नई दिल्ली : आम आदमी पार्टी के नेता राघव चड्ढा का राज्यसभा से निलंबन सोमवार को राज्यसभा सभापति जगदीप धनखड़ ने रद्द कर दिया है.
चड्ढा की सदस्यता संसद के मानसून सत्र के दौरान भाजपा सांसद जीवीएल नरसिम्हा राव द्वारा लाए गए एक प्रस्ताव के बाद निलंबित कर दी गई थी.
आप नेता के निलंबन मामले पर चर्चा के लिए आज दोपहर, संसद में राज्यसभा की विशेषाधिकार समिति की बैठक हुई.
My statement on the revocation of my suspension from Parliament today.
आपका बेटा आज से संसद में दोबारा आपकी सेवा में pic.twitter.com/869rRDBylj
— Raghav Chadha (@raghav_chadha) December 4, 2023
एक वीडियो संदेश में, चड्ढा ने कहा, “सर्वोच्च न्यायालय के हस्तक्षेप के कारण मेरा निलंबन (राज्यसभा के सदस्य के तौर पर) रद्द किया गया. सदन में एक प्रस्ताव के जरिए निलंबन रद्द किया गया. मुझे 115 दिनों तक निलंबित रखा गया, और मैं इस दौरान लोगों के सवाल नहीं पूछ सका. आज, मैं माननीय सुप्रीम कोर्ट और राज्यसभा सभापति को धन्यवाद देता हूं.”
चड्ढा को “विशेषाधिकार के उल्लंघन” शिकायतों के बाद इस साल 11 अगस्त को उच्च सदन से निलंबित कर दिया गया था.
सांसद पर आरोप था कि उन्होंने प्रवर समिति में अपना शामिल करने से पहले पांच राज्यसभा सांसदों से उनकी सहमति नहीं ली थी.
उन्हें तब तक निलंबित रखा गया था, जब तक कि विशेषाधिकार समिति ने राज्यसभा में दिल्ली सेवा विधेयक से संबंधित एक प्रस्ताव में पांच सांसदों के जाली हस्ताक्षर करने के आरोप पर अपना निष्कर्ष प्रस्तुत नहीं कर दिया.
चड्ढा ने इससे पहले निलंबन को स्पष्ट रूप से अवैध और गैरकानूनी बताया था.
निलंबन का सामना करते हुए, चड्ढा ने उच्च सदन से अपने अनिश्चितकालीन निलंबन को चुनौती देते हुए शीर्ष अदालत का रुख किया था.
हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने चड्ढा को जगदीप धनखड़ से मिलने और बिना शर्त माफी मांगने को कहा.
मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने उम्मीद जताई कि अध्यक्ष इस मामले पर “सहानुभूतिपूर्ण” दृष्टिकोण अपनाएंगे.
पीठ ने चड्ढा के वकील के बयान दर्ज किए कि सांसद का सदन की गरिमा को नुकसान पहुंचाने का कोई इरादा नहीं रखते, जिसके कि वह सदस्य हैं और वह राज्यसभा सभापति से मिलने का समय मांगेंगे ताकि वह बिना शर्त माफी मांग सकें.
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