नई दिल्ली: कांग्रेस सांसद और विदेश मामलों की संसदीय स्थायी समिति के अध्यक्ष शशि थरूर ने शनिवार को बांग्लादेश में हुई हिंसा की कड़ी निंदा की. यह हिंसा इंकीलाब मंचो के संयोजक शरीफ उस्मान हादी की मौत के बाद भड़की, जिसमें उग्र भीड़ ने सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया और एक हिंदू व्यक्ति की पीट पीटकर हत्या कर दी.
शशि थरूर ने हालात पर चिंता जताते हुए पड़ोसी देश में शांति और लोकतंत्र की वकालत की. उन्होंने कहा कि इस तरह का भीड़ का राज नहीं चलना चाहिए. संसदीय स्थायी समिति ने भी कहा है कि हम बांग्लादेश के साथ अच्छे संबंध चाहते हैं और वहां शांति बनी रहनी चाहिए.
उन्होंने कहा कि फरवरी में वहां चुनाव होने वाले हैं और हम चाहते हैं कि वहां लोकतंत्र लौटे, लेकिन जिस तरह की स्थिति बन रही है वह बेहद चिंताजनक है. ऐसी स्थिति दोनों देशों के लिए ठीक नहीं है. हम वहां शांति चाहते हैं.
इससे पहले शशि थरूर ने कथित ईशनिंदा के आरोप में बांग्लादेश में एक हिंदू व्यक्ति दीपु चंद्र दास की भीड़ द्वारा हत्या के खिलाफ आवाज उठाई थी. उन्होंने एक्स पर पोस्ट कर लिखा कि बांग्लादेश में फैले भीड़ के राज के बीच यह बेहद दुखद घटना है. उन्होंने पीड़ित हिंदू व्यक्ति की मौत पर शोक जताते हुए बांग्लादेश सरकार की ओर से की गई निंदा की सराहना की.
उन्होंने अपनी पोस्ट में बांग्लादेश सरकार से यह भी सवाल किया कि दोषियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की जा रही है और ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं.
बांग्लादेश के मयमनसिंह जिले के भालुका इलाके में दीपु चंद्र दास को कथित ईशनिंदा के आरोप में भीड़ ने पीटकर मार डाला और जला दिया. बांग्लादेश की रैपिड एक्शन बटालियन ने इस मामले में सात लोगों को गिरफ्तार किया है. यह जानकारी बांग्लादेश सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस ने एक्स पर दी.
गिरफ्तार आरोपियों के नाम हैं. मोहम्मद लिमोन सरकार उन्नीस वर्ष. मोहम्मद तारेक हुसैन उन्नीस वर्ष. मोहम्मद मानिक मिया बीस वर्ष. एरशाद अली उनतालीस वर्ष. निजुम उद्दीन बीस वर्ष. आलमगीर हुसैन अड़तीस वर्ष. और मोहम्मद मिराज हुसैन अकोन छियालीस वर्ष.
देश में अशांति की शुरुआत शरीफ उस्मान हादी की मौत के बाद हुई. आरोप है कि ढाका में दो नकाबपोश हमलावरों ने उन्हें गोली मार दी थी. इसके बाद गुस्साई भीड़ ने मीडिया संस्थानों और अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया.
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