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Saturday, 16 November, 2024
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मानहानि मामले में सजा पर रोक लगाने की राहुल की याचिका पर सुनवाई पूरी, कोर्ट 20 अप्रैल को सुनाएगी फैसला

सूरत में अदालत ने 23 मार्च को कांग्रेस नेता को 2019 में एक चुनावी रैली के दौरान की गई उनकी टिप्पणी “सभी चोरों का मोदी उपनाम कैसे हो सकता है” के लिए उन्हें दोषी ठहराते हुए दो साल कैद की सजा सुनाई थी.

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नई दिल्ली: सूरत की एक सत्र अदालत ने गुरुवार को कहा कि ‘मोदी उपनाम’ टिप्पणी को लेकर आपराधिक मानहानि के एक मामले में दोषसिद्धि पर रोक लगाने की कांग्रेस नेता राहुल गांधी की याचिका पर 20 अप्रैल को फैसला सुनाएगी. बता दें कि राहुल गांधी ने अपनी सजा पर रोक लगाने के लिए याचिका दायर की है.

दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश आर पी मोगेरा ने कहा कि वह 20 अप्रैल को फैसला सुनाएंगे.

सूरत में एक मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत ने 23 मार्च को कांग्रेस नेता को 2019 में एक चुनावी रैली के दौरान की गई उनकी टिप्पणी “सभी चोरों का मोदी उपनाम कैसे हो सकता है” के लिए उन्हें दोषी ठहराते हुए दो साल कैद की सजा सुनाई थी.

सजा के बाद संसद सदस्य के रूप में अयोग्य ठहराए गए गांधी ने फैसले के खिलाफ सत्र अदालत में अपील दायर की है. उन्होंने इस दौरान दोषसिद्धि पर रोक लगाने की भी प्रार्थना की.

राहुल के वकील आरएस चीमा ने कहा कि राहुल गांधी वायनाड से रिकॉर्ड मतों से जीते थे. राहुल गांधी की वकालत करते हुए चीमा ने यह भी कहा कि राहुल गांधी से कहा गया कि भाषण किसी की मानहानि करने के लिए नहीं था. भाषण का मकसद महज प्रधानमंत्री की आलोचना करना था. इसे गलत तरीके से पेश किया जा रहा है.

सुनवाई के दौरान राहुल गांधी के वकील ने जज से कहा कि इस बयान के लिए राहुल गांधी ने नवंबर 2019 में माफी मांगी थी.


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