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Thursday, 5 December, 2024
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‘सर्वजन को बचाना है BSP को सत्ता में लाना है’ 2022 चुनाव के लिए मायावती ने कसी कमर, बोलीं- हमें कम न आंके

बसपा ने यूपी में ज़िला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव को न लड़ने का निर्णय लिया है. मायावती ने पार्टी के लोगों को निर्देश दिया है कि वे इस चुनाव में अपना समय न गंवाए बल्कि पार्टी के संगठन को मजबूत बनाने और सर्व समाज में पार्टी के जनाधार को बढ़ाने में लगाएं.

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लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने एलान किया कि बसपा ने इस समय प्रदेश में हो रहे ज़िला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव को न लड़ने का निर्णय लिया है.

मायावती ने पार्टी के लोगों को निर्देश दिया है कि वे इस चुनाव में अपना समय और ताकत लगाने की बजाय पार्टी के संगठन को मजबूत बनाने और सर्व समाज में पार्टी के जनाधार को बढ़ाने में लगाएं.

उन्होंने कहा कि मैं यह स्पष्ट कहना चाहती हूं कि अगर यह चुनाव पारदर्शी होते तो हम जरूर लड़ते.

मायावती यूपी में 2022 में होने वाले चुनाव में कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहती हैं. उन्होंने कहा कि ‘भले ही हम मीडिया में कम दिखते हैं लेकिन हमें कमतर आंकने की कोशिश न करें.’

आगामी चुनाव के मद्देनजर बसपा सुप्रीमो ने नया नारा भी दिया. उन्होंने कहा, ‘ यूपी में सर्वजन को बचाना है बसपा को सत्ता में लाना है.’

2022 के विधानसभा चुनाव के लिए मायावती ने यूपी की जनता से अपील करते हुए नारा दिया,’यूपी को बचाना है, सर्वजन को बचाना है. बसपा को सत्ता में लाना है और जरूर लाना है.’

मायावती ने कहा, ‘इस बार उत्तर प्रदेश में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी की सरकार बन सकेगी. जब यहां बसपा की सरकार बन जाएगी तो ज़िला पंचायत अध्यक्ष खुद ही बसपा में शामिल हो जाएंगे.’

मायावती ने एआईएमआईएम के साथ अपने गठजोड़ को पूरी तरह खारिज कर दिया है. उन्होंने कहा, ‘एआईएमआईएम के साथ हमारे गठबंधन की खबरें पूरी तरह गलत हैं.’

उन्होंने इस बाबत रविवार को भी एक के बाद एक कई ट्वीट कर अपनी मंशा साफ कर दी थी. मायावती ने कहा था उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के साथ गठबंधन नहीं कर रही हैं.दोनों राज्यों में अगले वर्ष के प्रारंभ में होने वाले विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी अकेले ही चुनाव लड़ेगी.

बसपा प्रमुख ने ट्वीट किया, ‘मीडिया के एक न्यूज चैनल में कल से यह खबर प्रसारित की जा रही है कि उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा आम चुनाव ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम और बीएसपी मिलकर लड़ेगी. यह खबर पूर्णतः गलत, भ्रामक व तथ्यहीन है. इसमें रत्ती भर भी सच्चाई नहीं है तथा बसपा इसका जोरदार खंडन करती है.’

मायावती ने सिलसिलेवार ट्वीट कर कहा था, ‘वैसे इस सम्बन्ध में पार्टी द्वारा फिर से यह स्पष्ट किया जाता है कि पंजाब को छोड़कर, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में अगले वर्ष के प्रारंभ में होने वाले विधानसभा चुनाव बसपा किसी भी पार्टी के साथ कोई भी गठबन्धन करके नहीं लड़ेगी अर्थात् अकेले ही लड़ेगी.’

नजर विधानसभा चुनाव पर

हम भले ही जिला पंचायत चुनाव नहीं लड़ रहे हैं, लेकिन हम पूरी तरह मैदान में हैं और हमारी लगातार बैठकें चल रही हैं. हम विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटे हैं.

उन्होंने कहा कि अगले विधानसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में बसपा की सरकार बनेगी.

मायावती ने अपनी पार्टी के नेताओं को भी आगाह करते हुए कहा कि उनकी पार्टी के नेताओं को विरोधी पार्टियों की साम, दाम, दंड, भेद नीति से सावधान रहना होगा.

मायावती ने बताया कि वह लखनऊ में रहकर पार्टी को मजबूत करने में लगी हैं और चुनावी तैयारियों पर नजर रख रही हैं.

मायावती ने कहा कि बसपा के लोगों को हथकंडों से सतर्क रहना चाहिए. 1995 में हम सपा सरकार से अलग हुए थे, भारतीय जनता पार्टी भी सपा की ही तरह है. बसपा के खिलाफ तरह-तरह की अफवाह फैलाई जा रही है जिससे सभी को दूर रहना चाहिए.

गौरतलब है कि शनिवार को जिला पंचायत अध्यक्ष पद के चुनाव होने हैं. मायावती ने कहा कि विपक्षी दल अफवाह फैला रहे हैं कि बसपा वर्ष 2022 के विधान सभा चुनावों को लेकर सक्रिय नहीं है, जबकि सच्चाई यह है कि वह स्वयं और पार्टी कार्यकर्ता पिछले साल से ही इन चुनाव की तैयारी में जुटे हैं.

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