पटना: लालू यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (राजेडी) में पार्टी पावर को लेकर पारिवारिक विवाद गहरा रहा है. राजेडी के अध्यक्ष लालू प्रसाद के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव ने आरोप लगाया है कि उनकी पार्टी के कुछ लोगों ने अपनी महत्वाकांक्षा के लिए जेल से रिहाई के बावजूद उनके पिता को दिल्ली में ‘बंधक’ बनाकर रखा है.
तेज प्रताप के पिता लालू प्रसाद को ‘बंधक’ बनाए जाने के बाद बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता और उनके छोटे भाई तेजस्वी प्रसाद यादव ने कहा कि ‘लालू का व्यक्तित्व इससे मेल नहीं खाता, उन्होंने तो लालकृष्ण आडवाणी को गिरफ्तार करवाया था.’
लालू के बंधक बनाए जाने तेज प्रताप के बयान को भाजपा नेता और राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने गंभीरता से लिया है. सुशील मोदी ने सुरक्षा एंजेसियों और सीबीआई को इस मामले में संज्ञान लेने की बात भी कही है.
वहीं भाजपा प्रवक्ता निखिल आनंद और अरविंद कुमार सिंह ने तेजप्रताप का उक्त बयान अपने छोटे भाई तेजस्वी यादव को लेकर दिए जाने का दावा करते हुए नेता प्रतिपक्ष से स्पष्टीकरण देने की मांग की.
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‘गंभीरता से लें सुरक्षा एंजेसियां’
सुशील मोदी अपने सिलसिलेवार ट्वीट में लिखते हैं,’ लालू प्रसाद मुख्यमंत्री, किंगमेकर और केंद्रीय मंत्री रहे हैं, इसलिए उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जानी चाहिए.’
सुशील ने आगे लिखा, ‘यह पता किया जाना चाहिए कि कौन लोग उन्हें पटना आने और समर्थकों से प्रत्यक्ष संवाद करने से रोक रहे हैं?’
सुशील मोदी ने लालू परिवार में छिड़े पावर वार को लेकर आशंका जताई है. उन्होंने लिखा है, ‘लालू परिवार में छिड़े पावर वार को देखते हुए तेजप्रताप यादव की बात को हल्के में नहीं लिया जा सकता.’
‘जब किसी राजा-बादशाह, राजकुमार के साथ कुछ भी हो सकता है, तो राजतंत्र की तरह चलने वाले राजद में भी अनहोनी हो सकती है.’
‘इतिहास गवाह है कि सत्ता और सम्पत्ति के लिए किसी ने पिता को राज सिंहासन से हटा कर जेल में डाला, तो किसी ने भाई की हत्या करा दी.’
सुशील मोदी ने तेज प्रताप के मामले को गंभीरता से लेने की बात कही है, उन्होंने अस मामले में पुलिस, सीबीआई और संबंधित न्यायालय को संज्ञान लेने की बात कही है.
उन्होंने ट्वीट किया, ‘लालू प्रसाद के जीवन और उसकी स्वतंत्रता पर किसी तरह का आघात न्याय प्रक्रिया में बाधक हो सकता है.’
लालू प्रसाद चारा घोटाला मामले में जमानत पर हैं, इसलिए उन्हें बंधक बनाये जाने के परिवार के बड़े बेटे के आरोप को गंभीरता से लिया जाना चाहिए. इस पर पुलिस, सीबीआई और संबंधित न्यायालय को संज्ञान लेना चाहिए.
तेजप्रताप ने शनिवार को आरोप लगाया था, ‘राजद में चार-पांच लोग हैं जो (राजद का) राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने का सपना देख रहे हैं. मेरे पिताजी अस्वस्थ हैं. पिताजी को जेल से रिहा हुए कई महीने हो गए हैं फिर भी उन्हें दिल्ली में ‘बंधक’ बनाकर रखा गया है. बिहार की जनता यह सुन ले, ऐसा करने से संगठन बढ़ेगा नहीं, टूट जाएगा.’
उल्लेखनीय है कि चारा घोटाला मामले में सीबीआई अदालत से सजा पाने वाले व विभिन्न बीमारियों से पीड़ित लालू जेल से रिहाई के बाद दिल्ली स्थित अपने आवास पर रहे हैं. उन्होंने एक-दो मौकों पर वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए राजद कार्यकर्ताओं को संबोधित किया है.
बता दें कि तेज प्रताप लगातार दिल्ली आ रहे हैं. सितंबर महीने में ही वह दो बार दिल्ली पिता लालू से मुलाकात के लिए आ चुके हैं.
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लालू के व्यक्तित्व से मैच नहीं करना ‘बंधक’
तेजप्रताप के आरोप को लेकर पूछे गए सवाल का रविवार को जवाब देते हुए तेजस्वी ने कहा, ‘लालू का व्यक्तित्व इससे मैच ही नहीं करता. उन्होंने तो (लाल कृष्ण) आडवाणी को गिरफ्तार करवाया था.’
बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी ने अपने पिता लालू प्रसाद के बारे में कहा कि वह एक ऐसे व्यक्ति हैं जिन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री और देश के रेल मंत्री के रूप में काम किया है.
तेजस्वी की टिप्पणी मुख्यमंत्री के रूप में लालू के कार्यकाल के संदर्भ में थी जब अयोध्या रथ यात्रा के दौरान उन्होंने समस्तीपुर में भाजपा के दिग्गज नेता आडवाणी को गिरफ्तार करवाया था.
गौरतलब है कि दोनों भाई 2015 विधानसभा चुनाव में एक साथ चुनावी मैदान में उतरे थे. हालांकि पिता के पसंदीदा माने जाने वाले तेजस्वी को नीतीश कुमार सरकार में उपमुख्यमंत्री बनाया गया था जबकि बड़े भाई को कैबिनेट बर्थ से ही संतोष करना पड़ा था.
पिछले कुछ दिनों से तेजस्वी और तेज प्रताप के बीच मनमुटाव की बात सामने आती रही हैं. तेज प्रताप ने पटना के सीनियर छात्रों के साथ मीटिंग कर नए छात्र संगठन छात्र जनश्कित परिषद् का गठन किया है. यही नहीं उन्होंने खुद को इसका राष्ट्रीय अध्यक्ष भी घोषित किया है.
वह बीच बीच में पार्टी के खिलाफ भी बोलते रहे हैं. उन्होंने पिछले दिनों कहा था कि पार्टी में सामंतवादी सोच वाले लोग अपना सिक्का चलाना चाहते हैं. छात्रों का पार्टी उपयोग कर लेती है और बैकडोर से बाह निकाल देती है.
हालांकि भाई तजस्वी से मतभेद पर वो इनकार करते हैं. उन्होंने कहा कि हमदोनों भाइयों के बीच कोई लड़ाई नहीं है बल्कि हमारी लड़ाई भाजपा से है.
राजद में स्वयं को किनारा कर दिया गया समझने वाले तेजप्रताप ने हाल में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह पर भी निशाना साधते हुए उन्हें ‘हिटलर’ की संज्ञा दी थी.
कुछ दिनों बाद राजद कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए लालू ने जगदानंद के ‘अनुशासनात्मक’ होने के लिए उनकी सराहना की था.
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