नई दिल्ली: कांग्रेस नेताओं सोनिया और राहुल गांधी ने सीएए-एनआरसी के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान कथित नफरत भरे भाषण देने के संबंध में उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग करने वाली याचिका का विरोध किया है.
याचिका में कथित नफरती भाषण के लिए प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश देने की मांग की गई थी. जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल और जस्टिस अमित शर्मा की बेंच ने मामले को आगे की सुनवाई के लिए 27 सितंबर के लिए स्थगित कर दिया है. इन दोनों नेताओं की ओर से दाखिल हलफनामे में फरवरी 2020 में पूर्वोत्तर दिल्ली में सांप्रदायिक हिंसा भड़काने के आरोपों से इनकार किया गया है. यह कहा गया है कि याचिकाकर्ता ने सत्तारूढ़ दल के नेताओं द्वारा दिए गए भाषणों को ध्यान में नहीं रखा था. उन्हें याचिकाकर्ता द्वारा निशाना बनाया गया है.
कांग्रेस नेताओं की ओर से दाखिल हलफनामे में यह भी कहा गया है कि उनके भाषणों को पूरी तरह से नहीं लिया गया है. ऐसा कहा जाता है कि वे किसी भी तरह से किसी भी समूह के बीच धर्म, जाति, जन्म स्थान और भाषा आदि के आधार पर दुश्मनी को बढ़ावा नहीं देते हैं. उन्होंने दलील दी है कि सत्ताधारी दल के सदस्यों द्वारा दिए गए भाषणों को छोड़ दिया गया है.
यह हलफनामा एक संगठन लॉयर्स वॉयस की याचिका के खिलाफ दायर किया गया है जिसमें सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और अन्य दलों के नेताओं के खिलाफ भी प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश देने की मांग की गई है.
एक अगस्त को हाई कोर्ट में दायर हलफनामे में कहा गया है कि भाषणों का विश्लेषण करने पर, प्रतिवादियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का कोई मामला नहीं बनता है. हलफनामे में यह भी कहा गया है कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ एसआईटी के गठन के लिए निर्देश देने की कोई जरूरत नहीं है. यह भी कहा गया है कि इस मामले में प्राथमिकी दर्ज करने का कोई मामला नहीं बनता है. मामले में कोर्ट के दखल देने की जरूरत नहीं है.
यह कहा गया है कि याचिकाकर्ता द्वारा केवल गैर-अनुरूपतावादी, स्वतंत्र और विपक्षी नेताओं को शामिल किया गया है. इससे पहले बेंच ने याचिकाकर्ताओं द्वारा दायर याचिका पर नोटिस जारी किया था, जिन्होंने कई राजनेताओं के खिलाफ उनके कथित नफरत भरे भाषणों के लिए प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की थी.
डिवीजन बेंच ने पहले कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा, राहुल गांधी और भाजपा नेताओं अनुराग ठाकुर, प्रवेश साहिब वर्मा, कपिल मिश्रा समेत अन्य को नोटिस जारी किया था. बेंच ने आवेदन पर सभी राजनेताओं, कार्यकर्ताओं और अन्य लोगों से जवाब मांगा था जो उन्हें मामले में एक पक्ष के रूप में फंसाना चाहते हैं. अदालत ने मामले में आम आदमी पार्टी के मनीष सिसोदिया, अमानतुल्ला खान, एआईएमआईएम के अकबरुद्दीन ओवैसी, वारिस पठान और कार्यकर्ता हर्ष मंदर सहित अन्य को भी नोटिस जारी किया है.
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