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मंगलवार, 17 जून, 2025
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हरियाणा में भाजपा की अहीरवाल में दरार, रेवाड़ी में राव इंद्रजीत-सीएम सैनी आमने-सामने

क्या हरियाणा भाजपा में सब ठीक नहीं? केंद्रीय मंत्री ने मौजूदा और पूर्व दोनों सीएम पर साधा निशाना कहा, ‘हमने आपकी सरकार बनाई’.

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गुरुग्राम: क्या भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की हरियाणा इकाई में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है? रविवार को रेवाड़ी के राव तुलाराम स्टेडियम में केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह और हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के बीच सार्वजनिक रूप से हुई झड़प ने इस टकराव के पीछे छिपे कारणों को लेकर अटकलों को जन्म दे दिया है.

रैली के दौरान, जहां सैनी ने 288 करोड़ रुपये की 15 विकास परियोजनाओं का उद्घाटन किया, राव ने सैनी और पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर दोनों पर निशाना साधते हुए कहा कि — “हमने आपकी सरकार बनाई है और हमारा हक बनता है. सुनिश्चित कीजिए कि हमारा काम हो. पिछले मुख्यमंत्री कभी हमारे पास नहीं आए.” इस बयान ने भाजपा की हरियाणा इकाई के भीतर गहरी दरार को उजागर कर दिया.

मुख्यमंत्री नायब सैनी ने अपने खास अंदाज में स्थिति को शांत करने की कोशिश की. उन्होंने कहा, “हम किसी एक जाति की नहीं, बल्कि 2.75 करोड़ लोगों की सरकार हैं. यह रिश्ता राजनीतिक नहीं है, यह दिल का है.” सैनी ने वादा किया कि रेवाड़ी समेत किसी भी क्षेत्र की उपेक्षा नहीं की जाएगी.

उन्होंने कहा, “हम रेवाड़ी के विकास के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेंगे.” उन्होंने 288 करोड़ रुपये की परियोजनाओं को अपनी सरकार की प्रतिबद्धता का प्रमाण बताया.

उन्होंने व्यापक “उपलब्धियों” का भी ज़िक्र किया और दावा किया कि 2014 से अब तक रेवाड़ी विधानसभा क्षेत्र में 1,916 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाएं लागू की जा चुकी हैं. पिछले 10 साल में विधानसभा क्षेत्र के लिए 69 घोषणाएं की गईं, जिनमें से 61 पूरी हो चुकी हैं, जबकि 4 अन्य पर काम चल रहा है.

मुख्यमंत्री ने भरोसा दिलाया कि रेवाड़ी का विकास अब मौजूदा गति से तीन गुना तेज़ी से होगा. बीते 10 साल में रेवाड़ी जिले के लिए कुल 305 घोषणाएं की गई हैं, जिनमें से 167 पूरी हो चुकी हैं और 18 पर काम चल रहा है.

सेंटर फॉर स्टडी ऑन डेवलपिंग सोसाइटीज (सीएसडीएस) की शोधकर्ता राजनीतिक विश्लेषक ज्योति मिश्रा ने कहा कि राव और सैनी के बीच टकराव क्षेत्रीय गौरव और व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा के मिश्रण में निहित है.

मंगलवार को दिप्रिंट से बात करते हुए मिश्रा ने कहा कि राव का दावा, “हमने आपकी सरकार बनाई,” अहीरवाल बेल्ट के चुनावी वजन को दर्शाता है, जिसने हरियाणा में 2024 के विधानसभा चुनावों में भाजपा को 11 में से 10 सीटें दिलाईं.

उन्होंने कहा, “नांगल चौधरी एकमात्र सीट थी, जहां भाजपा हारी. संयोग से, नांगल चौधरी में भाजपा के उम्मीदवार अभय सिंह यादव राव इंद्रजीत सिंह के खेमे से नहीं थे.”

उन्होंने कहा कि दक्षिण हरियाणा के बाकी हिस्सों में भी भाजपा ने पलवल में तीन में से दो और फरीदाबाद में छह में से पांच सीटें जीतीं.

राव, जिन्होंने दक्षिण हरियाणा में अभियान का नेतृत्व किया और अपनी बेटी आरती राव जैसे वफादारों के लिए टिकट सुनिश्चित किए, इसे अहीरवाल की ज़रूरतों पर अधिक ध्यान देने की मांग के लिए एक लाभ के रूप में देखते हैं.

रेवाड़ी रैली में उनकी शिकायतों में भारत के 22 एम्स में से एक रेवाड़ी एम्स के लिए एक जलभराव वाला अंडरपास शामिल था, जिसमें तीन महीने तक पानी भरा रहता है, जिससे मरीजों को परेशानी होती है. उन्होंने पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर पर अहीरवाल की उपेक्षा करने का भी आरोप लगाया, उन्होंने आरोप लगाया कि कोसली, जिसने 2024 में भाजपा के अरविंद शर्मा को 75,000 वोटों की बढ़त दिलाई और पहले 52,000 वोटों की बढ़त दिलाई, को बार-बार नज़रअंदाज किया गया.

राव ने कहा कि दक्षिण हरियाणा का जल संकट अभी भी अनसुलझा है, जिससे क्षेत्रीय विकास को खतरा है. उन्होंने चेतावनी दी कि पानी की कमी को दूर किए बिना, “लोग चले जाएंगे”, उन्होंने सीएम से इस मुद्दे को प्राथमिकता देने का आग्रह किया.

केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह और हरियाणा के सीएम नायब सिंह सैनी 15 जून, 2025 को हरियाणा के रेवाड़ी में एक रैली में एक मंच पर | फोटो: स्पेशल अरेंजमेंट और दिप्रिंट
केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह और हरियाणा के सीएम नायब सिंह सैनी 15 जून, 2025 को हरियाणा के रेवाड़ी में एक रैली में एक मंच पर | फोटो: स्पेशल अरेंजमेंट और दिप्रिंट

2014 से अहीरवाल में भाजपा का दबदबा

अहीरवाल बेल्ट, जिसमें रेवाड़ी, महेंद्रगढ़ और गुरुग्राम जिले के कुछ हिस्से शामिल हैं, राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण क्षेत्र है, जिसमें अहीर समुदाय का दबदबा है, जिसमें 11 विधानसभा सीटें हैं.

दक्षिण हरियाणा, जिसमें अहीरवाल के साथ-साथ फरीदाबाद, पलवल और नूंह जिले शामिल हैं, में 23 सीटें हैं. मिश्रा ने कहा, गुरुग्राम से छह बार सांसद रहे राव इंद्रजीत सिंह और एक प्रमुख अहीर नेता ने इस क्षेत्र में भाजपा के प्रभाव को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.

भारत के चुनाव आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध आंकड़ों से पता चलता है कि 2014 के विधानसभा चुनावों में, भाजपा ने रेवाड़ी, बावल, कोसली, पटौदी, बादशाहपुर, गुरुग्राम, सोहना, अटेली, महेंद्रगढ़, नारनौल और नांगल चौधरी सहित अहीरवाल बेल्ट की सभी 11 सीटों पर जीत हासिल की थी, जो इस क्षेत्र में एक क्लीन स्वीप था.

2019 के विधानसभा चुनावों में भाजपा की अहीरवाल बेल्ट में सीटें घटकर 8 रह गईं, जिसमें पार्टी ने महेंद्रगढ़ (अटेली, नारनौल, महेंद्रगढ़) में चार में से तीन, रेवाड़ी (रेवाड़ी, बावल) में तीन में से दो और गुरुग्राम (पटौदी, बादशाहपुर, गुरुग्राम) में चार में से तीन सीटें जीतीं। पार्टी ने रेवाड़ी में कोसली और गुरुग्राम में सोहना को कांग्रेस के हाथों और नांगल चौधरी को एक निर्दलीय के हाथों खो दिया.

2024 के विधानसभा चुनावों में, भाजपा ने जोरदार वापसी की, अहीरवाल बेल्ट में 11 में से 10 सीटें जीतीं, जिनमें रेवाड़ी (लक्ष्मण सिंह यादव, कांग्रेस के चिरंजीवी राव को 28,769 वोटों से हराया), बावल (कृष्ण कुमार 20,011 वोटों से), कोसली (अनिल यादव 17,209 वोटों से), पटौदी, बादशाहपुर, गुरुग्राम, सोहना, अटेली, नारनौल और महेंद्रगढ़ शामिल हैं.

राज्य में भाजपा के समग्र प्रदर्शन में 2014 में 47 सीटें, 2019 में 40 (जेजेपी के साथ गठबंधन करके) और 2024 में 48 सीटें मिलीं, जिससे लगातार तीसरी बार ऐतिहासिक जीत हासिल हुई.

ज्योति मिश्रा ने कहा, “राव के प्रभाव से प्रेरित अहीरवाल बेल्ट की वफादारी इस सफलता की आधारशिला रही है, खासकर 2024 में, जब पार्टी ने लगभग 2014 की अपनी जीत को दोहराया.”

राव का खट्टर से झगड़ा

राव का खट्टर पर कटाक्ष — “पिछले सीएम कभी हमारे पास नहीं आए” — पूर्व सीएम के साथ उनके लंबे समय से चले आ रहे झगड़े को फिर से ताज़ा कर देता है, जिन पर उन्होंने अहीरवाल की उपेक्षा करने का आरोप लगाया था.

मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह के बीच तनाव कई वर्षों से सतह के नीचे उबल रहा है, जो कभी-कभी सार्वजनिक मंचों पर भी उभर आता है.

गुरुग्राम में सरकारी कार्यक्रमों के दौरान दरकिनार किए जाने के बारे में राव की तीखी टिप्पणियों से लेकर खट्टर की नीतियों की उनकी खुली आलोचना तक — जैसे कि स्मार्ट सिटी की सूची से गुरुग्राम को बाहर करना और खेड़की-दौला टोल जैसे क्षेत्रीय मुद्दों पर निष्क्रियता — दोनों नेताओं के बीच टकराव को नज़रअंदाज करना मुश्किल रहा है.

दक्षिण हरियाणा में टिकट वितरण के दौरान सत्ता संघर्ष और भी अधिक स्पष्ट हो गया, जहां अपने वफादारों के लिए सीटें हासिल करने में राव के प्रभाव ने कथित तौर पर खट्टर के खेमे को नाराज कर दिया.

विधानसभा के नतीजों के बाद, जब भाजपा ने उनके क्षेत्र में 11 में से 10 सीटें जीतीं, राव इंद्रजीत सिंह ने अपने रामपुरा हाउस में अपने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा, “हमारे पास एक मुख्यमंत्री था, जिसका नाम मैं नहीं लूंगा. एक दशक तक, उन्होंने हमें विभाजित करने और हमें एक-दूसरे के खिलाफ खड़ा करने की कोशिश की. उन्होंने नए नेताओं को आगे बढ़ाने की कोशिश की, लेकिन जो व्यक्ति अभी भी अपने नेतृत्व को साबित नहीं कर पाया है, उसने हमारे 40 वर्षों के प्रयासों को कमजोर करने की कोशिश की.”

(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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