मुम्बई: राहुल गांधी एक नन से लाल गुलाब लेते हुए.
राहुल गांधी रास्ते में सड़क किनारे रुक कर, फल और सब्ज़ी विक्रेताओं के साथ समय बिताते हुए.
गोवा की एक मछुआरी राहुल गांधी को बाबा माझिया (मेरा भाई) कहकर संबोधित करते हुए.
राहुल गांधी सड़क किनारे एक ढाबे पर गोवा के पारंपरिक भोजन का मज़ा लेते हुए, जिसकी छत एल्युमीनियम की चादर और नीले तिरपाल से बनी थी.
ये कुछ वो फोटो और विज़ुअल्स हैं जो गोवा कांग्रेस, पिछले सप्ताह गांधी के गोवा दौरे के बाद से, अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स पर प्रमुखता से डाल रही है. प्रदेश चुनावों में पांच महीने से भी कम बचे हैं, और कांग्रेस अपने नेता को गोवा के हर परिवार के सदस्य के तौर पर, पेश करने की कोशिश कर रही है.
गांधी 30 अक्तूबर को एक दिन के लिए गोवा में थे. उनसे कुछ समय पहले ही 28 से 30 अक्तूबर के बीच, तृणमूल कांग्रेस पार्टी नेता ममता बनर्जी राज्य के दौरे पर थीं, और उनके बाद 1 नवंबर को आम आदमी पार्टी (आप) के अरविंद केजरीवाल, और बीजेपी के नितिन गडकरी के निर्धारित दौरे थे.
गोवा कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष एलेक्सो रेजिनाल्डो लॉरेंको ने दिप्रिंट को बताया, कि इस पूरे नैरेटिव और गोवा में गांधी के एजेंडा का विचार, ख़ुद लीडर का ही था.
40 सदस्यीय गोवा असेम्बली में कांग्रेस के आख़िरी चार विधायकों में से एक लॉरेंको ने कहा, ‘राहुल गांधी और उनकी निजी कोर टीम, इसे ऐसे ही चाहती थी. वो ऐसा प्रोग्राम चाहते थे कि ज़्यादा से ज़्यादा स्थानीय लोगों से जुड़ सकें. ये बातचीत पहले से तय नहीं थी, जैसा कि दूसरी पार्टियां करती हैं, लेकिन फिर भी उन्होंने विश्वास के साथ हर किसी को जवाब दिए’.
कांग्रेस, जो कभी गोवा में एक प्रमुख पार्टी हुआ करती थी, इस चुनाव में अपनी खोई हुई ज़मीन हासिल करने के लिए जूझ रही है. 2017 में, कांग्रेस असेम्बली में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी- हालांकि वो बहुमत का आंकड़ा नहीं छू सकी थी- लेकिन सरकार नहीं बना पाई. बीजेपी ने क्षेत्रीय पार्टियों का गठबंधन बना लिया, और गोवा में सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया.
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‘मुझे परिवार का सदस्य समझिए’
इस बार, कांग्रेस को आक्रामक बीजेपी के अलावा तृणमूल कांग्रेस से भी ख़तरा है, जो 2022 के गोवा चुनावों में अपनी पूरी ताक़त लगा रही है, और पश्चिम बंगाल मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को इस तरह पेश कर रही है, कि अपने गृह राज्य में बीजेपी को हराने के बाद, अकेली वही पार्टी से टक्कर ले सकती हैं.
गोवा में प्रचार करते हुए बनर्जी की पार्टी के नेता, और ख़ुद बंगाल सीएम ने एक स्ट्रीट फाइटर, और महिला सशक्तीकरण के प्रतीक के तौर पर, अपना नैरेटिव बनाने की कोशिश की है.
इस बीच कांग्रेस गांधी को एक ऐसे नेता के तौर पर सामने कर रही है, जिनके साथ गोवा का हर व्यक्ति जुड़ सकता है. तृणमूल की टैग लाइन ‘गोयनची नवी सकल’ (गोवा का नया सवेरा) का मुक़ाबला करने के लिए, कांग्रेस ने इस टैग लाइन के साथ गांधी के दौरे का ऐलान किया, ‘गोयनकारंचा हातत गोयचा फुदर’, (गोवा का भविष्य गोवा वासियों के हाथ में है).
गांधी के दौरे से पहले, युवा कांग्रेस कार्यकर्त्ताओं ने गोवा के मछुआरों की छोटी वीडियो बाइट्स रिकॉर्ड कीं, जो कह रहे थे कि उन्हें ख़ुशी है कि गांधी आ रहे हैं, और वो उनके साथ अपनी व्यथा साझा करने के इंतज़ार में हैं.
गोवा में गांधी ने दक्षिणी गोवा के वेलसाओ गांव में, मछुआरा संप्रदाय के सदस्यों के साथ, और बैम्बोलिन में खनन प्रतिबंध से प्रभावित लोगों के साथ बातचीत का कार्यक्रम रखा था.
मछुआरों से बातचीत करते हुए गांधी ने कहा था, ‘मुझे परिवार के एक सदस्य की तरह समझिए. मुझे वही बताइए जो आप बताना चाहते हैं, ताकि मुझे पता चल सके कि आपके मसले क्या हैं’.
कांग्रेस ने इसका भी प्रचार किया कि किस तरह गांधी ने, वेलसाओ के एक मछुआरे का न्योता फौरन स्वीकार कर लिया, कि वो उसके घर आएं और ख़ुद देखें, कि ‘(रेल) पटरी के प्रस्तावित दोहरीकरण की परियोजना से, उसे और उसके पड़ोसियों को कितनी असुविधा होने जा रही है, और किस तरह राहुल गांधी ने गोवा में, एक मोटरसाइकिल टैक्सी पर पीछे बैठकर सवारी की.
अपने सोशल मीडिया हैण्डल्स पर, कांग्रेस ने एक मछुआरे का वीडियो भी पोस्ट किया, जो गांधी को ‘हैण्डसम’ कह रहा था. वीडियो के साथ पार्टी ने कहा, ‘राहुल गांधी न सिर्फ अपनी विनम्रता, बल्कि आकर्षक व्यक्तित्व से भी गोवा के लोगों का दिल जीत लेते हैं’.
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‘इस चुनाव में कांग्रेस नेतृत्व की ज़्यादा रूचि’
गोवा कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि दिल्ली में पार्टी नेतृत्व, भारत के सबसे छोटे प्रांत गोवा के चुनावों को, पिछले वर्षों की अपेक्षा कहीं अधिक गंभीरता से ले रहा है.
पार्टी नेताओं ने कहा, कि ज़मीनी स्तर पर पहले से कहीं अधिक प्रचार हो रहा है. गांधी के अगले महीने फिर गोवा जाने की संभावना है, और नेताओं ने कहा कि ये भी उम्मीद की जा रही है, कि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी भी प्रचार के लिए वहां आ सकती हैं.
गोवा में कांग्रेस के एक नेता ने, जो नाम नहीं बाताना चाहते थे, कहा, ‘2017 चुनावों से पहले, वो सिर्फ एक बार रैली के लिए आए थे. आप महसूस कर सकते थे कि उस समय उनका रवैया थोड़ा लापरवाही भरा था, लेकिन इस बार गोवा चुनाव के लिए उनके रवैये में हम काफी बदलाव देख सकते हैं’.
सितंबर में दिल्ली में पार्टी नेताओं के साथ एक बैठक में, गांधी ने गोवा के पार्टी नेताओं को निर्देश दिया था, कि इस बार बीजेपी के खिलाफ एक ‘आक्रामक प्रचार अभियान’ शुरू करें.
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