नई दिल्ली: तृणमूल कांग्रेस के निलंबित सांसद कल्याण बनर्जी ने मंगलवार को संसद परिसर में राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ की नकल की, जिसके बाद सभापति ने इस पर आपत्ति जताते हुए कहा कि नकल ‘हास्यास्पद’ और ‘अस्वीकार्य’ है.
संसद के मकर द्वार पर अन्य निलंबित सांसदों के साथ विरोध प्रदर्शन के दौरान कल्याण बनर्जी को सभापति की नकल करते देखा गया, जबकि कांग्रेस नेता राहुल गांधी को अपने फोन से TMC सांसद का वीडियो बनाते देखा गया.
स्थगित होने के बाद दोपहर 12 बजे जैसे ही सदन दोबारा शुरू हुआ, धनखड़ ने घटना पर ध्यान दिया और कहा कि “राज्यसभा के सभापति का कार्यालय और अध्यक्ष का कार्यालय बहुत अलग है. राजनीतिक दलों के अपने-अपने अंतर्विरोध होंगे, उनके बीच आदान-प्रदान होगा, लेकिन कल्पना कीजिए कि आपकी पार्टी का एक वरिष्ठ नेता, सभापति की नकल की वीडियोग्राफी कर रहा है. यह कितना हास्यास्पद, कितना शर्मनाक, कितना अस्वीकार्य है.”
TMC सांसद कल्याण बनर्जी ने संसद परिसर में राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ की नकल की. pic.twitter.com/iIyvn71TTh
— ThePrintHindi (@ThePrintHindi) December 19, 2023
बाद में उन्होंने सदन की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी.
इस बीच, इंडिया ब्लॉक पार्टियों के निलंबित सांसदों ने आज सुबह संसद परिसर में गांधी प्रतिमा के सामने विरोध प्रदर्शन किया.
निलंबित विधायकों के साथ कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी भी शामिल हुईं और उन्होंने केंद्र के खिलाफ नारे लगाए. निलंबित सदस्यों ने संसद के मकर द्वार पर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन भी किया.
यह विरोध प्रदर्शन संसद सुरक्षा उल्लंघन की घटना पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से बयान की मांग को लेकर दोनों सदनों में हंगामा करने और कार्यवाही बाधित करने के लिए दोनों सदनों के 78 विपक्षी सांसदों को मौजूदा ‘शीतकालीन सत्र’ की शेष अवधि के लिए निलंबित किए जाने के एक दिन बाद हुआ. सं
पहले हटाए गए 13 सदस्यों को मिलाकर निलंबन, भारतीय संसद के इतिहास में सबसे बड़ा था.
संसद सुरक्षा उल्लंघन की घटना पर केंद्रीय मंत्री अमित शाह के बयान की विपक्ष की मांग पर हुए हंगामे के बाद सोमवार को कुल 78 सांसदों – लोकसभा से 33 और राज्यसभा से 45 को निलंबित कर दिया गया. मौजूदा शीतकालीन सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित सांसदों की संख्या 92 हो गई है.
जबकि कांग्रेस के जयराम रमेश, केसी वेणुगोपाल और रणदीप सिंह सुरजेवाला सहित 34 विपक्षी राज्यसभा सांसदों को शेष ‘शीतकालीन सत्र’ के लिए निलंबित कर दिया गया था, 11 अन्य के ‘कदाचार’ को भी विशेषाधिकार समिति के पास भेजा गया था, जिनसे पूछा गया है तीन माह में अपनी रिपोर्ट देनी है. पैनल द्वारा रिपोर्ट सौंपे जाने तक सदस्य निलंबित रहेंगे.
विपक्षी सांसदों को शेष शीतकालीन सत्र के लिए निलंबित करने का कारण ‘कदाचार’ और सभापति के निर्देशों का पालन करने में विफलता बताया गया.
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