scorecardresearch
Tuesday, 5 November, 2024
होमराजनीति‘सोनिया बनाम प्रसाद’ के 22 साल बाद 'गहलोत बनाम थरूर' कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव में फिर हो सकता है मुकाबला

‘सोनिया बनाम प्रसाद’ के 22 साल बाद ‘गहलोत बनाम थरूर’ कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव में फिर हो सकता है मुकाबला

थरूर की सोनिया से मुलाकात पर कांग्रेस ने कहा कि कोई भी चुनाव लड़ने के लिए स्वतंत्र है और यही पार्टी नेतृत्व का सतत रुख रहा है तथा चुनाव लड़ने के लिए किसी की अनुमति की जरूरत नहीं है.

Text Size:

नई दिल्ली: एक तरफ कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी देश को जोड़ने के लिए फिलहाल दक्षिण में रैली और पदयात्रा कर रहे हैं वहीं कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव नजदीक आने पर पार्टी में गहमा-गहमी बढ़ गई है.

राहुल गांधी के पार्टी की कमान नहीं संभालने के संकेत देने के बाद अब देश की सबसे पुरानी पार्टी की सर्वोच्च कुर्सी के लिए चुनावी मुकाबला होने की संभावना बढ़ गई है.

पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेता भले ही सर्वसम्मति पर जोर दे रहे हों, लेकिन शशि थरूर ने सोमवार को सोनिया गांधी से मुलाकात कर चुनाव लड़ने की अपनी इच्छा से उन्हें अवगत कराया तो दूसरी तरफ राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के भी चुनावी रण में उतरने के संकेत मिल रहे हैं. कुछ अन्य लोगों के भी चुनाव लड़ने का ऐलान करने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता.


यह भी पढ़ें: यूपी में मानसून सत्र से पहले समाजवादी पार्टी का ड्रामा, निकाला मार्च, धरने पर बैठे फिर उठे


एक से अधिक उम्मीदवार होंगे तो होगा 17 को चुनाव

कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता जयराम रमेश ने कहा कि कांग्रेस एकमात्र ऐसी पार्टी है जिसके पास सीपीएम और बीजेपी से इतर अपने अध्यक्ष का चुनाव करने के लिए मतदान होते हैं. हालांकि पहले हम अपने लोगों में आम सहमति लाने की कोशिश करते हैं. इसे हासिल करने का सबसे अच्छा तरीका कामराज मॉडल का पालन करना है. 1 से अधिक उम्मीदवार होने पर 17 तारीख को मतदान होगा.

रमेश ने आगे कहा, ‘कोई भी संगठनात्मक चुनाव लड़ने के लिए स्वतंत्र है. यह एक ओपन प्रोसेस है और इसके लिए किसी की अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं है. आपको अपना नामांकन पत्र दाखिल करने के लिए राहुल जी या सोनिया जी की अनुमति की आवश्यकता नहीं है.’

पहले भी हुए हैं चुनाव

कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए अगर चुनाव होता है तो यह 22 साल बाद इस तरह का मुकाबला होगा. वर्ष 2000 में सोनिया गांधी और जितेंद्र प्रसाद के बीच मुकाबला हुआ था जिसमें प्रसाद को करारी शिकस्त झेलनी पड़ी थी.

इससे पहले, 1997 में सीताराम केसरी, शरद पवार और राजेश पायलट के बीच अध्यक्ष पद को लेकर मुकाबला हुआ था जिसमें केसरी जीते थे.

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता थरूर के सोनिया गांधी से मिलने के बाद यह संभावना बढ़ गई कि वह चुनाव लड़ेंगे. सूत्रों का कहना है कि उन्होंने सोमवार को पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात कर उन्हें अध्यक्ष पद का चुनाव लडऩे की अपनी इच्छा से अवगत कराया जिस पर सोनिया ने कहा कि इस चुनाव में कई उम्मीदवारों का खड़ा होना पार्टी के लिए बेहतर है तथा इसमें उनकी भूमिका तटस्थ रहेगी.

सूत्रों ने यह भी बताया कि इस मुलाकात के दौरान सोनिया गांधी ने इस धारणा को भी खारिज किया कि इस चुनाव में पार्टी की ओर से कोई ‘आधिकारिक उम्मीदवार’ होगा.

उधर, थरूर की सोनिया से मुलाकात की पृष्ठभूमि में कांग्रेस ने कहा कि कोई भी चुनाव लडऩे के लिए स्वतंत्र है और यही पार्टी नेतृत्व का सतत रुख रहा है तथा चुनाव लडऩे के लिए किसी की अनुमति की जरूरत नहीं है.

लोकसभा सदस्य थरूर ने सोनिया गांधी से मुलाकात ऐसे समय की है जब हाल ही में उन्होंने ऐसे संकेत दिए कि वह अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ सकते हैं.

इस बीच, कांग्रेस से जुड़े कुछ सूत्रों का कहना है कि गहलोत भी उम्मीदवार हो सकते हैं और अगर ऐसा होता है तो गांधी परिवार के भरोसेमंद होने और लंबे राजनीतिक तजुर्बे के चलते उनकी दावेदारी सबसे मजबूत होगी.

वैसे, गहलोत ने कहा है कि वह राहुल गांधी को चुनाव लड़ने के लिए मनाने का प्रयास करेंगे.

राहुल को अध्यक्ष बनाने की मांग तेज

कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव नजदीक आने के साथ ही पार्टी के भीतर राहुल गांधी को एक बार फिर से अध्यक्ष बनाने की मांग भी तेज हो गई है. इसी क्रम में सोमवार को कुछ प्रदेश कांग्रेस कमेटियों ने राहुल गांधी के समर्थन में प्रस्ताव पारित किए.

राजस्थान, गुजरात और छत्तीसगढ़ के बाद आज तमिलनाडु, महाराष्ट्र, जम्मू-कश्मीर और बिहार की कांग्रेस इकाइयों ने प्रस्ताव पारित कर कहा कि राहुल गांधी को एक बार फिर से पार्टी की कमान संभालनी चाहिए.

पार्टी प्रमुख की जिम्मेदारी संभालने के लिए राहुल से की गयी अपील के बावजूद, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने इस महीने की शुरूआत में कहा था कि उन्होंने फैसला कर लिया है, लेकिन अपनी योजनाओं का खुलासा नहीं करेंगे.

उन्होंने यह भी कहा था कि यदि पार्टी के अध्यक्ष पद के लिए वह आगामी चुनाव नहीं लड़ेंगे तो वह इसके कारण बता देंगे.

राहुल की टिप्पणी को पार्टी में इस बात के संकेत के तौर पर देखा गया है कि वह पार्टी के अध्यक्ष पद के लिए चुनाव लड़ने के इच्छुक नहीं है.

कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए अधिसूचना 22 सितंबर को जारी की जाएगी और नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया 24 से 30 सितंबर तक चलेगी. नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि आठ अक्टूबर है. एक से अधिक उम्मीदवार होने पर 17 अक्टूबर को मतदान होगा और नतीजे 19 अक्टूबर को घोषित किये जाएंगे.


यह भी पढ़ें: बीजेपी के दिल्ली प्रभारी बैजयंत पांडा बोले- सिसोदिया की गिरफ्तारी की इच्छा जल्द ही पूरी हो जाएगी


 

share & View comments