जयपुर : राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पार्टी के आंतरिक मुद्दे का जिक्र मीडिया में करने के लिए अपनी पार्टी के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल की आलोचना की है. उन्होंने कहा है कि सिब्बल को इस तरह से पार्टी के आंतरिक मुद्दे का जिक्र मीडिया में करने की कोई जरूरत नहीं थी और इससे पार्टी के कार्यकर्ताओं की भावनाएं आहत होती हैं.
गहलोत ने मंगलवार को इस मुद्दे को लेकर कई ट्वीट किए. उन्होंने लिखा है, ‘कपिल सिब्बल द्वारा पार्टी के आंतरिक मुद्दे का जिक्र मीडिया में करने की कोई जरूरत नहीं थी, इससे देश भर में पार्टी कार्यकर्ताओं की भावनाएं आहत होती हैं.’
गहलोत ने लिखा है, ‘कांग्रेस ने 1969, 1977, 1989 और उसके बाद 1996 में अनेक संकट देखे … लेकिन अपनी विचारधारा, कार्यक्रमों व नीतियों और पार्टी नेतृत्व में मजबूत विश्वास के चलते हर बार हम और अधिक मजबूत होकर निकले हैं. हम हर संकट के बाद बेहतर हुए और 2004 में सोनिया गांधी के नेतृत्व में संप्रग सरकार भी बनी. इस बार भी हम संकट से निकल आएंगे.’
दरअसल, सिब्बल ने अंग्रेजी दैनिक ‘इंडियन एक्सप्रेस’ को दिए साक्षात्कार में कहा है कि ऐसा लगता है कि पार्टी नेतृत्व ने शायद हर चुनाव में पराजय को ही अपनी नियति मान ली है. उन्होंने कहा कि बिहार ही नहीं, उपचुनावों के नतीजों से भी ऐसा लग रहा है कि देश के लोग कांग्रेस पार्टी को प्रभावी विकल्प नहीं मान रहे हैं.
सिब्बल का यह कथित बयान बिहार विधानसभा चुनाव में पार्टी के निराशाजनक प्रदर्शन की पृष्ठभूमि में आया है. इस चुनाव में महागठबंधन की घटक कांग्रेस सिर्फ 19 सीटों पर सिमट गई, जबकि उसने 70 सीटों पर चुनाव लड़ा था.