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Thursday, 26 December, 2024
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आरएसएस ने फिर से की राम मंदिर निर्माण के लिए क़ानून बनाने की मांग

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आरएसएस महासचिव मनमोहन वैद्य ने कहा, राम मंदिर का निर्माण राष्ट्रीय गौरव का विषय, अभी तक अदालतों में नहीं निकला विवाद का हल.

ठाणे/नई दिल्ली: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने बुधवार को अयोध्या में भव्य राम मंदिर के शीघ्र निर्माण के लिए अध्यादेश लाने या कानून बनाने की अपनी मांग को फिर से दोहराया है. आरएसएस के संयुक्त महासचिव मनमोहन वैद्य ने कहा कि राम मंदिर का निर्माण राष्ट्रीय गौरव का विषय है और अभी तक अयोध्या विवाद का हल अदालतों में नहीं निकला है.

वैद्य की यह टिप्पणी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के तीन दिवसीय अखिल भारतीय कार्यकारिणी मंडल के मद्देनजर आई है जिसका उद्घाटन आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने किया था. थाणे के भयंदर में आरएसएस और इसके अनुषांगिक संगठनों के प्रमुख इसमें हिस्सा ले रहे हैं.

वैद्य ने कहा कि यह मुद्दा राष्ट्रीय और सामाजिक महत्व से संबंधित है, जिस पर सम्मेलन के दौरान विचार-विमर्श किया जाना चाहिए.

भागवत ने नागपुर में 18 अक्टूबर को अपनी वार्षिक दशहरा रैली में मंदिर निर्माण के लिए कानून बनाने की मांग पहली बार उठाई थी. शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने इसी तरह की मांग की है.

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा संघ पर निशाना साधे जाने के सवाल को खारिज करते हुए वैद्य ने कहा कि इसमें कुछ नया नहीं है. वह हमारे ऊपर लंबे समय से हमला कर रहे हैं.

गौरतलब है कि अगला आम चुनाव नजदीक आने के साथ मंदिर निर्माण की मांग तेज पकड़ रही है. हाल ही वि​श्व हिंदू परिषद ने राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपकर मंदिर निर्माण के लिए कानून बनाने की मांग की थी. इसके बाद 18 अक्टूबर को आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने केंद्र सरकार से कानून बनाकर अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का रास्ता साफ करने की मांग की थी.

भागवत ने कहा था कि राम मंदिर का निर्माण ‘स्वगौरव’ की दृष्टि से आवश्यक है और मंदिर बनने से देश में सद्भावना एवं एकात्मता का वातावरण बनेगा. विजयादशमी के अवसर पर अपने वार्षिक संबोधन में भागवत ने कहा, ‘राम जन्मभूमि स्थल का आवंटन होना बाकी है, जबकि साक्ष्यों से पुष्टि हो चुकी है कि उस जगह पर एक मंदिर था. राजनीतिक दखल नहीं होता तो मंदिर बहुत पहले बन गया होता. हम चाहते हैं कि सरकार कानून के जरिए (राम मंदिर) निर्माण का मार्ग प्रशस्त करे.’

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी बीते मंगलवार को कहा कि देश में बहुसंख्यक समुदाय रामजन्म भूमि विवाद मामले पर सर्वोच्च न्यायालय के जल्द फैसले की रहा देख रहा है. सर्वोच्च न्यायालय द्वारा मामले की सुनवाई जनवरी 2019 तक टालने के बाद आदित्यनाथ ने ट्वीट कर कहा, ‘समय पर मिला न्याय, उत्तम न्याय माना जाता है लेकिन न्याय में देरी कभी-कभी अन्याय के समान हो जाती है.’

(समाचार एजेंसी आईएएनएस से इनपुट के साथ)

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