नई दिल्ली: राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट का मनमुटाव एकबार फिर से खुलकर सामने आ गया है. हालांकि, राजस्थान में कांग्रेस सरकार के अंदर ये मनमुटाव पिछले तीन साल से जारी है.
मंगलवार को राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने एकबार फिर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ मोर्चा खोलने का एलान कर दिया है.
सचिन पायलट ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पिछले भाषण पर निशाना साधते हुए कहा, “मैंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का धौलपुर का भाषण सुना, उसे सुनकर ऐसा लगता है कि उनकी नेता सोनिया गांधी नहीं वसुंधरा राजे हैं.”
उन्होंने सीएम से उनकी स्थिति स्पष्ट करने की भी बात कही. उन्होंने कहा, “एक तरफ यह कहा जा रहा है कि हमारी सरकार को गिराने का काम भाजपा कर रही थी, दूसरी तरफ कहा जाता है कि हमें बचाने का काम वसुंधरा राजे कर रही थीं. आप कहना क्या चाहते हैं, आपको स्पष्ट करना चाहिए.”
कोरोना से गद्दार तक
पायलट ने कहा, साल 2020 में मैं सूबे का उप मुख्यमंत्री था, उस समय राजद्रोह के आरोप में मुझ पर कार्रवाई करने की कोशिश की गई थी. नेतृत्व परिवर्तन चाहते थे, इसलिए दिल्ली गए AICC से बात रखी, जिसके बाद एक कमेटी का गठन हुआ. कमेटी ने सबकी बात सुनी और उसके आधार पर एक रोड मैप तैयार किया गया. इसके बाद से हर छोटे-बड़े कार्य में सभी साथियों ने मिलकर काम किया और मेहनत की, अनुशासन तोड़ने का कार्य कभी किसी ने भी नहीं किया.”
उन्होंने आगे कहा,” मुझे बहुत कुछ कहा गया कोरोना, गद्दार आदि. मैं ढाई साल से यह सब सुन रहा था लेकिन हम चुप थे क्योंकि हम अपनी पार्टी को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहते थे लेकिन अपने ही विधायकों और नेताओं को बदनाम करना और भाजपा का गुणगान करना मेरे समझ से परे है.”
125 की जनसंघर्ष यात्रा
सचिन पायलट ने आगे कहा, “मैं 11 मई को अजमेर से एक जन संघर्ष यात्रा निकालूंगा और हम जयपुर की तरफ आएंगे. यह 125 किमी की यात्रा होगी. सही निर्णय तब लिए जाएंगे जब जनता का पूरा साथ होगा.” उन्होंने आगे कहा कि मैं पिछले कुछ समय से मैं लगातार वसुंधरा राजे के समय में करप्शन की बात करना रहा हूं, पेपर लीक आदि का मुद्दा उठाता था तो मुझे जवाब नहीं मिलता है..लेकिन पिछले दिनों दिए गए भाषण से मुझे पता चला कि वो तो भाजपा की कठपुतली हैं.
अशोक गहलोत पर हमला बोलते हुए पायलट ने कहा कि सीएम साहब ने कांग्रेस के नेताओं का अपमान किया और बीजेपी के नेताओं का गुणगान किया, ये समझ से परे है. ऐसे विधायकों पर आरोप लगाए जा रहे हैं, जो राजनीति में 40-45 साल से काम कर रहे हैं. उनके क्षेत्र के लोग जानते हैं कि वह कैसे नेता हैं, कैसा काम करते हैं. ऐसे विधायकों पर इल्जाम लगाना गलत है.
सचिन पायलट ने कहा कि समय आ गया है कि अब प्रशासन सही फैसले ले और फैसले तभी होंगे जब जनता का प्रेशर सरकार पर बनेगा.
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