नई दिल्ली: देशभर में चल रहे स्वच्छता अभियान के खिलाफ बयान देने वाली मध्यप्रदेश के भोपाल से भाजपा सांसद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर अब हाथ में झाडू थामे नज़र आएगी. सांसद साध्वी प्रज्ञा को पार्टी ने अनोखी सज़ा दी है कि वे अपने क्षेत्र में स्वच्छता अभियान चलाए. वहीं ऐसे कार्यक्रमों में शामिल होकर यह संदेश दे कि वे स्वच्छता अभियान के खिलाफ नहीं है, जैसा कि हाल के घटनाक्रम से प्रतीत हुआ था.
विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक केंद्रीय नेतृत्व ने साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को फटकार लगाते हुए कहा था कि वे अपने संसदीय क्षेत्रों में स्वच्छता अभियान के कार्यक्रम में शामिल हो या फिर ऐसे कार्यक्रम को आयोजित करे. वह यह संदेश भी दें कि वे इस तरह के अभियान के खिलाफ नहीं है. साध्वी 30 या 31 जुलाई को भोपाल के कोलार और बैरसिया में स्वच्छता अभियान में शामिल होंगी. इन कार्यक्रमों में वो हाथ में झाडू लेकर सफाई के प्रति जागरुकता फैलाने का संदेश देंगी.
साध्वी प्रज्ञा के स्टाफ में शामिल व्यक्ति ने दिप्रिंट हिंदी से बातचीत में इस बात की पुष्टि की.
साध्वी प्रज्ञा का बयान
सांसद प्रज्ञा ठाकुर ने 21 जुलाई को सीहोर ज़िले में भाजपा कार्यकर्ताओं की बैठक में कहा था कि ‘हम नाली साफ करवाने के लिए नहीं बने हैं. हम आपका शौचालय साफ करने के लिए बिल्कुल नहीं बनाए गए हैं. हम जिस काम के लिए बनाए गए हैं, वो काम हम इमानदारी से कर रहे हैं.’ इस बयान के बाद भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने उन्हें दिल्ली स्थित भाजपा कार्यालय में बुलाकर फटकार लगाई थी.
साध्वी प्रज्ञा का बयान ऐसे समय में आया है, जब पीएम मोदी पूरे देश में स्वच्छता को लेकर जागरुकता फैला रहे हैं. हाल ही में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने भी स्वच्छता के प्रति जागरुकता फैलाने के लिए दो दिन का स्वच्छता अभियान चलाया था. इस दौरान सांसदों ने संसद भवन परिसर में झाडू लगाई थी.
साध्वी का पहले भी रहा है विवादों से नाता
साध्वी प्रज्ञा पहले भी कई दफा अपने विवादित बयानों को लेकर सुर्खियों में रही है. लोकसभा चुनाव के दौरान साध्वी ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को ‘देशभक्त’ तक करार दिया था. चुनाव प्रचार के दौरान फिल्म अभिनेता कमल हसन के गोडसे को लेकर आए बयान पर जब साध्वी से प्रतिक्रिया मांगी तो उन्होंने कहा था कि गोडसे देशभक्त थे, हैं और रहेंगे.
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वहीं इसके पहले साध्वी प्रज्ञा ने मुम्बई में आतंकवादियों की गोली से शहीद हुए एटीएस के प्रमुख हेमंत करकरे की शहादत को लेकर विवादित बयान दिया था. उन्होंने मालेगांव बम धमाके के मामले में हुई गिरफ्तारी के दौरान हेमंत करकरे को दिए गए श्राप का ज़िक्र करते हुए कहा था, ‘उस समय मैंने करकरे से कहा था कि तेरा सर्वनाश होगा, उसी दिन से उस पर सूतक लग गया था और सवा माह के भीतर ही आतंकवादियों ने उसे मार दिया था.’
लोकसभा चुनाव के दौरान मामले के तूल पकड़ने पर प्रज्ञा को चुनाव आयोग ने नोटिस जारी किया था, जिसका उनकी ओर से जवाब दिया गया है. उन्होंने अपने जवाब में कहा था ‘मैंने शहीद का अपमान नहीं किया है. मुझे जो यातनाएं दी गई केवल उसी का ज़िक्र किया है.’
वहीं, इसके बाद अयोध्या में विवादित ढांचे को गिराए जाने को लेकर दिए गए बयान पर प्रज्ञा के खिलाफ चुनाव आयेाग ने मामला भी दर्ज किया है. प्रज्ञा ने विवादित ढांचे को गिराए जाने को गर्व का विषय बताया था, साथ ही विवादित स्थान पर भव्य राम मंदिर बनने की बात कही थी.
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साध्वी ने चुनाव के दौरान ही भोपाल से कांग्रेस उम्मीदवार और पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह को आतंकवादी बताया था. प्रज्ञा ठाकुर ने कहा था कि ‘राज्य में 16 साल पहले उमा दीदी ने हराया था और वह 16 साल से मुंह नहीं उठा पाया और राजनीति कर लेता इसकी कोशिश नहीं कर पाया. अब फिर से सिर उठा है तो दूसरी संन्यासी सामने आ गई है जो उसके कर्मो का प्रत्यक्ष प्रमाण है’. साध्वी ने कहा कि एक बार फिर ऐसे आतंकी का समापन करने के लिए संन्यासी को खड़ा होना पड़ा है.