नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव के दौरान हरियाणा में मिली करारी हार के बाद आम आदमी पार्टी ने हरियाणा विधानसभा चुनाव को लेकर ज्यादा दिलचस्पी नहीं दिखाई है. एक तरफ जहां सत्तारूढ़ पार्टी भाजपा कार्यकर्ताओं से लेकर पन्ना प्रमुखों की जिम्मेदारी तय कर रही है तो दूसरी तरफ विपक्षी पार्टियों के प्रमुख चुनावों में मिलने वाली हार के डर से अभी से कन्नी काटते नजर आ रहे हैं.
विश्वस्त सूत्र की माने तो एक समय में पूरे देशभर में राजनीति से देश में बदलाव की बयार बहा देने वाले आप पार्टी के संस्थापक भी दिल्ली तक ही सिमटते नजर आ रहे हैं. आम आदमी पार्टी के विश्वस्त सूत्र ने दिप्रिंट को बताया कि अरविंद केजरीवाल और दिल्ली हाईकमान गिने जाने वाले पार्टी के नेता हरियाणा विधानसभा के होने वाले चुनाव के लिए प्रचार करने नहीं जाएंगे. वहीं हरियाणा विधानसभा की जिम्मेदारी मौजूदा पार्टी प्रदेशाध्यक्ष नवीन जयहिंद के कंधों पर ही रहेगी. पार्टी प्रवक्ता सुधीर यादव ने नवीन जयहिंद की घोषणा अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर की है.
आम आदमी पार्टी हरियाणा विधानसभा चुनाव पंडित @NaveenJaihind के नेतृत्व में लड़ेगी
— Sudhir Yadav (@SudhirRTI) July 11, 2019
नाम ना छापने की शर्त पर उन्होंने बताया, ‘लोकसभा के नतीजों के बाद पार्टी ने यह निर्णय लिया है. हरियाणा ईकाई पर ही विधानसभा चुनाव की सारी जिम्मेदारी है. वो अपने हिसाब से ही चुनाव लड़ें.’
हरियाणा में आप का प्रतिनिधित्व कर रहे नवीन जयहिंद ने दिप्रिंट को बताया, ‘चार दिन बाद एक मीटिंग है. उसमें तय किया जाएगा कि पार्टी किस दिशा में काम करेगी. हमने एक रिपोर्ट तैयार की है जिसके आधार पर ही चर्चा आगे बढ़ेगी.’
जननायक जनता पार्टी से गठबंधन टूटने वाली बात पर वो कहते हैं, ‘सभी पार्टियों का काम करने का तरीका अलग होता है. भविष्य में हम किसी पार्टी से गठबंधन भी कर सकते हैं इसकी संभावना भी है.’
लोकसभा चुनाव में पार्टी के खराब प्रदर्शन के बावजूद विधानसभा चुनाव लड़ने के सवाल पर उनका कहना है, ‘सत्ता में मौजूद पार्टी हमेशा से मजबूत मानी जाती रही है. इसका मतलब ये नहीं कि बाकी विपक्ष चुनाव ही नहीं लड़ेगा. हम पूरी तैयारी के साथ फिर उतरेंगे.’
हालांकि केजरीवाल के हरियाणा में प्रचार ना करने के कयास पर उन्होंने साफ-साफ कुछ बोलने से मना कर दिया. वो कहते हैं कि पार्टी अब जमीनी स्तर पर खुद को मजबूत करने में जुटी है.
गौरतलब है कि सिवानी (भिवानी) से आने वाले केजरीवाल ने लोकसभा चुनाव से पहले हरियाणा में कई रैलियां की थीं. आम आदमी पार्टी के दिल्ली के 8 विधायक हरियाणा से ही हैं.
हरियाणा में आम आदमी के वोट शेयर की बात करें तो 2014 के लोकसभा चुनावों में पार्टी को 4.2 फीसदी वोट मिले थे. उस वक्त पार्टी ने सभी लोकसभा सीटों पर अकेले चुनाव लड़ा था. लेकिन इस बार आम आदमी पार्टी जेजेपी पार्टी के साथ गठबंधन में थी और हरियाणा में पार्टी ने 3 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे. मगर पीएम मोदी और भाजपा लहर में पार्टी के कई उम्मीदवारों की जमानत तक जब्त हो गई थी.
2019 के लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी का वोट शेयर 4.2 से घटकर 0.36 फीसदी रह गया है. हरियाणा विधानसभा चुनाव इसी साल के अंत या फिर अक्तूबर नवंबर में होने की संभावना जताई जा रही है.