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Friday, 15 November, 2024
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सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव बोले- सोशल मीडिया पर दुष्प्रचार और नफरत फैला रहे BJP के ‘ई-रावण’

सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने एक साक्षात्कार में कहा कि भाजपा अपने प्रचार और नफरत फैलाने के लिए सोशल मीडिया पर ‘ई-रावण’ की भूमिका में आ गई है और वह रावण की तरह ही भेष बदलकर सोशल मीडिया पर अफवाह और झूठ फैला रही है.

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लखनऊ : समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं पर राजनीतिक फायदे के लिए साजिश रचने और सोशल मीडिया पर नफरत फैलाने का आरोप लगाते हुए शनिवार को भाजपा कार्यकर्ताओं को ‘ई-रावण’ का नाम दिया और कहा कि इनसे निपटने के लिए पार्टी कार्यकर्ताओं को सतर्क कर दिया है.

सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने एक साक्षात्कार में कहा कि भाजपा अपने प्रचार और नफरत फैलाने के लिए सोशल मीडिया पर ‘ई-रावण’ की भूमिका में आ गई है और वह रावण की तरह ही भेष बदलकर सोशल मीडिया पर अफवाह और झूठ फैला रही है. उन्होंने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी के नेता छद्म रूप में सपा समर्थक बनकर सोशल मीडिया पर आते हैं और सपा के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी पोस्ट करते हैं.

यादव ने कहा कि मैंने अपनी पार्टी के कैडर से ऐसे छद्म लोगों से सावधान रहने और सोशल प्‍लेटफार्म पर उनकी गतिविधियों पर नज़र रखने के लिए कहा है. उन्हें कुछ भी साझा करने, जवाब देने की जरूरत नहीं है बल्कि संदिग्ध व्यक्तियों की गतिविधियों के बारे में पार्टी कार्यालय को रिपोर्ट करने को कहा गया है. सपा को निशाना बनाकर झूठी सूचना फैलाने वालों के खिलाफ आक्रामक रुख अपनाते हुए पार्टी ने पिछले हफ्ते कार्रवाई भी की.

सपा प्रमुख अखिलेश यादव के कथित फर्जी ट्विटर अकाउंट बनाकर घृणा फैलाने के मामले में सपा प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम ने अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई और ट्वीट के स्‍क्रीन शॉट्स भी दिये जिसमें दावा किया गया था कि राज्य में सपा के सत्ता में आने के बाद अयोध्या में राम मंदिर के स्थान पर बाबरी मस्जिद का निर्माण किया जाएगा. इस मामले में 25 जुलाई को राजधानी के गौतमपल्ली थाने में अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी.

अखिलेश यादव ने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘2022 के चुनाव नजदीक हैं और भाजपा के लोग कुछ भी कर सकते हैं क्योंकि वे सत्ता हथियाने के लिए झूठ बोलने और लोगों को बेवकूफ बनाने में माहिर हैं. उनका उद्देश्य विकास सहित मुख्य मुद्दों से लोगों का ध्यान हटाना है.’ अखिलेश ने कहा, ‘हमने अपने कार्यकर्ताओं को अनुशासित, सभ्य और सोशल मीडिया में इस्तेमाल की जाने वाली भाषा में संयम बरतने के लिए कहा है, जो संवाद और विचार व्यक्त करने के लिए एक मजबूत माध्यम के रूप में उभरा है. दुर्भाग्य से भाजपा इसका दुरुपयोग कर रही है.’

यादव ने कहा कि राज्य में भाजपा सरकार के साढ़े चार साल बीत चुके हैं और विधानसभा चुनाव में कुछ ही महीने बचे हैं, लेकिन विडंबना यह है कि भाजपा के पास अपनी उपलब्धि गिनाने के लिए एक भी काम नहीं है. सपा से ही राज्य के लोगों को उम्‍मीद बताते हुए उन्होंने दावा किया कि पार्टी 2022 के विधानसभा चुनावों में 350 सीटें जीतेगी. यादव ने कहा, ‘जब भाजपा झूठ बोलकर 300 से अधिक सीटें जीत सकती है, तो हम अपनी सरकार में किए गए विकास कार्यों के मुद्दे पर अधिक सीटें क्यों नहीं जीत सकते?’

उन्होंने कहा कि राज्य में भाजपा शासन में कानून-व्यवस्था की स्थिति खराब है और महिलाओं पर अत्याचार की घटनाएं बढ़ी हैं। उन्होंने कहा ‘पूरे देश ने देखा है कि पंचायत चुनाव के नामांकन के दौरान महिलाओं के साथ क्या व्यवहार किया गया. कैसे भाजपा के गुंडों ने महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार करने के लिए कानून अपने हाथ में लिया.’ अखिलेश ने आरोप लगाया कि ‘भाजपा को लोकतंत्र में कोई भरोसा नहीं है. लोकतंत्र खतरे में है और लोकतंत्र को भाजपा के धोखे से बचाने के लिए सपा लोगों की आवाज उठा रही है.’

यादव ने पहले आरोप लगाया था कि लखीमपुर खीरी में हाल ही में हुए क्षेत्र पंचायत प्रमुख चुनाव के दौरान भाजपा कार्यकर्ताओं ने सपा उम्मीदवार रितु सिंह और उनकी प्रस्तावक अनीता यादव की साड़ियां खींच ली थी. रितु सिंह की शिकायत के आधार पर लखीमपुर में भाजपा कार्यकर्ताओं के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था और इस मामले में छह पुलिसकर्मियों को भी निलंबित कर दिया गया. दूसरी ओर भाजपा ने कहा कि किसी भी दुर्व्यवहार में शामिल लोगों को बख्शा नहीं जाएगा.

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