेवा ने संवाददाताओं को संबोधित करते हुए पूछा, “हमने पहले दिन से देखा है कि केजरीवाल भारत विरोधी ताकतों के साथ काम कर रहे हैं. जिस दिन दिल्ली में मतदान हो रहा है उस दिन पाकिस्तान ने हस्तक्षेप क्यों किया है? पांच चरणों का मतदान खत्म हो चुका है. ऐसा पहले क्यों नहीं हुआ?”
यह भारतीय चुनावों पर चौधरी की एक और पोस्ट के कारण एक और विवाद पैदा होने के एक महीने से भी कम समय बाद आया है.
1 मई को, चौधरी ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के चुनावी भाषण का एक वीडियो साझा किया, जिसका शीर्षक था ‘राहुल ऑन फायर’.
तीन मई को की गई पोस्ट में कहा गया, “अगर मोदी जी और बीजेपी मेरे एक ट्वीट से इतने परेशान हो सकते हैं, तो कल्पना करें कि मुस्लिम, ईसाई, सिख और प्रबुद्ध और प्रगतिशील हिंदू मिलकर क्या कर सकते हैं? इन वर्गों को विभाजन और नफरत की कहानी को हराने के लिए एकजुट होना चाहिए और हर उस व्यक्ति का समर्थन करना चाहिए जो मोदी के खतरे को रोक सकता है, चाहे वो राहुल हों या ममता बनर्जी जी या केजरीवाल. उसे अपना समर्थन दें जो सुरक्षित क्षेत्र और शांति के लिए मोदी के खिलाफ जीत सकता है…नफरत फैलाने वाली भाजपा को हराएं.”
इसके चलते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस पर तंज कसा. मोदी ने समाचार एजेंसी पीटीआई से कहा था, “ठीक है, पाकिस्तान के राजनेता कांग्रेस पार्टी के ‘शहजादा’ का समर्थन करके भारत के चुनावी विमर्श में प्रवेश कर रहे हैं.”
(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)
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