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Monday, 17 June, 2024
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अनुच्छेद 370 समाप्त होने के बाद राहुल गांधी की पहली श्रीनगर यात्रा, जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने कहा- न आएं

पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में विपक्षी दलों का एक प्रतिनिधिमंडल शनिवार को जम्मू एवं कश्मीर जाने को तैयार है. जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने इस दल से न आने की गुजारिश की है.

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नई दिल्ली: पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में विपक्षी दलों का एक प्रतिनिधिमंडल शनिवार को जम्मू एवं कश्मीर जाने को तैयार है. यह प्रतिनिधिमंडल वहां के लोगों और पार्टी नेताओं से मुलाकात करेगा. कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने बताया, ‘राहुल गांधी के साथ पार्टी के नेता गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा, शरद यादव और भाकपा, माकपा, राजद, डीएमके के नेता तथा अन्य लोग भी प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा होंगे.’ लेकिन यह माना जा रहा है कि इस दल को एयपोर्ट से ही वापस लौटना होगा. क्योंकि देर रात अपने संदेश में जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने विपक्षी दलों के प्रतिनिधिमंडल के न आने की अपील की है.

जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने और राज्य को दो केंद्र शासित राज्यों में बांटने के बाद श्रीनगर समेत कुछ शहरों में प्रतिबंध लगा है.

राज्य में अनुच्छेद 370 निष्प्रभावी किए जाने तथा राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटे जाने के बाद राहुल गांधी का शनिवार को कश्मीर घाटी का पहला दौरा होगा. कांग्रेस नेता ने कहा कि बसपा और सपा इस प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा नहीं हैं. उन्होंने कहा कि विपक्षी नेता एयर विस्तारा की उड़ान से सुबह 11.50 बजे श्रीनगर के लिए प्रस्थान करेंगे.

अनुच्छेद-370 समाप्त किए जाने के बाद ही सरकार ने किसी भी राष्ट्रीय नेता को राज्य में नहीं आने दिया है. इससे पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद दो बार श्रीनगर और जम्मू पहुंचे लेकिन उन्हें एयरपोर्ट से ही वापस लौटना पड़ा. इस यात्रा में उनके साथ डी राजा भी थे. बता दें कि सूबे में इस दौरान वरिष्ठ नेताओं और सियासत के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती समेत क्षेत्रीय दलों के नेता नजरबंद हैं.

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वहीं कश्मीर मामले पर गुलाम नबी आज़ाद जो विपक्षी प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा हैं उन्होंने कहा, ‘एक तरफ सरकार का कहना है कि कश्मीर और श्रीनगर में स्थिति सामान्य है, और दूसरी तरफ वे किसी को भी जाने की अनुमति नहीं दे रहे हैं. अगर चीजें सामान्य हैं तो राजनीतिक नेताओं को नजरबंद क्यों किया गया है?’

वहीं इस विपक्षी प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा राकांपा नेता मजीद मेमन ने कहा, ‘हमारा मकसद वहां जाकर गड़बड़ी पैदा करना नहीं है, हम सरकार के विरोध में नहीं जा रहे हैं, हम सरकार के समर्थन में जा रहे हैं, वहां की स्थिति का जायजा लेकर हमर सरकार को बता सकते हैं कि उन्हें क्या कदम उठाने चाहिए.

नेताओं से आग्रह है कि वह न आएं, गड़बड़ी पैदा होगी

विपक्षी दलों के आ रहे नेताओं के समूह से न आने का आग्रह करते हुए जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने देर रात बयान जारी कर कहा, ‘वे श्रीनगर न आएं क्योंकि इससे लोगों को असुविधा होगी.’ नेता दौरा करके उन प्रतिबंधों का उल्लंघन करेंगे जो अभी कई क्षेत्रों में लागू हैं. प्रशासन शांति, व्यवस्था बनाए रखने को प्राथमिकता देगी.

बता दें कि इससे पहले जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल और कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के सोशल मीडिया पर चले ट्वीट युद्ध में एक ओर जहां सत्यपाल मलिक ने राहुल को कश्मीर आने का न्योता दिया था वहीं हालात का जायजा लेने की भी बात कही थी, जिसपर राहुल गांधी ने पूछा था कि कब आ सकते हैं.

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