अयोध्या: शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे रविवार को अपनी पार्टी के 18 सांसदों को लेकर अयोध्या पहुंचे. इस दौरान उन्होंने रामलला के दर्शन किए. इसके बाद मीडिया से बातचीत में उन्होंने बताया कि उन्हें भरोसा है कि राम मंदिर का निर्माण जल्द शुरू होगा. उद्धव ठाकरे के की माने तो उन्होंने अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण की बात पर ही भाजपा के साथ गठबंधन किया था. अब देश में पूर्ण बहुमत की सरकार बनी है तो फिर मंदिर निर्माण की बात भी आगे बढ़नी चाहिए.
सांसदों संग किए रामलला के दर्शन
इस दौरान उद्धव ठाकरे बोले कि हिंदू समाज की एकता जरूरी है. उन्होंने कहा, ‘ढांचा तोड़ने में भी हम आगे थे और राम मंदिर बनाने में भी हम आगे रहेंगे.’ उद्धव ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार हिंदुओं को मजबूत करने वाली सरकार है. देश का हिंदू समाज एक हो रहा है जो कि अच्छी बात है.
‘हम यहां रामलला का आशीर्वाद लेने आए हैं. हमारा बार-बार अयोध्या आने का मन करता है.’
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उद्धव ने कहा, ‘पिछली बार जब आया था तो लोगों को लगा कि मैं सियासत करने आया हूं लेकिन मैंने तभी नारा दिया था ‘पहले मंदिर फिर सरकार’. मैंने कहा था कि मैं चुनाव के बाद फिर आऊंगा और मैंने अपना वादा निभाया. आज कह रहा हूं कि कि मंदिर बनेगा ही बनेगा.’
उन्होंने कहा, ‘अयोध्या ऐसी जगह है जहां बार-बार आने की इच्छा होती है. मैं अयोध्या आता रहूंगा लेकिन अगली बार कब आऊंगा पता नहीं.’
बता दें कि शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के साथ सांसद संजय राउत, आदित्य ठाकरे शिवसेना भी मौजूद रहे. उद्धव ने अपने 18 सांसदों के साथ रामलला के दर्शन किए.
मीडिया से बातचीत में उद्धव ने कहा कि अयोध्या मुद्दा लंबे वक्त से सुप्रीम कोर्ट में है. अब केंद्र में मजबूत सरकार है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी में साहस है कि वह फैसला ले सकें. अगर केंद्र सरकार राम मंदिर पर अध्यादेश लाती है तो हम जरूर इसका समर्थन करेंगे. इस दौरान शिवसेना सांसदों ने ‘देखो, देखो कौन आया शिवसेना का शेर आया…’ के नारे लगाए.
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वहीं शिवसेना के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी और यूपी के सीएम योगी आदित्य नाथ के नेतृत्व में ही राममंदिर बनेगा. राम मंदिर मामले पर भाजपा ही रूपरेखा तय करेगी, हम केवल घटक दल हैं. राममंदिर के लिए सरकार को याद दिलाने की जरूरत नहीं है, 2019 का जो बहुमत मिला है वह राममंदिर निर्माण के लिए ही मिला है. अगला चुनाव राममंदिर मुद्दे पर नहीं लड़ा जाएगा. रामलला हमारे लिए राजनीति का नहीं, बल्कि आस्था का विषय हैं. मंदिर का नारा न तो शिवसेना भूली है और न ही आरएसएस, विहिप व भाजपा सबको याद है.