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Sunday, 3 November, 2024
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बिहार में सरकार पर कटाक्ष करने वाले RJD के मंत्री बैठक से निकले, नीतीश ने लालू को मिलाया फोन

कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने कहा शनिवार को एक जनसभा में कहा था कि उनके विभाग के अधिकारी चोर हैं और वह चोरों के सरदार हैं. उधर, भाजपा ने नीतीश पर निशाना साधते हुए कहा है—सरकार की डोर लालू के हाथों में है.

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पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को मंगलवार को एक कैबिनेट बैठक के दौरान उस समय खासी शर्मिंदगी झेलनी पड़ी, जब राज्य के कृषि मंत्री सुधाकर सिंह एक सार्वजनिक सभा में किए गए इस दावे पर माफी मांगने से इनकार कर दिया कि उनके विभाग के सभी अधिकारी चोर हैं और वे ‘चोरों के सरदार’ हैं. यही नहीं वह राज्य सचिवालय में चल रही बैठक बीच में ही छोड़कर चले गए.

बैठक में मौजूद एक राजद नेता ने नाम न छापने की शर्त पर दिप्रिंट को बताया कि इस पूरे घटनाक्रम से ‘स्तब्ध और हैरान’ नीतीश ने तब गठबंधन सहयोगी और राष्ट्रीय जनता दल प्रमुख लालू प्रसाद यादव को फोन लगाया और उनसे राजद के मंत्री पर लगाम कसने का आग्रह किया.

गौरतलब है कि एक वायरल वीडियो में सुधाकर सिंह को शनिवार को कैमूर जिले में एक जनसभा के दौरान कथित तौर पर यह टिप्पणी करते और साथ ही सत्तारूढ़ महागठबंधन पर कटाक्ष करते भी सुना जा सकता है कि सरकार नई है लेकिन इसकी कार्यशैली वही पुरानी है.


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मंगलवार की कैबिनेट बैठक में मौजूद रहे एक अन्य राजद मंत्री ने बताया कि उस दौरान जब नीतीश ने विवादास्पद टिप्पणी के लिए रामगढ़ के विधायक की खिंचाई की और उन्हें भविष्य में ऐसा न करने की सलाह दी, तो भी वह अपने रुख पर अड़े नजर आए.

उक्त मंत्री ने बताया कि सुधाकर सिंह ने अपनी बात दोहराई और कहा कि उन्होंने जो कुछ भी कहा वह सच था, और यहीं नहीं बैठक से बाहर आने से पहले उन्होंने पद छोड़ने के लिए तैयार होने की बात भी कही.

सुधाकर सिंह ने दिप्रिंट से बातचीत के दौरान भी अपना यही रुख दोहराया और कहा कि उन्होंने कुछ गलत नहीं किया है. उन्होंने कहा, ‘किसानों को खाद नहीं मिल रही है. उनके खेतों तक पानी नहीं पहुंच रहा, कृषि विभाग का कोई भी कार्यक्रम आगे लोगों तक नहीं पहुंच रहा. कृषि रोडमैप एक मजाक बनकर रह गया है.’

बिहार के कृषि उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए 2008 में बहुप्रचारित कार्यक्रम शुरू होने के बाद अब तक तीन रोडमैप लागू किए जा चुके हैं.

कृषि मंत्री ने आगे कहा कि कैमूर में किसानों की शिकायतें सुनने के बाद उन्होंने ‘चोर’ वाला बयान दिया था. उन्होंने कहा, ‘जब मैं विपक्ष में था तब मैंने ये मुद्दे उठाए थे. अब मंत्री बनने के बाद भी कुछ नहीं बदला है.’

सुधाकर सिंह ने जोर देकर कहा कि वह लोगों के साथ खड़े हैं और शिकायत की कि सरकार में किसी ने उनकी नहीं सुनी.

इस बीच, स्थिति संभालने के लिए लालू को आगे आने आना पड़ा क्योंकि नीतीश और जनता दल (यूनाइटेड) न केवल सुधाकर सिंह की टिप्पणी को लेकर नाराज हैं, बल्कि इसलिए भी नाखुश हैं कि इससे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को महागठबंधन सरकार पर हमला करने का मौका मिल रहा है.

राजद के एक अन्य नेता ने कहा, ‘लालूजी ने सुधाकर सिंह को सलाह दी कि उन्हें ऐसे बयान नहीं देने चाहिए जो सरकार को शर्मिंदा करें क्योंकि वह एक कैबिनेट मंत्री हैं. उन्होंने उनसे कहा कि सरकार भावनाओं पर नहीं चलती. उन्होंने सुधाकर को अपने पिता (और राजद के प्रदेश अध्यक्ष) जगदानंद सिंह से बात करने को भी कहा.’ उक्त नेता सुधाकर सिंह की लालू यादव से मुलाकात के दौरान पार्टी सुप्रीमो के सर्कुलर रोड स्थित आवास पर ही मौजूद थे.

राजद के अंदरूनी सूत्र ने पुष्टि की कि मंत्री के कैबिनेट बैठक से बाहर जाने के बाद नीतीश ने फोन पर लालू से बात की थी. उन्होंने बताया कि सुधाकर सिंह राज्य सचिवालय से सीधे लालू के आवास पर पहुंचे थे.

भाजपा को कमर कसने का मौका मिला, जदयू में नाराजगी

यद्यपि जदयू के नेताओं ने इस घटनाक्रम पर चुप्पी साध रखी है, लेकिन वे निजी स्तर पर बातचीत में स्वीकार करते हैं कि सुधाकर सिंह के बयान से नीतीश कुमार की छवि को ठेस पहुंची है.

जदयू के एक विधायक ने दिप्रिंट को बताया, ‘2015 में महागठबंधन सरकार के दौरान रघुवंश प्रसाद सिंह नियमित रूप से सार्वजनिक बयान देते थे जिससे नीतीश कुमार को अपमानित होना पड़ता था और उनके शासन पर सवाल खड़े होते थे. यही कारण था कि महागठबंधन सरकार गिर गई (2017 में). अब सुधाकर सिंह नए रघुवंश प्रसाद नजर आ रहे हैं.’

भाजपा के राज्यसभा सांसद और पूर्व डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने अपने दोस्त से विरोधी बने नीतीश कुमार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि मौजूदा सरकार में नीतीश असहाय हैं. उन्होंने कहा, ‘नीतीश कुमार के लिए सुधाकर सिंह एक बड़ी चुनौती पेश कर रहे हैं. लेकिन सीएम बेबस हैं. सुधाकर सिंह का भविष्य सीएम नीतीश कुमार नहीं, बल्कि राजद प्रमुख लालू प्रसाद तय करेंगे.’

सुधाकर सिंह बिहार राज्य खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति घोटाले में आरोपी हैं जो अभी भी पटना हाईकोर्ट में लंबित है. अगस्त में, सुशील मोदी ने राजद के मंत्री के इस्तीफे की मांग करते हुए दावा किया था कि सुधाकर सिंह ने अभी तक बिहार सरकार को 12 करोड़ रुपये का भुगतान नहीं किया है.

(इस ख़बर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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