नई दिल्ली : महाराष्ट्र की राजनीति में हर दिन अलग रंग देखने को मिल रहा है. और हर सुबह सोशल मीडिया पर इसके एक रंग का सभी को इंतज़ार रहता है. राज्यसभा सांसद और शिवसेना नेता संजय राउत अपने ट्वीट्स के ज़रिए न केवल शिवसेना की सोच प्रदर्शित करते हैं बल्कि अपने पुरानी सहयोगी भाजपा पर अपने तरकश से तीर निकाल रोज़ निशाना भी बनाते हैं. अब उनको जवाबी तीरों का सामना भी करना पड़ रहा है.
संजय राउत ने अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस के साथ राज्य में सरकार बनाने के शिवसेना की कोशिशों के मद्देनजर मुश्किल राह का संकेत देते हुए बुधवार को कवि हरिवंश राय बच्चन की कविता की पंक्तियां अग्निपथ, अग्निपथ, अग्निपथ को ट्वीट किया. इन पंक्तियों के माध्यम से उन्होंने सरकार बनाने के लिए हार न मानने और कामयाब होने के संकल्प को एक बार फिर से दोहराया है.
अग्नीपथ
अग्नीपथ
अग्नीपथ…— Sanjay Raut (@rautsanjay61) November 13, 2019
डिस्चार्ज होते ही बोले राउत अगला सीएम शिवसेना से ही होगा
अग्निपथ 90 के दशक में आई हिंदी ब्लॉकबास्टर फिल्म का टाइटल भी है.इसमें अमिताभ बच्चन ने काम किया था. फिल्म में दिखाया गया था कि अमिताभ को न्याय की खातिर कई मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. शिवसेना प्रवक्ता राउत (57) महाराष्ट्र में मौजूदा राजनीतिक स्थिति पर यहां अस्पताल से ट्वीट कर रहे हैं. उनकी सोमवार को एंजियोप्लास्टी हुई थी. बुधवार को उन्हें हॉस्पिटल से डिस्चार्ज कर दिया है. इस दौरान उन्होंने मीडिया से चर्चा में कहा, ‘अगला मुख्यमंत्री शिवसेना से ही बनेगा.’
"आधी छोड़ पूरी को धावे आधी मिले न पूरी पावे!"
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) November 13, 2019
इधर, भाजपा नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम शिवराज ने शिवसेना से भाजपा के गठबंधन तोड़ने के बाद के बने हालातों पर कथित तौर पर चुटकी ली है. भाजपा उपाध्यक्ष ने कहा, ‘आधी छोड़ पूरी को धावे, आधी मिले न पूरे पावे..’
राउत ट्वीट से लगातार कर रहे भाजपा पर हमले
इससे पहले राज्यपाल द्वारा शिवसेना को अतिरिक्त समय नहीं देने के मसले पर मंगलवार सुबह राउत ने ट्टीट किया था, ‘लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती, कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती. हम होंगे कामयाब, जरूर होंगे ….’
"लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती,
कोशीश करने वालों की कभी हार नही होती ।'
बच्चन.
हम होंगे कामयाब..
जरूर होंगे…— Sanjay Raut (@rautsanjay61) November 12, 2019
सोमवार को शिवसेना के कांग्रेस-एनसीपी के साथ गठबंधन के मामले में ट्टीट कर उन्होंंने कहा था कि ‘रास्ते की परवाह करूंगा तो मंजिल बुरा मान जाएगी………!’
रास्ते की परवाह करूँगा तो मंजिल बुरा मान जाएगी………!
— Sanjay Raut (@rautsanjay61) November 11, 2019
वहीं, कुछ दिन पहले भाजपा पर हमला बोलते हुए ट्टीट किया था कि, ‘जो खानदानी रईस हैं वो मिजाज रखते हैं नर्म अपना, तुम्हारा लहजा बता रहा है तुम्हारी दौलत नई नई है..’
जो खानदानी रईस हैं वो
मिजाज रखते हैं नर्म अपना,
तुम्हारा लहजा बता रहा है,
तुम्हारी दौलत नई-नई है।— Sanjay Raut (@rautsanjay61) November 10, 2019
24 अक्टूबर को महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव परिणाम की घोषणा के बाद से शिवसेना नेता हर दिन मीडिया को संबोधित कर रहे हैं. वे लगातार भाजपा पर निशाना साध रहे हैं.
गौरतलब है कि राज्य में भाजपा और शिवसेना ने मिलकर चुनाव लड़ा था. इसमें भाजपा को 105 और शिवसेन को 56, एनसीपी को 54 और कांग्रेस को 44 सीटे मिली थी. नतीजों के बाद राज्य में सत्ता में भागीदारी को लेकर दोनों दलों के बीच मतभेद हो गए. नेता कई दिनों से मचे सियासी हलचल के बाद मंगलवार को राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने राज्य में राष्ट्रपति शासन की अनुशंसा की थी. केंद्र के अनुरोध पर राष्ट्रपति शासन लगा दिया है लेकिन शिवसेना अभी भी हार मनाने को तैयार नहीं है. इसके बाद से शिवसेना ने एनसीपी और कांग्रेस के सहयोग से सरकार बनाने की कोशिशें शुरू की है जो अभी तक जारी है.
कौन हैं संजय राउत
महाराष्ट्र की राजनीति में सबसे चर्चित नाम शिवसेना सांसद संजय राउत का है. मुंबई में पढ़ाई करने के बाद उन्होंने मराठी समाचार पत्रों से अपने करिअर की शुरुआत की. मराठी और लेखनी में अच्छी पकड़ होने के चलते उनके लेख और समाचार चर्चा में बने रहते थे. पत्रकारिता के दौरान ही राउत की मुलाकात राज ठाकरे से हुई. इसके बाद से उनका ठाकरे परिवार में आना-जाना बढ़ गया.
कई बार राउत बाला साहेब ठाकरे के कार्टून वीकली मार्मिक में लेख लिखते थे. बाला साहेब ठाकरे ने बाद में उन्हें सामना का कार्यकारी संपादक बनाया. तब से वे सामना के संपादक बने हुए हैं. शिवसेना की कोई भी रणनीति राउत की सहमति के बिना नहीं बनती. यही कारण है कि वह हमेशा मीडिया में पार्टी का पक्ष भी रखते हैं. शिवसेना से 2004 में वे राज्यसभा सांसद भी हैं. वे राज्यसभा में पार्टी की ओर से मुखर आवाज बने रहते हैं. बाला साहेब ठाकरे की जिंदगी पर फिल्म ठाकरे की स्क्रिप्ट उन्होंने ही लिखी है.