नई दिल्ली: महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी और शिवसेना का 30 वर्ष पुराना गठबंधन टूटने के मुक़ाम पर आ पहुंचा है. राज्य में मुख्यमंत्री पद के लिए आम सहमति नहीं बनने के बाद से ही दोनों दलों की राहें अलग हो गई है. शिवसेना के कोटे से केंद्रीय मंत्रिमंडल से मंत्री अरविंद सावंत ने सोमवार को अपना इस्तीफ़ा दे दिया.
मीडिया से चर्चा में शिवसेना नेता अरविंद सावंत ने कहा, ’30 मई से मैं केन्द्रीय मंत्रिपरिषद में सदस्य था. मैं भारी उद्योग मंत्रालय संभाल रहा था. विधानसभा चुनाव से पहले हमने लोकसभा चुनाव साथ में लड़ा था. विधानसभा चुनाव के पहले जब बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे मिले तब राज्य में सीटों के बटवारें के साथ ही सत्ता आने पर 50:50 फार्मूला भी तय हुआ था. लेकिन परिणाम आने के बाद बीजेपी ने इस बात को नकार दिया. जिसके बाद ही यह गठबंधन टूट गया. ठाकरे परिवार अपनी ज़ुबान का बहुत पक्का है. जो तय हुआ था वो होना चाहिए था.’
— Rahul Sampal राहुल संपाल (@sampalrahul) November 11, 2019
सावंत ने कहा, ‘आज हमारा गठबंधन महाराष्ट्र में नहीं है. ऐसे में नैतिकता के आधार में मेरा मंत्रिपरिषद में रहना उचित नहीं है. मैंने पीएम से मिलने के लिए समय मांगा था. उन्होंने दिया नहीं. मैंने अपना इस्तीफा उन्हें भेज दिया है.’
सावंत ने ट्वीट कर इस्तीफे की पेशकश की
शिवसेना नेता अरविंद सावंत ने सोमवार सुबह ट्वीट कर कहा, ‘लोकसभा चुनाव के पहले राज्य की सत्ता के बंटवारे का फॉर्मूला तैयार हुआ था. दोनों ही दल आश्वस्त थे. इस फॉर्मूले को नकारना अब शिवसेना के लिए खतरा है. राज्य में भाजपा ने झूठ का माहौल बना रखा है. शिवसेना सच्चाई के पक्ष में रही है. ऐसे झूठे माहौल में दिल्ली सरकार में क्यों रहें? इसीलिए मैं अपना इस्तीफा दे रहा हूं.’
भाजपा के इंकार के बाद शिवसेना को राज्यपाल का न्यौता
महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने रविवार शाम को राज्य में शिवसेना को सरकार बनाने का न्यौता दिया. भाजपा के मना करने के कुछ ही समय बाद राज्यपाल ने राज्य की दूसरी बड़ी पार्टी शिवसेना को यह न्यौता दिया. राज्यपाल ने शिवसेना के विधायक दल के नेता एकनाथ शिंदे से सोमवार शाम 7:30 बजे तक अपनी पार्टी की इच्छा और सरकार बनाने की उसके बहुमत के आंकड़ों की जानकारी देने को कहा है. गौरतलब है कि बीजेपी 105 सीटों के साथ राज्य में सबसे बड़ी पार्टी है, जबकि शिवसेना 56 विधायकों के साथ दूसरी सबसे बड़ी पार्टी है. 288 सदस्यों वाली विधानसभा में बहुमत के लिए 145 विधायको की ज़रूरत है.
महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए यह है शिवसेना का फ़ॉर्मूला
शिवसेना महाराष्ट्र में अपनी सरकार बनाने के लिए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस से समर्थन ले सकती है. विधानसभा चुनाव में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी को 55 और कांग्रेस को 44 सीट मिली है. शिवसेना दोनों दलों से बाहर से समर्थन हासिल कर सकती है. लेकिन समर्थन देने की शर्त पर एनसीपी और कांग्रेस ने साफ कर दिया है कि शिवसेना को समर्थन इसी शर्त पर होगा कि शिवसेना-बीजेपी के साथ अपना गठबंधन खत्म कर दें. इसके अलावा शिवसेना के केंद्रीय मंत्रिमंडल में एकमात्र मंत्री अरविंद सावंत भी इस्तीफा दे दें.
एनसीपी की कोर कमिटी की बैठक करेंगे शरद पवार
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार सोमवार को पार्टी नेताओं के साथ बैठक करेंगे. राज्य के ताजा राजनीतिक हालत को लेकर इसमें चर्चा होगी. इसमें पार्टी नेता प्रफुल्ल पटेल, सुप्रिया सुले, अजीत पवार, जयंत पाटिल और अन्य नेता शामिल होंगे.