चंडीगढ़: शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के अध्यक्ष और पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल ने बुधवार को कहा कि भले ही राज्य ने आम आदमी पार्टी (आप) के नेता भगवंत मान को मुख्यमंत्री बनाकर एक गंभीर जिम्मेदारी सौंपी है, लेकिन दुर्भाग्य से उन्होंने कायम किया हुआ है कि “वे अभी भी एक कॉमेडियन हैं”.
दिप्रिंट को दिए एक फ्रीव्हीलिंग इंटरव्यू में बादल ने कहा कि आगामी लोकसभा चुनावों के लिए आप और कांग्रेस के बीच गठबंधन से दोनों पार्टियों की विश्वसनीयता पर असर पड़ेगा और यह शिरोमणि अकाली दल के लिए “अच्छी” खबर होगी.
पिछले कुछ दिनों में मान और बादल सोशल मीडिया पर व्यक्तिगत अपमान की झड़ी लगा चुके हैं, जिसके बारे में बादल ने कहा कि मान पंजाब पर ईमानदारी से शासन करने के बजाय अपने “सस्ते और घटिया चुटकुलों” से जनता का मनोरंजन करने में अधिक रुचि रखते हैं.
बादल ने कहा, “अगर वे राजनीति के इस स्तर पर पहुंच गए हैं तो उन्हें पूरी तरह से इसकी वापसी की जाएगी.”
एक अगस्त को मान ने बिना पगड़ी के सुखबीर बादल की अपने बेटे के साथ होली खेलते हुए एक पुरानी तस्वीर ट्वीट की. इसके साथ उन्होंने पंजाबी में कटाक्ष किया, “इन दिनों यह आदमी सिख मुद्दों की वकालत करने की कोशिश कर रहा है”.
ਆਹ ਜਨਾਬ ਅੱਜਕੱਲ ਸਿੱਖ ਮਸਲਿਆਂ ਦੇ ਮੁਦਈ ਬਣੇ ਹੋਏ ਨੇ ..ਨਹੀਂਓ ਲੱਭਣੇ ਲਾਲ ਗੁਆਚੇ ਓ ਮਿੱਟੀ ਨਾ ਫਰੋਲ ਜੋਗੀਆ.. pic.twitter.com/0Zj8OKArq2
— Bhagwant Mann (@BhagwantMann) August 1, 2023
बादल ने स्पष्ट रूप से नशे में धुत्त और बिना पगड़ी वाले मान का एक वीडियो ट्वीट करके जवाब दिया, जो असफलता के साथ थाली से खाना खाने की कोशिश कर रहे थे.
उन्होंने लिखा, “इन दिनों राज्य इस आदमी के हाथ में है…राज्य और मंच के बीच बहुत बड़ा अंतर है…और अगर ड्राइवर शराबी है तो यात्रियों को अपने जीवन और सामान की जिम्मेदारी लेनी चाहिए.”
ਅੱਜ ਕੱਲ ਸਟੇਟ ਇਹਨਾਂ ਦੇ ਹੱਥ ਚ ਆ …..
ਸਟੇਟ ਤੇ ਸਟੇਜ ਚ ਬਹੁਤ ਫ਼ਰਕ ਹੁੰਦਾ।
ਡਰਾਈਵਰ ਹੋਵੇ ਸ਼ਰਾਬੀ ਦਾਰੂ-ਬਾਜ਼..
ਤਾਂ ਸਵਾਰੀ ਆਪਣੀ ਜਾਨ ਤੇ ਸਮਾਨ ਦੀ ਆਪ ਜ਼ਿੰਮੇਵਾਰ। pic.twitter.com/6eytnFDpiY— Sukhbir Singh Badal (@officeofssbadal) August 1, 2023
इस आदान-प्रदान के बारे में पूछे जाने पर, बादल ने कहा कि मान राजनीतिक चर्चा को “अब तक के सबसे निचले” स्तर पर ले जाने के लिए जिम्मेदार हैं और उनके पास जवाबी कार्रवाई करने के अलावा कोई विकल्प नहीं था.
बादल ने कहा, “उन्होंने जो तस्वीर उठाई वो पंजाब में होली खेलते किसी परिवार की हो सकती थी, लेकिन उन्होंने इसे चुना क्योंकि वे परिवार की अवधारणा में विश्वास नहीं करते.”
उन्होंने कहा, “मैं उन्हें यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि कोई भी इसे चुपचाप स्वीकार नहीं करेगा. एक खेल में दो लोग खेल सकते हैं और हमने तो अभी शुरुआत की है.”
दिप्रिंट के साथ बातचीत में बादल ने 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए अपनी पार्टी की योजनाओं, विपक्षी भारत गठबंधन पर अपने विचारों के बारे में भी बात की और ये भी कि उन्हें क्यों लगता है कि राष्ट्रीय स्तर पर आप और कांग्रेस के बीच गठबंधन पंजाब की राजनीति को प्रभावित करेगा.
यह भी पढ़ें: ‘आपने गलत आदमी से पंगा ले लिया’, पंजाब के CM मान और मनप्रीत बादल के बीच क्यों चल रही है तीखी नोकझोंक
एनडीए और INDIA
शिरोमणि अकाली दल और भाजपा लंबे समय तक सहयोगी रहे, जब तक कि उन्होंने 2020 में केंद्र सरकार के अब रद्द किए गए कृषि कानूनों को लेकर अपने रास्ते अलग नहीं कर लिए.
क्या अब शिअद के लिए भाजपा के साथ समझौता करने और अगले साल लोकसभा चुनाव से पहले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में शामिल होने का मौका है? इस पर बादल ने जवाब दिया कि उनकी पार्टी पहले से ही बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के साथ गठबंधन में है.
उन्होंने कहा, “हम बसपा के साथ अपने गठबंधन से काफी खुश हैं. हमें कुछ भी बदलने की ज़रूरत क्यों होगी?”
हालांकि, जब बादल से पूछा गया कि संसदीय चुनावों से पहले कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के राष्ट्रीय स्तर पर इंडिया बनाने के लिए एक साथ आने के बारे में पूछा गया था, तो उन्होंने अधिक स्पष्टता व्यक्त की.
बादल ने कहा, “राजनीति में एक और एक को हमेशा दो बनाने की ज़रूरत नहीं होती है. इस मामले में एक और एक का योग आधा होगा.”
उन्होंने भविष्यवाणी की कि कांग्रेस को भारतीय गठबंधन में “सबसे बड़ी हानि” होगी और आप को सबसे अधिक लाभ होगा.
अपना तर्क समझाते हुए उन्होंने कहा, “आप की राष्ट्रीय स्तर पर कोई मौजूदगी नहीं है. वो जानते हैं कि उन्हें लोकसभा में दो या तीन सीटें भी नहीं मिल सकतीं. इसलिए, उनके पास दिल्ली और पंजाब में किसी तरह की सीट की व्यवस्था होगी और बदले में वे उन राज्यों में अपनी पहुंच बढ़ाएंगे जहां अन्यथा उन्हें शून्य मिलता.”
उन्होंने कहा कि भारत के अन्य सहयोगियों को इस बात का एहसास नहीं था कि AAP “आखिरकार उन्हें केवल उन पर चढ़ने के लिए सीढ़ी के रूप में इस्तेमाल करने जा रही है”.
यह भी पढ़ें: ‘INDIA में साथ, राज्य में मनमुटाव’, पंजाब में कांग्रेस और AAP नेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी
‘कांग्रेस-AAP गठबंधन पंजाब में दोनों को बेनकाब करेगा’
बादल ने दावा किया कि राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस और आप के हाथ मिलाने का नतीजा पंजाब में किसी भी पार्टी के लिए अच्छा नहीं होगा.
उन्होंने पूछा, “पंजाब में उन्हें सीटों के बंटवारे की उम्मीद है जिससे कांग्रेस और आप दोनों अपनी विश्वसनीयता खो देंगे. आप ने कांग्रेस नेताओं के खिलाफ अभियान शुरू कर दिया है और हर दिन उन्हें जेल में डाल रही है. कांग्रेस अपने कार्यकर्ताओं को कैसे समझाएगी कि अब उन्हें आप के साथ मिलकर काम करना होगा?”
बादल ने बताया कि आप को पंजाब में गठबंधन को सही ठहराने में भी कठिनाई होगी.
उन्होंने कहा, “पंजाब में AAP की राजनीति कांग्रेस विरोधी रही है और अब अचानक उन्हें एक साथ प्रचार करना पड़ रहा है? जब पार्टियां अपने कैडरों को हल्के में लेना शुरू कर देती हैं और लोगों को मूर्ख समझने लगती हैं…तभी असली पतन शुरू होता है.”
बादल ने दावा किया कि इस स्थिति का अंतिम लाभार्थी शिअद होगा.
शिअद अध्यक्ष ने कहा, “अकाली दल के लिए AAP और कांग्रेस के बीच गठबंधन अच्छी खबर है. हम न केवल मुख्य विपक्षी दल बन गए, बल्कि जनता की नज़रों में कांग्रेस और आप के बेनकाब होने से हमें फायदा भी हुआ.”
यह भी पढ़ें: ‘सवाल ही नहीं उठता’, पूर्व सहयोगी BJP और अकाली दल ने 2024 के लिए हाथ मिलाने की संभावना को किया खारिज
‘पंजाब में सरकार की नाकामी’
संसदीय चुनावों में उनकी पार्टी के मुख्य फोकस के बारे में पूछे जाने पर बादल ने कहा, “यह आप का खराब शासन नहीं है, क्योंकि इसका मतलब यह होगा कि कुछ शासन है. यह पंजाब में सरकार की पूरी तरह से नाकामी है.”
उन्होंने आरोप लगाया कि मान और उनके विधायक तभी काम करते हैं जब आसपास कैमरे होते हैं और लोग उनकी तस्वीरें खींचते हैं.
बादल ने कहा, “यह न केवल तथाकथित छापेमारी, औचक निरीक्षण और क्षेत्र दौरों के लिए बल्कि आधिकारिक बैठकों का भी सच है. मुझे नौकरशाहों से जो जानकारी मिलती है वो यह है कि मुख्यमंत्री और अन्य मंत्री तभी तक बैठकों में बैठे रहते हैं जब तक कैमरे तस्वीरें खींच रहे होते हैं और एक बार बैठक खत्म होने के बाद वे उठकर चले जाते हैं.”
पिछले महीने शिअद नेता और पूर्व राज्य मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया ने दावा किया था कि आप सरकार विज्ञापन पर सालाना 750 करोड़ रुपये खर्च करती है. उन्होंने पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश से आप सरकार के खिलाफ स्वत: संज्ञान लेते हुए कार्रवाई करने का भी आग्रह किया था.
बादल ने भी “750 करोड़ रुपये” का आंकड़ा पेश किया. “जब आपके पास मीडिया के लिए सालाना 750 करोड़ रुपये का बजट है, तो यह स्पष्ट है कि आपका ध्यान राज्य का विकास नहीं है, बल्कि यह सुनिश्चित करना है कि जो कुछ भी आप वास्तव में करते हैं उसे अनुपात से बाहर कर दिया जाए और न केवल पंजाब में बल्कि पूरे देश में प्रचारित किया जाए.”
उन्होंने कहा, “मान के पास उन राज्यों में विज्ञापनों के लिए पंजाब के करोड़ों पैसे खर्च करने का क्या औचित्य है, जिनका पंजाब से कोई लेना-देना नहीं है?”
बादल ने यह भी दावा किया कि महंगे परिवहन में सरकारी धन का दुरुपयोग किया जा रहा है.
उन्होंने कहा, “आप यह पता लगाने की कोशिश क्यों नहीं करतीं कि पंजाब सरकार ने पिछले डेढ़ साल में मुख्यमंत्री की यात्रा के लिए विमान किराए पर लेने पर कितना पैसा खर्च किया है? आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि जो विमान किराए पर लिया गया है वो सबसे महंगे विमानों में से एक है जिसे कोई भी राज्य सरकार वीआईपी यात्रा के लिए किराए पर ले सकती है.” “अगर वे विमान से बाहर नहीं निकलते हैं तो वे आम आदमी या सामान्य आदमी का प्रतिनिधित्व कैसे कर रहे हैं?”
बादल ने आप संयोजक और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल पर भी निशाना साधा.
उन्होंने आरोप लगाया, “अरविंद केजरीवाल को हर जगह ले जाने वाले विमान के भुगतान के लिए पंजाबियों की मेहनत की कमाई का दुरुपयोग किया जा रहा है. इसे सरकारी खर्च के रूप में दिखाने के लिए मान को विमान में बैठाया गया और दौरे के संचालक होने के अलावा उनकी कोई भूमिका नहीं थी.”
बादल ने यह भी दावा किया कि भ्रष्टाचार के खिलाफ आप का सार्वजनिक रुख उसके नेताओं के कार्यों से मेल नहीं खाता है.
शिअद अध्यक्ष ने आरोप लगाया, “यह एक मजाक है कि आम आदमी पार्टी भ्रष्टाचार के खिलाफ है. उनके सत्ता में आने (मार्च 2022 में) के बाद से उनके मंत्रियों और विधायकों की जीवनशैली में आए बदलाव को देखिए. उन संपत्तियों को देखें, जिन्हें वे खरीद रही हैं या उनमें लेन-देन कर रही हैं…उस तरह के आभूषणों को देखें, जिन पर महिलाएं इतरा रही हैं!”
उन्होंने कहा, “अगर केजरीवाल और मान सोचते हैं कि उन्होंने मीडिया को खरीद लिया है और यह सब हमेशा छिपा रह सकता है, तो वे गलत हैं. कोई भी हमेशा के लिए सत्ता में नहीं रहता है और ये चीज़ें एक दिन सामने आएंगी और फिर उन्हें जीवन भर परेशान करती रहेंगी.”
(संपादन: फाल्गुनी शर्मा)
(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)
यह भी पढ़ें: SGPC और अकाली दल बनाम भगवंत मान — गुरबाणी के प्रसारण पर पंजाब के राजनीतिक टकराव की अंदरूनी कहानी