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Tuesday, 5 November, 2024
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RLD ने विधानसभा चुनाव में पार्टी टिकटों की बिक्री के अपने पूर्व यूपी प्रमुख के आरोपों को खारिज किया

रालोद के प्रदेश अध्यक्ष डॉ मसूद अहमद ने हाल ही में अपने पद से इस्तीफा दे दिया है और आरोप लगाया है कि गठबंधन में लोगों ने भाजपा के खिलाफ लड़ने के बजाय सीट बंटवारे को लेकर आपस में लड़ाई लड़ी.

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नई दिल्ली : रालोद पार्टी के पूर्व उत्तर प्रदेश अध्यक्ष मसूद अहमद के दावों को खारिज करते हुए कि राज्य विधानसभा चुनावों में ‘सीटें बेची गईं’, राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) के राष्ट्रीय महासचिव त्रिलोक त्यागी ने रविवार को कहा कि अहमद ने अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षा को पूरा करने के लिए आरोप लगाए हैं.

एएनआई से बात करते हुए त्यागी ने कहा, ‘मसूद अहमद निराधार आरोप लगा रहे हैं. उत्तर प्रदेश चुनाव में सभी रालोद कार्यकर्ताओं को टिकट दिया गया.जब रालोद अध्यक्ष ने उत्तर प्रदेश में चुनाव के बाद राज्य इकाई को भंग कर दिया, तो उन्हें क्यों याद आया कि क्या गलत हुआ?

उन्हें पहले कुछ कहना चाहिए था और अगर उन्हें कोई शिकायत थी तो जयंत चौधरी से बात करनी चाहिए थी, लेकिन मुझे लगता है कि कुछ राजनीतिक मकसद है इस तरह के आरोपों के पीछे.

त्यागी ने अहमद की खिंचाई की और कहा कि हालांकि उन्होंने अपने पद से इस्तीफा देने का दावा किया है, लेकिन तथ्य यह है कि यूपी इकाई भंग कर दी गई थी.

उन्होंने कहा, ‘यह कहना गलत है कि उन्होंने इस्तीफा दिया है क्योंकि एक हफ्ते पहले ही रालोद ने उत्तर प्रदेश की राज्य समितियों को भंग कर दिया था, फिर उन्होंने इस्तीफा कैसे दिया?

रालोद के वरिष्ठ नेता ने आगे एएनआई को बताया कि अहमद का आरोप कि दलितों और अल्पसंख्यकों की उपेक्षा की गई थी, यह भी सच नहीं है क्योंकि 35 से अधिक अल्पसंख्यकों और दलितों ने समाजवादी पार्टी-रालोद गठबंधन के उम्मीदवारों के रूप में यूपी से चुनाव जीता था.

उन्होंने कहा, ‘रालोद ने दलित और अल्पसंख्यक को पांच-छह टिकट भी दिए. जयंत चौधरी और अखिलेश यादव पर आरोप लगाना गलत है.’

रालोद के प्रदेश अध्यक्ष डॉ मसूद अहमद ने हाल ही में अपने पद से इस्तीफा दे दिया है और आरोप लगाया है कि गठबंधन में लोगों ने भाजपा के खिलाफ लड़ने के बजाय सीट बंटवारे को लेकर आपस में लड़ाई लड़ी. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि यूपी विधानसभा चुनावों में सीटें बेची गईं और दलितों और अल्पसंख्यकों के मुद्दों की उपेक्षा की गई.


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