भिवानी : कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी की शुक्रवार को हरियाणा विधानसभा चुनाव को लेकर रैली निर्धारित की गई है, लेकिन यहां पार्टी की हरियाणा इकाई के नेताओं ने उम्मीदवार और उनके बेटे पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों के मद्देनजर रैली को लेकर चेतावनी दी है.
राज्य में 21 अक्टूबर को होने वाले चुनाव को लेकर सोनिया गांधी की महेंद्रगढ़ में यह पहली रैली होगी.
पार्टी के नेताओं ने इस तथ्य को लेकर चेताया है कि महेंद्रगढ़ विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के उम्मीदवार दान सिंह राव, 2015 के भूमि घोटाले के एक आरोपी हैं. दूसरी ओर, उनके बेटे अक्षत सिंह, 200 करोड़ रुपए के आदर्श सहकारी समिति घोटाले से संबंधित एक मामले के आरोपी हैं.
एक सीनियर नेता ने दिप्रिंट को बताया, ‘पिता एक घोटाले में शामिल है. बेटा करोड़ों के एक अन्य घोटाले में. नेता ने नाम न बताने की शर्त पर कहा, एआईसीसी (ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी) में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने महसूस किया कि इसे सोनिया गांधी के ध्यान में लाया जाना चाहिए.
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गौरतलब है कि जहां सोनिया महेंद्रगढ़ में अपनी पहली रैली करने वाली हैं, वहीं पूर्व कांग्रेस प्रमुख राहुल गांधी ने इस हफ्ते की शुरुआत में नूंह जिले के मरोरा में एक जनसभा की है.
हरियाणा में पार्टी की चुनावी संभावनाएं कम होती दिख रही हैं, वह गुटबाजी से जूझ रही है और सत्तारूढ़ बीजेपी से लगातार हमले झेल रही है.
हरियाणा के एक दूसरे कांग्रेस नेता ने नाम न बताने की शर्त पर कहा, राज्य में माहौल पहले से ही कांग्रेस के खिलाफ है, खासकर भ्रष्टाचार के मुद्दों पर. यह रैली पार्टी को पलटकर नुकसान पहुंचा सकती है.
ऊपर पहले वाले नेता ने बताया, ‘चुनाव को लेकर मामले को भुला दिया गया था और इसका जिक्र नहीं किया गया. वह वहां से एकमात्र उम्मीदवार हैं और दो बार विधायक रहे हैं, इसलिए किसी ने वास्तव में इस पर सवाल नहीं उठाया.
उन्होंने आगे कहा कि रैली रद्द करने या न करने का फैसला अभी भी सोनिया के पास लंबित है.
राव और उनके बेटे के खिलाफ मामले
2015 में टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, कांग्रेस नेता दान सिंह राव को चंडीगढ़ के एक व्यक्ति को जाली दस्तावेजों के जरिए किसानों की जमीन बेचकर 60 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी के लिए गिरफ्तार किया गया था.
शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया था कि राव और अन्य ने गुड़गांव में तीन प्लॉट बेचने के लिए जाली दस्तावेजों का इस्तेमाल किया. रिपोर्ट में कहा गया है कि राव तब मुख्य संसदीय सचिव थे और वह टाउन एंड प्लानिंग विभाग संभाल रहे थे.
राव के बेटे अक्षत सिंह, पूर्व हरियाणा यूथ कांग्रेस के उपाध्यक्ष भी मामले में आरोपी हैं.
सिंह पर आदर्श ग्रुप के सीईओ विवेक हरिव्यासी को सहायता देने का भी आरोप है – जिसने उनकी कंपनी के माध्यम से कथित तौर पर 200 करोड़ रुपए से अधिक की धोखाधड़ी की. पोंजी स्कीम मामले के तीन मुख्य आरोपियों में से एक हरिव्यासी भी हैं.
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एचएनएस प्राइवेट लिमिटेड – जिनमें से सिंह एक सूचीबद्ध निदेशक हैं – ने कथित तौर पर गुड़गांव में चार फ्लैटों के बदले 4 करोड़ रुपए लिए जो कभी आदर्श ग्रुप को नहीं लौटाया. अगस्त में दायर एक जमानत याचिका के अनुसार एक आरोपी सुरेंद्र सिंह हैं जिनके खिलाफ जांच चल रही है.
दिप्रिंट को जमानत याचिका की कॉपी मिली है.
वहीं ऊपर कांग्रेस के पहले नेता ने कहा कि अक्षत को ‘फरार’ घोषित किया गया है.
दिप्रिंट दस्तावेजों को लेकर राव तक पहुंचा लेकिन इस ख़बर के प्रकाशित होने तक उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया.
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