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Saturday, 20 April, 2024
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कर्नाटक में रिसॉर्ट की राजनीति की वापसी, जोड़-तोड़ के डर से विधायकों पर लगा है पहरा

सत्ताधारी कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन और विपक्षी दल भाजपा विधानसभा में संभावित विश्वास मत के पहले अपने विधायकों पर नजर रखे हुए हैं. उन्हें विधायकों की खरीद-फरोख्त की आशंका है.

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बेंगलुरू: कर्नाटक में रिसॉर्ट की राजनीति की वापसी हो गई है. सत्ताधारी कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन और विपक्षी दल भाजपा विधानसभा में संभावित विश्वास मत के पहले अपने विधायकों पर नजर रखे हुए हैं. उन्हें विधायकों की खरीद-फरोख्त की आशंका है. कांग्रेस के 79 विधायकों में से 13 विधायकों ने विधानसभा से अपना इस्तीफा दे दिया है. कांग्रेस ने अपने करीब 50 विधायकों को नगर के बाहरी इलाके स्थित क्लार्क एक्जॉटिका कन्वेंशन रिसॉर्ट भेज दिया है.

वहीं, सिद्धरमैया, उपमुख्यमंत्री जी. परमेश्वर और अन्य मंत्री नगर स्थित अपने आवास में ठहरे हुए हैं.

बेंगलुरू के बाहर और आसपास के इलाके के विधानसभा क्षेत्रों से आने वाले विधायकों को रिसॉर्ट भेजा गया है हालांकि कई विधायक विधानसभा भवन के पीछे सिटी सेंटर स्थित विधान सौध में ठहरे हुए हैं.

कांग्रेस प्रवक्ता रवि गौड़ा ने बताया, ‘भारतीय जनता पार्टी ने अपने ऑपरेशन कमल के तहत गठबंधन सरकार को अस्थिर करने के लिए पहले ही करीब एक दर्जन विधायकों पर डोरा डाल रखा है. हमने पार्टी के करीब 50 विधायकों को नगर के बाहर क्लार्क एक्जॉटिका कन्वेंशन रिसॉर्ट भेज दिया है.’

जनता दल सेक्यूलर (जेडीएस) भी नंदी पहाड़ी के समीप गोल्फशायर रिसॉर्ट में अपने करीब 30 विधायकों पर नजर बनाए हुए है. जेडीएस के तीन विधायकों के इस्तीफा देकर छह जुलाई को मुंबई चले जाने के बाद सात जुलाई से ये विधायक रिसॉर्ट में ठहरे हुए हैं.

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भाजपा के प्रवक्ता जी. मधुसूदन ने बताया, ‘हमें अपने विधायकों को एक रिसॉर्ट भेजने को बाध्य होना पड़ा है ताकि उनसे एक जगह परामर्श व विचार-विमर्श किया जा सके और उन्हें कांग्रेस व जेडीएस के किसी नेता से बातचीत करने से रोका जा सके.’

मंगलवार को होगी मामले की सुनवाई

सर्वोच्च न्यायालय ने शुक्रवार को कर्नाटक के बागी कांग्रेस व जद (एस) के विधायकों की 10 जुलाई की याचिका पर यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया. उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को कर्नाटक के 10 कांग्रेस विधायकों की याचिका के संबंध में यथास्थिति का आदेश दिया.बागी विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष के खिलाफ उनके इस्तीफे को स्वीकार नहीं करने के लिए सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी.मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि मामले में विस्तृत सुनवाई की आवश्यकता है और इसे मंगलवार (16 जुलाई) के लिए सूचीबद्ध किया गया.

भारी विवाद और इस्तीफे की मांग के बीच विश्वास मत को तैयार कुमारस्वामी

कर्नाटक के मुख्यमंत्री एच.डी. कुमारस्वामी भारतीय जनता पार्टी की लगातार इस्तीफे की मांग के बीच विधानसभा में बहुमत साबित करने की बात कही है. उन्होंने कहा कि जनता दल (सेकुलर)-कांग्रेस की गठबंधन सरकार के पास विधानसभा में बहुमत है और वह विश्वास मत साबित करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं.

विधानसभा के 10 दिवसीय मॉनसून सत्र के शुरू होने के साथ ही कुमारस्वामी ने राज्य विधानसभा के अध्यक्ष के.आर. रमेश कुमार से कहा, ‘मेरी सरकार के पास बहुमत है, मैं विश्वास मत साबित करने के लिए तैयार हूं. मेरा आप से निवेदन है कि इस बाबत एक तिथि और समय तय करें.’

कुमारस्वामी ने कहा कि यदि भाजपा विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव लाती है, तो वह शक्ति प्रदर्शन के लिए तैयार हैं.

कुमारस्वामी ने कहा, ‘हमारे कुछ विधायकों द्वारा इस्तीफा देने के कारण बनी मौजूदा राजनीतिक स्थिति के मद्देनजर फ्लोर टेस्ट के बाद मैं मुख्यमंत्री के रूप में अपना कार्यकाल जारी रख सकता हूं.’

कुमारस्वामी का यह बयान उस वक्त आया है, जब सर्वोच्च न्यायालय ने विधानसभा अध्यक्ष को कांग्रेस और जद-(एस) के 10 बागी विधायकों के इस्तीफे के बारे में फैसला करने के लिए मंगलवार (16 जुलाई) तक का समय दिया है.

10 बागी विधायकों में से सात कांग्रेस और तीन जद-(स) के हैं, जिन्होंने शीर्ष न्यायालय में 10 जुलाई को एक याचिका दायर कर कहा कि वह सभी विधानसभा अध्यक्ष को 6 जुलाई को अपना इस्तीफा सौंप चुके हैं लेकिन वह इस पर कार्रवाई करने में जानबूझ कर देरी कर रहे हैं.

हालांकि, अध्यक्ष ने कहा कि उनके कार्यालय को प्राप्त हुए 13 इस्तीफों में से आठ निर्धारित प्रारूप में नहीं थे और वह चाहते थे कि उन्हें 11 जुलाई तक फिर से प्रस्तुत किया जाए. बागी विधायकों ने गुरुवार को उन्हें फिर से इस्तीफा सौंप दिया.

(आईएएनएस के इनपुट्स के साथ)

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