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Saturday, 21 December, 2024
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श्रीलंका में सत्ता का घमासान जारी, पूर्व पेट्रोलियम मंत्री अर्जुन राणातुंगा गिरफ्तार

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श्रीलंका में राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना ने प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे को बर्खास्त कर महिंदा राजपक्षे को प्रधानमंत्री नियुक्त किया है.

कोलंबो: श्रीलंका के पूर्व पेट्रोलियम मंत्री व पूर्व क्रिकेट कप्तान अर्जुन राणातुंगा को पुलिस ने सोमवार को गिरफ्तार कर लिया. यह गिरफ्तारी एक दिन पहले सीलोन पेट्रोलियम कार्पोरेशन (सीपीसी) पर हुई हिंसक झड़प के सिलसिले में हुई है जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई थी और दो अन्य घायल हो गए थे. समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस ने कहा कि राणातुंगा को एक स्थानीय अदालत के समक्ष पेश किया जाएगा.

सीपीसी कर्मचारियों के एक समूह ने रविवार को कंपनी परिसर में प्रदर्शन किया था. जब हालात तनावपूर्ण हो गए तो राणातुंगा की सुरक्षा टीम के एक गार्ड ने प्रदर्शनकारियों पर गोली चला दी जिससे एक व्यक्ति की मौत हो गई और दो अन्य घायल हो गए.

संघर्ष के दौरान विशेष सुरक्षा बल राणातुंगा को सीपीसी परिसर से सुरक्षित निकाल कर ले गए थे. पुलिस ने कहा कि गोली चलाने वाले सुरक्षा गार्ड को तत्काल गिरफ्तार कर लिया गया था.

सीपीसी ट्रेड यूनियन के आह्वान पर हुई हड़ताल के कारण रविवार को पूरे देश में पेट्रोल पंपों पर लंबी कतारें देखी गईं. राणातुंगा की गिरफ्तारी के बाद सीपीसी ट्रेड यूनियन ने हड़ताल वापस ले ली.

श्रीलंका में इस समय राजनीतिक घमासान मचा हुआ है. राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना ने प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे को बर्खास्त कर महिंदा राजपक्षे को प्रधानमंत्री नियुक्त किया है. इसका अर्थ यह हुआ कि मंत्रीपरिषद स्वत: भंग हो गई. हालांकि, विक्रमसिंघे ने कहा कि उनके पास संसद में बहुमत है और वह अभी भी प्रधानमंत्री हैं.

देश में राजनीतिक उठापटक के चलते राष्ट्रपति सिरिसेना ने संसद को 16 नवंबर तक निलंबित कर दिया, क्योंकि विक्रमसिंघे ने बहुमत साबित करने के लिए आपात सत्र बुलाने की मांग की थी.

श्रीलंका की संसद में राजपक्षे और सिरिसेना की कुल 95 सीटें हैं और बहुमत से पीछे हैं. वहीं, विक्रमसिंघे की यूएनपी के पास अपनी खुद की 106 सीटें हैं और बहुमत से केवल सात कम है.

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