नई दिल्ली: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले ने बुधवार को कहा कि, संघ न तो दक्षिणपंथी है और न ही वामपंथी है, बल्कि वह राष्ट्रवादी है.
होसबोले यहां बिरला सभागार में ‘एकात्म मानवदर्शन अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान’ की ओर से ‘राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघः कल, आज और कल’ विषय पर आयोजित दीनदयाल स्मृति व्याख्यान में बोल रहे थे.
इस कार्यक्रम के दौरान वहां राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, भारतीय जनता पार्टी के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अध्यक्ष डॉ. महेश चन्द्र शर्मा, अशोक परनामी और प्रतिपक्ष के नेता गुलाबचंद कटारिया भी मौजूद थे.
उन्होंने आगे कहा, ‘‘भारत में रहने वाले सभी हिन्दू हैं, क्योंकि उनके पूर्वज हिन्दू थे. उनकी पूजा पद्धति अलग हो सकती है, लेकिन उन सभी का डीएनए एक है.’’
उन्होंने कहा कि सभी के सामूहिक प्रयास से ही भारत विश्व गुरु बनकर दुनिया का नेतृत्व करेगा. आगे कहा कि संघ भारत के सभी मतों और संप्रदायों को एक मानता है.
होसबोले ने कहा कि संघ न तो दक्षिणपंथी है और न ही वामपंथी है, बल्कि वह राष्ट्रवादी है.
होसबोले आगे बोले “लोग अपने मत एवं संप्रदाय का पालन करते हुए संघ के कार्य कर सकते हैं. ‘‘संघ कठोर नहीं है, बल्कि लचीला है.’’
उन्होंने कहा कि संघ को समझने के लिए दिमाग नहीं दिल चाहिए. उन्होंने अगली पीढ़ी के कल्याण के लिए पर्यावरण की रक्षा करने पर बल दिया.
होसबाले ने कहा कि देश में लोकतंत्र की स्थापना में आरएसएस की अहम भूमिका रही है.
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