बेंगलुरु: पूर्व प्रधानमंत्री एच.डी. देवेगौड़ा के 33 वर्षीय पोते प्रज्वल रेवन्ना हासन लोकसभा सीट से 42,649 वोटों से कांग्रेस के श्रेयस एम पटेल से हार गए हैं.
कांग्रेस के श्रेयस एम. पटेल को कुल 672988 मिले जबकि रेवन्ना को 630339 वोट हासिल हुए.
निलंबित जनता दल (सेक्युलर) या जेडी(एस) नेता प्रज्वल पर कई महिलाओं से बलात्कार का आरोप है और वह 6 जून तक मामले की जांच कर रही विशेष जांच टीम (एसआईटी) की हिरासत में रहेंगे.
कर्नाटक जेडी (एस) के अध्यक्ष एच.डी. कुमारस्वामी ने मंगलवार सुबह मीडिया से कहा था, “हमारे भाजपा मित्रों को कम से कम 20 सीटें मिलेंगी. यहां तक कि बेंगलुरु ग्रामीण में भी हमें विश्वास है कि डॉ. सी.एन. मंजूनाथ जीतेंगे.”
कम से कम तीन महिलाओं ने प्रज्वल के खिलाफ बलात्कार की औपचारिक शिकायत दर्ज कराई है और उनके पिता, पूर्व मंत्री एच.डी. रेवन्ना और उनकी मां भवानी के खिलाफ आपराधिक धमकी, अपहरण और छेड़छाड़ जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं.
प्रज्वल 2019 के चुनावों में जीत दर्ज करने वाले एकमात्र जेडी(एस) उम्मीदवार थे, जब पार्टी ने लोकसभा चुनावों के लिए कांग्रेस के साथ गठबंधन किया था. देवेगौड़ा, जिन्होंने प्रज्वल के लिए अपनी हासन सीट को छोड़ा था और तुमकुरु से चुनाव लड़ा था, हार गए थे. उस समय प्रज्वल ने निर्वाचन क्षेत्र में डाले गए वोटों का 52.92 प्रतिशत या 6,76,606 वोट हासिल किया था, और भाजपा की ए. मंजू के खिलाफ 1,41,324 के अंतर से जीत हासिल की थी.
हालांकि, पिछले साल सितंबर में, कर्नाटक उच्च न्यायालय ने चुनावी कदाचार और संपत्ति की अनुचित घोषणा के आधार पर प्रज्वल को अयोग्य घोषित कर दिया था. उनकी अयोग्यता पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी थी.
कर्नाटक में 26 अप्रैल को होने वाले चुनाव से कुछ दिन पहले महिलाओं का यौन शोषण करने के हज़ारों वीडियो सामने आने के बाद से प्रज्वल की काफी किरकिरी हो गई. कथित तौर पर उसने ही ये वीडियो शूट किए थे. वह उसी रात जर्मनी भाग गया और एसआईटी के सामने पेश होने से इनकार कर दिया. वह 30 मई की रात को वापस लौटा, जब उसे हिरासत में ले लिया गया.
कांग्रेस के नेतृत्व वाले इंडिया गठबंधन ने प्रज्वल की बदनामी का इस्तेमाल देवगौड़ा परिवार और उसके गठबंधन सहयोगी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भारतीय जनता पार्टी पर बलात्कार के आरोपी का समर्थन करने के लिए निशाना साधने के लिए किया. कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि भाजपा के केंद्रीय और राज्य नेतृत्व को प्रज्वल के कथित बलात्कारों के बारे में पता था, लेकिन उन्होंने इसे छिपाए रखा.
पिछले साल जून में, प्रज्वल ने 86 समाचार और ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म के खिलाफ़ एक गैग ऑर्डर हासिल किया, जिसमें किसी को भी कोई भी वीडियो या सामग्री प्रकाशित या प्रसारित करने से प्रतिबंधित किया गया था जो उसके लिए अपमानजनक हो.
पिछले साल अक्टूबर में अधिवक्ता और भाजपा नेता जी. देवराज गौड़ा ने पार्टी के राज्य और केंद्रीय नेतृत्व को पत्र लिखकर प्रज्वल के अश्लील वीडियो मौजूद होने की जानकारी दी थी, लेकिन उस समय कोई कार्रवाई नहीं हुई.
अनुमान के मुताबिक, करीब 3,000 वीडियो हैं और यह पता लगाना अभी बाकी है कि कितनी महिलाओं का शोषण किया गया.
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