scorecardresearch
Saturday, 4 May, 2024
होमराजनीतिशिवसेना ने कहा- बंगाल में लोकतंत्र के बजाए बाहुबली का शासन कायम है

शिवसेना ने कहा- बंगाल में लोकतंत्र के बजाए बाहुबली का शासन कायम है

शिवसेना ने पार्टी के मुखपत्र ‘सामना’ के अपने संपादकीय में कहा है, 'पश्चिम बंगाल में वास्तव में क्या हो रहा है और इसके पीछे किसके अदृश्य हाथ हैं?'

Text Size:

मुंबई : शिवसेना ने शुक्रवार को कहा कि पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के परिणाम के बाद हिंसा से राजनीति का ‘रक्तरंजित’ रूप उजागर हुआ है और यह दिखाता है कि लोकतंत्र के बजाए ताकत तथा बाहुबल का शासन कायम है.

पार्टी ने कहा कि राज्य में कानून-व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और केंद्र सरकार दोनों पर समान रूप से है.

शिवसेना ने पार्टी के मुखपत्र ‘सामना’ में एक संपादकीय में कहा है, ‘पश्चिम बंगाल में वास्तव में क्या हो रहा है और इसके पीछे किसके अदृश्य हाथ हैं? ये चीजें स्पष्ट होनी चाहिए. जबसे राज्य में भाजपा हारी है हिंसा की खबरें आ रही हैं. ऐसा कहा जा रहा है कि तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने भाजपा के कार्यकर्ताओं से मारपीट की। लेकिन यह सब दुष्प्रचार है.’

‘सामना’ में कहा गया कि पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद हिंसा में मारे गए 17 लोगों में नौ भाजपा से जुड़े लोग थे, बाकी तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ता थे. इसका मतलब है कि दोनों पक्ष इसमें संलिप्त हैं.


यह भी पढ़ें : विधानसभा चुनावों में कांग्रेस का प्रदर्शन निराशाजनक, हमें इस हार से सीख लेनी होगी: सोनिया गांधी

अच्छी पत्रकारिता मायने रखती है, संकटकाल में तो और भी अधिक

दिप्रिंट आपके लिए ले कर आता है कहानियां जो आपको पढ़नी चाहिए, वो भी वहां से जहां वे हो रही हैं

हम इसे तभी जारी रख सकते हैं अगर आप हमारी रिपोर्टिंग, लेखन और तस्वीरों के लिए हमारा सहयोग करें.

अभी सब्सक्राइब करें


संपादकीय में कहा गया, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पश्चिम बंगाल के राज्यपाल से बात कर हालात की जानकारी ली. भाजपा के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने भी उच्च न्यायालय का रुख कर हिंसा के लिए ममता बनर्जी को जिम्मेदार ठहराया और राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग की.’

शिवसेना ने कहा कि यह सब दिखाता है कि भाजपा ‘षड्यंत्र’ कर रही है.

संपादकीय में कहा गया कि देश में कोरोना वायरस से लोगों की जान जा रही है. लेकिन, यहां दंगों की राजनीति हो रही है और देश को बदनाम किया जा रहा है.

‘सामना’ में हैरानी जताते हुए कहा गया कि क्या लोग भूल गए हैं कि पश्चिम बंगाल में शांति कायम रखने और कानून-व्यवस्था की स्थिति बहाल रखने की जिम्मेदारी ममता बनर्जी के साथ केंद्र सरकार की भी है.

‘सामना’ में पश्चिम बंगाल के भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के चुनाव प्रचार के दौरान दिए गए भाषणों के लिए भी आलोचना की गयी.

share & View comments