नई दिल्ली: भाजपा छोड़कर सपा में शामिल होने स्वामी प्रसाद मौर्य कुशीनगर के फाजिलनगर से चुनाव लड़ेंगे. हालांकि मौर्य शहर के पडरौना सीट से चुनाव लड़ते थे. इस बार भी उम्मीद जताई जा रही थी कि वे वहीं से चुनाव लड़ेंगे. लेकिन कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल होने वाले दिग्गज नेता आरपीएन सिंह के पडरौना से चुनाव लड़ने के कयास लगाए जा रहे हैं. ऐसी चर्चा है कि स्वामी प्रसाद मौर्य अपने लिए सुरक्षित सीट चाह रहे थे जिस वजह से उन्होंने फाजिलपुर को चुना है.
फाजिलनगर से अपने नामांकन पर समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि, ‘फाजिलनगर से मेरा विधानसभा नाम प्रत्याशी के रूप में आया है. उन्होंने (अखिलेश यादव) ने मुझे फाजिलनगर विधानसभा और वहां की जनता की सेवा करने का अवसर दिया है.
गौरतलब है कि स्वामी प्रसाद मौर्य ने भाजपा में पिछड़े, दलितों का सम्मान न होने का आरोप लगाते हुए सपा में शामिल हो गये हैं. उन्हें गौर यादव का बड़ा नेता माना जाता है, खासकर मौर्य समाज, जो की यूपी में कई सीटों पर अच्छा प्रभाव रखता है. माना जा रहा है कि स्वामी प्रसाद के सपा में शामिल होने से भाजपा के केशव प्रसाद मौर्य के बराबार का पार्टी को नेता मिल गया है, जिसका चुनाव में बड़ा फायदा मिलेगा.
क्या उन्हें हार का डर सता रहा था? जहां एक ओर समाजवादी पार्टी का सुपड़ा साफ हो रहा है, तो दूसरी तरफ उन्हें(स्वामी प्रसाद मौर्य) हारने का का डर सता रहा है: केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर, दिल्ली
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 2, 2022
वहीं भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने मौर्य पर तंज कसते हुए कहा कि, ‘क्या उन्हें हार का डर सता रहा था? जहां एक ओर समाजवादी पार्टी का सुपड़ा साफ हो रहा है, तो दूसरी तरफ उन्हें (स्वामी प्रसाद मौर्य) हारने का डर सता रहा है.’
‘ऐसी स्थिति हो गई है कि स्वामी प्रसाद मौर्य अपनी सीट पर भी चुनाव लड़ने के लिए तैयार नहीं है. आखिर क्या मज़बूरी है कि उन्हें पडरौना छोड़कर भागना पड़ा..’
कांग्रेस के छोड़कर भाजपा में शामिल हुए हैं आरपीएन सिंह
गौरतलब है कि पडरौना के ‘राजा साहेब’ RPN Singh ने बीते 25 जनवरी को कांग्रेस का हाथ छोड़ BJP का दामन थाम लिया था. संभावना जताई जा रही थी कि भाजपा उन्हें पार्टी छोड़कर सपा में गए स्वामी प्रसाद मौर्य की कुशीनगर के पडरौना सीट से उनके खिलाफ मैदान में उतार सकती है.
पिछड़ी जाति से आते हैं, रह चुके हैं मंत्री
आरपीएन सिंह कुशीनगर के पडरौना के रहने वाले हैं और पिछड़ी जाति से आते हैं. वह सैंथावर-कुर्मी है. कई जगह यह जाति पटेल, वर्मा आदि टाइटल लगाती है. आरपीएन सिंह की पूर्वांचल में काफी पकड़ है. यहां कुर्मी वोटों की संख्या काफी मात्रा में हैं.
आरपीएन सिंह कांग्रेस पार्टी में रहते हुए गृह मंत्रालय में राज्यमंत्री भी रह चुके हैं. 15वीं लोकसभा में कुशीनगर से सांसद रहे हैं. वह पडरौना से तीन बार विधायक और एक बार सांसद रहे हैं. आरपीएन सिंह 1996 से 2009 तक पडरौना से कांग्रेस के विधायक रहे हैं. 2009 में वह कुशीनगर लोकसभा सीट से सांसद चुने गए. वह यूपीए-2 सरकार में सड़क परिवहन, पेट्रोलियम मंत्री रह चुके हैं. वह चार दशकों से राजनीति में सक्रिय रहे हैं. सिंह 2014 और 2019 का लोकसभा चुनाव हार गए थे. 1996 में वह पहली बार लोकसभा चुनाव लड़े थे लेकिन भाजपा की रामनगीना से चुनाव हार गए थे.
पडरौना के राजा साहेब
आरपीएन सिंह का पूरा नाम कुंवर रतनजीत प्रताप नारायण सिंह है. वह पडरौना के राजा साहेब के नाम से चर्चित हैं. लोग उन्हें इसी नाम से बुलाते हैं. आरपीएन सिंह का जन्म 25 अप्रैल 1964 को दिल्ली में हुआ. उनकी पत्नी पत्रकार सोनिया सिंह हैं. दोनों को तीन बेटियां हैं.