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Thursday, 2 May, 2024
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सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा- देश का बंटवारा जिन्ना नहीं, हिंदू महासभा की वजह से हुआ

यूपी के पूर्व मंत्री ने कहा कि 'हिंदू राष्ट्र के बारे में बात करने वाले देश के दुश्मन हैं', उन्होंने कहा कि मोदी को इजरायल-हमास युद्ध के बजाय भारतीयों के लिए नौकरियां सुनिश्चित करने के बारे में चिंतित होना चाहिए.

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लखनऊ : संविधान में धर्म, जाति, लिंग और जन्म स्थान के आधार पर भेदभाव की बात नहीं है. समाजवादी पार्टी (सपा) नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि हिंदू राष्ट्र के प्रतिपादक देश के “दुश्मन” थे.

उन्होंने दावा किया भारत और पाकिस्तान मोहम्मद अली जिन्ना की वजह से नहीं, बल्कि हिंदू महासभा की अलग द्वि-राष्ट्र की मांग की वजह से बना था.

उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री ने यह बयान रविवार को बांदा के जीआईसी ग्राउंड में बुद्धा महोत्सव में बोलते हुए दिया.

उन्होंने कहा, “हम नारा देते हैं कि ‘हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई, सब हैं आपस में भाई-भाई’ हैं. अगर हिंदू लोग हिंदू राष्ट्र के बारे में बात करते हैं तो मुस्लिम, सिख, बौद्ध क्यों नहीं ऐसी बात कर सकते? जो लोग हिंदू राष्ट्र की बात कर रहे हैं वे देश के दुश्मन हैं.”

मौर्य ने कहा कि हिंदू महासभा- जिसके राष्ट्रीय अध्यक्ष सावरकर थे- उन्होंने राष्ट्र की बात की थी. उन्होंने कहा, इस द्वि-राष्ट्र सिद्धांत के आधार भारत और पाकिस्तान बने.

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सपा नेता ने कहा, “उन्होंने इसके बारे में बात की और भारत व पाकिस्तान बने. भारत-पाकिस्तान जिन्ना की वजह से नहीं, बल्कि हिंदू महासभा की वजह बना क्योंकि हिंदू महासभा ने द्वि-राष्ट्र सिद्धांत की बात की थी…यही वजह है कि भारत-पाकिस्तान द्वि-राष्ट्र सिद्धांत के आधार पर वजूद में आए.”

ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) नेता ने कहा कि सामाजिक तौर से पिछड़े समुदाय को ‘नीच’, ‘अधर्मी’ कहा गया है और उन्हें धर्म के नाम पर शिक्षा से वंचित किया गया.

समाजवादी पार्टी के एमएलसी ने कहा, “क्य हम अपना दर्द नहीं जाहिर कर सकते? हम जब अपना दर्द जाहिर करते हैं, तो धर्म के ठेकेदार हमारे बयान को तोड़-मरोड़कर पेश करते हैं और पूछते हैं कि मुझे क्या समस्या है.”

एक संवाददाता द्वारा धर्म की राजनीति का सहारा लेने वाले लोगों का विवरण देने के लिए पूछे जाने पर मौर्य ने दावा किया कि, “देश के…सत्ताधारी सीएम और ‘धर्माचार्य’ लोग समय-समय पर लोगों को गुमराह कर रहे हैं, और सत्ता हथियाने का ‘नापाक’ प्रयास कर रहे हैं.”

इज़रायल-फ़िलिस्तीन संकट को लेकर प्रधानमंत्री के रुख के बार में पूछे जाने पर मौर्य ने कहा कि मोदी को सबसे पहले भारत की गरीबी के खात्मे और युवाओं के लिए नौकरियां सुनिश्चित करने जैसे मुद्दों की चिंता करनी चाहिए.

उन्होंने कहा, “माननीय अटल बिहारी वाजपेयी ने देश को नहीं बेचा, लेकिन मोदी जी देश के संसाधनों को बेचना शुरू कर दिए हैं. लिहाजा, आज अगर आप देश को बचाना चाहते हैं तो संविधान और लोकतंत्र को बचाएं. इसके लिए हमें बीजेपी को सत्ता से दूर भगाना है.”

मौर्य ने आरोप लगाया, “वह सम्मानित पीएम हैं. वह देश के बाहर की व्यवस्था की चिंता करना चाहते हैं, वह इसे कर सकते हैं…लेकिन पहले उन्हें देश के बारे में चिंता करनी चाहिए, देश की गरीबी दूर करने में और देश को महंगाई से बचाने के लिए युवाओं को नौकरी देना चाहिए. उन्हें देश को बिकने से रोकने की ओर कदम बढ़ाना चाहिए. अगर वह ऐसा करते तो मैं उन्हें धन्यवाद दे सकता था, लेकिन वह ऐसा कुछ नहीं कर रहे हैं और इसके बजाय ‘हवा-हवाई’ में लिप्त हैं.”

(संपादन : इन्द्रजीत)

(इस ख़बर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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