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Saturday, 21 December, 2024
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‘खेला होई’: सपा ने यूपी चुनाव के लिए गीतों और नारों की पूरी तैयारी की—कुछ मौलिक, कुछ ‘प्रेरित’

समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने हाल ही में एक गीत, सुख-दुख में साथ निभाएंगे, लॉन्च किया है, जो कोविड संकट के दौरान पार्टी के प्रयासों को दर्शाता है और इसमें योगी सरकार की खिंचाई की गई है.

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लखनऊ: समाजवादी पार्टी ने उत्तर प्रदेश में 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव के सिलसिले में गाने, नारों और पोस्टरों की पूरी सीरिज की तैयार कर रखी है.

पार्टी अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ऐसा ही एक गाना सुख-दुख में साथ निभाएंगे सोशल मीडिया पर जारी किया है.

2 मिनट 19 सेकंड का यह गीत यूपी के कोविड संकट के इर्द-गिर्द केंद्रित है—इसमें लोगों की मदद करने के सपा के प्रयासों और महामारी से निपटने में योगी आदित्यनाथ सरकार की नाकामी को दर्शाया गया है.

वीडियो में ऑक्सीजन रीफिलिंग सेंटर के बाहर लगी कतारों के विजुअल और गंगा नदी में तैरते संदिग्ध कोविड मरीजों के शवों को लेकर टीवी चैनलों की सुर्खियां शामिल की गई हैं. यह अखिलेश को ‘जनता के नायक’ के रूप में चित्रित करता है, और बतौर मुख्यमंत्री उनके कार्यकाल के दौरान शुरू की गई योजनाओं को रेखांकित करता है.

समाजवादी पार्टी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने दिप्रिंट को बताया कि सुख-दुख में साथ निभाएंगे पार्टी के अभियान के मुख्य थीम सांग में से एक है.

पार्टी पदाधिकारी ने कहा, ‘विधानसभा चुनाव में सिर्फ सात महीने बाकी हैं, इसलिए हम गीतों और नारों के जरिये अपना अभियान शुरू कर रहे हैं. अगले दो महीनों में आप हमारी पार्टी पर आधारित कुछ और गीत देखेंगे. सुख-दुख में साथ निभाएंगे हमारे अभियान के मुख्य थीम सांग में से एक है क्योंकि यह कोविड संकट से जुड़ा है.’

उन्होंने कहा, ‘अभियान के तहत काम बोलता है की तर्ज पर गीत लॉन्च करने की भी योजना है, जिसे हमने 2017 के चुनावों से पहले जारी किया था. पार्टी ने चुनाव के लिए अपने नारे के रूप में ‘बाइस में साइकिल’ को पहले ही अंतिम रूप दे दिया है. ऐसे कई और नारे भी तैयार किए जा रहे हैं.’

गाने, गाने और ज्यादा गाने

सुख-दुख में साथ निभाएंगे एकमात्र गीत नहीं है जिसे सपा ने जारी किया है. पार्टी की तरफ से जारी अन्य गीतों में से एक में अखिलेश को भगवान कृष्ण की तरह दिखाया गया है.

अखिलेश आ रहे हैं शीर्षक वाला यह गीत पार्टी नेता राजकुमार भाटी ने लिखा है और इसे 15 जून को समाजवादी पार्टी के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर जारी किया गया था.

गीत की एक पंक्ति इस प्रकार है, ‘मुरली धारी भेष बदलकर कृष्णा आ रहे हैं, अखिलेश आ रहे हैं.’

सपा के एक अन्य पदाधिकारी ने कहा कि अखिलेश को भगवान कृष्ण की तरह दिखाने में कुछ गलत नहीं है. पदाधिकारी ने कहा, ‘अगर भाजपा अपनी ब्रांडिंग के लिए भगवान राम को इस्तेमाल कर सकती है तो हम भगवान कृष्ण का नाम इस्तेमाल क्यों नहीं कर सकते. भगवान कृष्ण में हमारी गहरी आस्था है.’

इसके अलावा इसी साल मार्च में रिलीज अखिलेशजी दोबारा जैसे गाने भी हैं जिसे 20 वर्षीय पेशेवर गायिका चाहत मल्होत्रा ने लिखा और गाया है, जो पिछले साल जनवरी में पार्टी में शामिल हुई थीं.

चाहत ने अखिलेश का साथ निभाएंगे  भी गाया है, जिसे पेशेवर लेखक मनोज यादव ने लिखा है इस गीत को पिछले साल सितंबर में रिलीज किया गया था.

ऊपर उद्धृत दूसरे सपा पदाधिकारी ने कहा कि पार्टी अवधी और भोजपुरी भाषाओं में गीत जारी करने की भी योजना बना रही है.

उन्होंने आगे कहा, ‘हमारी विचारधारा के समर्थक कई अन्य गायक आने वाले दिनों में इस पर काम कर सकते हैं. जाने-माने भोजपुरी गायक खेसारी लाल यादव हाल ही में अखिलेशजी से मिले थे. सोशल मीडिया पर इन गीतों को बढ़ावा देने के लिए पार्टी अपने आईटी सेल में वालंटियर को भी जोड़ सकती है. आउटसोर्सिंग के लिए कई इन्फ्लूएंटर से भी संपर्क साधा जा रहा है.’


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नारे तैयार हो रहे

समाजवादी पार्टी ने अभी अपने प्रचार अभियान के नारे के तौर पर बाइस में साइकिल को अंतिम रूप दिया है.

बाइस यानी 22 का इस्तेमाल वर्ष 2022 के लिए किया गया है जबकि साइकिल पार्टी का चुनाव चिह्न है,

लेकिन जैसा कि अखिलेश के एक करीबी ने दिप्रिंट को बताया, कई अन्य नारों पर काम चल रहा है.

सहयोगी ने बताया, ‘पश्चिम बंगाल में चर्चित रहे तृणमूल कांग्रेस के कैंपेन स्लोगन ‘खेला होबे’ की तर्ज पर समाजवादी पार्टी भोजपुरी भाषा में इसे ‘खेला होई’ करके लॉन्च करने की योजना बना रही है. कॉपीराइटर की एक टीम पहले से ही अखिलेशजी के संपर्क में है.’

वाराणसी और कानपुर में पार्टी के कुछ नेताओं ने हाल ही में खेला होई के नारे के साथ पार्टी के होर्डिंग लगाए थे.

संगठन में कई बदलावों की भी तैयारी

सपा गाने, नारे और सोशल मीडिया पर प्रचार के अलावा सांगठनिक स्तर पर कई बदलावों की योजना भी बना रही है.

अखिलेश ने शनिवार को 11 जिला अध्यक्षों को इस आधार पर बर्खास्त कर दिया था कि संबंधितों जिलों में उनके बताए प्रत्याशियों ने जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए अपना नामांकन दाखिल नहीं किया था.

सपा के एक नेता ने कहा, ‘यह कदम एक कड़ा संदेश देने के लिए उठाया गया था; उनके खिलाफ कई शिकायतें थीं. ये पद जल्द ही भरे जाएंगे. आने वाले दिनों में अन्य बदलाव भी होंगे. पार्टी कई अन्य जिलाध्यक्षों के बारे में फीडबैक ले रही है. हम कोई कमी नहीं रहने देना चाहते क्योंकि यह हमारे लिए करो या मरो की स्थिति वाला चुनाव है.’

नेता ने आगे जोड़ा कि छात्र सभा (छात्र इकाई), युवजन सभा (युवा इकाई) और मुलायम सिंह यूथ ब्रिगेड के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद भी जल्द ही भरे जाएंगे.

पार्टी के मुख्य प्रवक्ता और एमएलसी राजेंद्र चौधरी ने पार्टी की योजनाओं के बारे में थोड़ी-बहुत जानकारी ही दी.

उन्होंने कहा, ‘पार्टी का पूरा फोकस 2022 के चुनाव पर है. मैं मीडिया के सामने सब कुछ तो नहीं बता सकता लेकिन यह सच है कि हम गीतों और नारों पर विशेष तौर पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं क्योंकि ये चीजें माहौल बनाने में मदद करती हैं. यह नया गाना (सुख-दुख में साथ निभाएंगे) यह बताता है कि जब जनता को जरूरत थी तो सपा वहां पर थी.’

उन्होंने इस बात से इनकार किया कि यह भाजपा के सबका साथ-सबका विकास की तर्ज पर है.

उन्होंने कहा, ‘सपा तो पहले से ही इस फैक्टर पर काम कर रही है. हम सबके साथ पहले से ही हैं, अब जनता भाजपा का साथ छोड़ देगी.’


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