नई दिल्लीः गरीब सवर्णों को 10 फीसदी आरक्षण के केंद्र सरकार के फैसले पर देशभर से प्रतिक्रियायें आ रही हैं. पार्टियां चुनाव के मद्देनजर इस फैसले पर संभल कर अपनी प्रतिक्रिया दे रही हैं. आरक्षण को हमेशा मुद्दा बनाने वाली पार्टियोंं की मिली-जुली प्रतिक्रियायें हैं. सवर्ण वोटर नाराज न हों, इसलिए ज्यादातर पार्टियां इसका स्वागत कर रही हैं, लेकिन अगर मगर के साथ. सभी इसे चुनावी राजनीति के लिए जुमला और देर से लाया गया फैसला बता रही हैं.
BSP chief Mayawati to ANI: Lok Sabha chunaav se pehle liya gaya ye faisla humein sahi niyat se liya gaya faisla nahi lagta hai, chunavi stunt lagta hai, rajnitik chalaava lagta hai, acha hota agar BJP apna karyakaal khatam hone se thik pehle nahi balki aur pehle le leti. pic.twitter.com/Iidi2rT0eC
— ANI (@ANI) January 8, 2019
BSP Chief Mayawati on Tuesday welcomed the reservation announced by the Centre for economically weaker sections of upper caste. However, she called the move a 'political stunt.'
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— ANI Digital (@ani_digital) January 8, 2019
बीएसपी चीफ ने गरीब सवर्णों को सरकार के 10 फीसदी आरक्षण देने के फैसले का स्वागत किया है. मायावती ने कहा चुनाव से ठीक पहले लिए गये इस तरह के फैसले को हम सही नहीं मानते. यह चुनावी स्टंट है, राजनीतिक छलावा लगता है. अच्छा होता कि यह फैसला बीजेपी अपना कार्यकाल ठीक पूरा होने से पहले नही, बल्कि और पहले लेती.
Jharkhand Mukti Morcha (JMM) president Hemant Soren: Backward classes should be given 27% reservation, we also demand that reservation be raised form 26% to 28% for the tribal communities, and 5% to the minority community of Jharkhand, pic.twitter.com/TTCe2VgZ6Z
— ANI (@ANI) January 8, 2019
आरक्षण के मसले पर झारखंड मुक्ति मोर्चा के अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने कहा है कि पिछड़ों को 27 फीसदी आरक्षण दिया जाना चाहिए. हम यह भी मांग करते हैं कि जनजातीय समुदायों का आरक्षण 26 से 28 फीसदी किया जाना चाहिए और 5 फीसदी आरक्षण झारखंड के अल्पसंख्यक समुदायों के लिए होना चाहिए.
वहीं इस पर आज लोकसभा में बहस होनी है. सदन की कार्यवाई को एक दिन के लिए बढ़ा दिया है. बीजेपी ने अपने सभी सांसदों को सदन में मौजूद रहने के लिए विप जारी किया है. विपक्षी पार्टियों ने भी अपने सभी सांसदों के सदन में मौजूद रहने को कहा है. संसद में कुछ देर में बिल पेश हो सकता है. बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने इस पर आने वाले संशोधन विधेयक को समर्थन देने का फैसला किया है.