मुंबई: अवैध रेत खनन पर कार्रवाई कर रही एक युवा महिला आईपीएस अधिकारी को डांटने के कुछ ही हफ्तों बाद, महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार एक बार फिर विवादों के घेरे में आ गए हैं. इस बार वजह बनी मराठवाड़ा के एक बाढ़ग्रस्त किसान पर उनकी झल्लाहट निकली है.
पवार शुक्रवार को धाराशिव ज़िले के भूम-परांडा तालुका के एक गांव में बाढ़ से प्रभावित किसानों से मिल रहे थे. इसी दौरान एक किसान ने पूछा कि क्या सरकार किसानों के लिए कर्ज़ माफी की घोषणा करेगी. इस पर उपमुख्यमंत्री बोले, “तो इसे ही मुख्यमंत्री बना दो. क्या तुम्हें लगता है हमें समझ नहीं है? क्या हम यहां गोटियां खेलने आए हैं? सुबह 6 बजे से काम कर रहा हूं. तुम काम करने वालों की आवाज़ दबाने की कोशिश कर रहे हो.”
उन्होंने आगे कहा, “मैं यहां आप सबको सांत्वना देने आया हूं. मुझे आगे दूसरे गांव भी जाना है. हमें हालात का पूरा अंदाज़ा है. हम ‘लाडकि बहिण योजना’ के तहत 45,000 करोड़ रुपये दे रहे हैं. किसानों के बिजली बिल भी हमने माफ किए हैं, वे सरकार भर रही है.”
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (अजित पवार गुट) के अध्यक्ष ने बताया कि उन्हें जैसे ही जानकारी मिली, वे तुरंत भूम-परांडा पहुंचे. किसानों से कहा, “कई चीज़ों को दिखावा करके छुपाया जा सकता है, लेकिन आर्थिक हालात को छुपाना मुश्किल है.”
20 सितंबर से महाराष्ट्र, खासकर मराठवाड़ा के ज़िले, बाढ़ की मार झेल रहे हैं. भारी बारिश और नदियों के उफान ने बड़े पैमाने पर तबाही मचाई है. कम से कम नौ लोगों की मौत हो चुकी है और 30,000 हेक्टेयर से अधिक फसलें बर्बाद हुई हैं. राज्य सरकार ने 2,215 करोड़ रुपये की राहत राशि की घोषणा की है.
यह पहली बार नहीं है जब पवार अपने बयानों को लेकर विवादों में घिरे हों. इसी महीने एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें आईपीएस अधिकारी अंजना कृष्णा उनसे फोन पर बात कर रही थीं. उस कॉल पर पवार ने कथित तौर पर उन्हें अवैध रेत खनन पर कार्रवाई करने के लिए डांटा था. उन्होंने कहा था, “इतना आपको डेरिंग हुआ क्या?…मैं तेरे ऊपर एक्शन लूंगा.”
तब पार्टी नेताओं ने पवार का बचाव करते हुए कहा था कि यह बस उनका बोलने का अंदाज़ है.
2013 में भी वे अपने एक असंवेदनशील बयान को लेकर घिर गए थे. उस वक्त सोलापुर का एक शख्स 55 दिन से भूख हड़ताल पर था, मांग थी कि बांध से पानी छोड़ा जाए. इस पर पवार ने कहा था, “जब पानी ही नहीं है तो कहां से दें? क्या हम पेशाब करें? और जब पीने का पानी ही नहीं मिल रहा, तो पेशाब भी आसानी से नहीं हो रहा.” बाद में उन्होंने ‘भावनाएं आहत करने’ के लिए माफी मांगी थी.
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