नई दिल्ली: कांग्रेस नेता राहुल गांधी 2019 के आपराधिक मानहानि मामले में अपनी दोषसिद्धि के खिलाफ सूरत (गुजरात) की एक अदालत में सोमवार को अपील दाखिल करेंगे और अदालत में मौजूद रहेंगे. उनके वकील ने रविवार को यह जानकारी दी.
पार्टी के सूत्रों ने बताया कि गांधी उन्हें दो साल की जेल की सजा सुनाने वाली मेट्रोपोलिटन अदालत के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका दाखिल करने के लिए सत्र अदालत में उपस्थित रहेंगे.
उनके वकील किरीट पानवाला ने कहा, ‘‘राहुल गांधी दोपहर करीब तीन बजे अपील दाखिल करने के लिए सूरत में सत्र अदालत पहुंचेंगे.’’
पार्टी के सूत्रों ने बताया कि गांधी जब सोमवार दोपहर को यहां पहुंचेंगे, तो कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भी सूरत में मौजूद रहेंगे.
सूरत में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एच एच वर्मा की अदालत ने ‘मोदी उपनाम’ को लेकर राहुल की ओर से की गई एक टिप्पणी के संबंध में दायर आपराधिक मानहानि के मुकदमे में उन्हें 23 मार्च को दोषी करार देते हुए दो साल के कारावास की सजा सुनाई थी.
अदालत ने 52-वर्षीय राहुल गांधी को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा-499 (मानहानि) और 500 (किसी व्यक्ति की आपराधिक मानहानि के दोषी व्यक्ति के लिए सजा) के तहत दोषी ठहराया था.
हालांकि, अदालत ने राहुल गांधी को उसी दिन ज़मानत भी दे दी थी और उनकी सजा के अमल पर 30 दिन के लिए रोक लगा दी थी, ताकि वह ऊपरी अदालत में अपील दाखिल कर सकें.
लोकसभा सचिवालय ने 24 मार्च को एक अधिसूचना जारी कर राहुल गांधी को संसद की सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया था.
लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहराए जाने के बाद राहुल गांधी आठ साल तक चुनाव नहीं लड़ पाएंगे, बशर्ते कोई उच्च अदालत उनकी दोषसिद्धि तथा सजा पर रोक न लगा दे.
राहुल ने साल 2019 के लोकसभा चुनाव प्रचार में कर्नाटक में एक भाषण के दौरान कहा था कि ‘सारे चोरों के सरनेम मोदी क्यों हैं’. इसके बाद, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक और गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने गांधी की इस टिप्पणी को लेकर उनके खिलाफ मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया था.
वहीं, इसी मामले को लेकर राहुल गांधी को पटना एमपी-एमएलए कोर्ट ने 12 अप्रैल को कोर्ट में पेश होने के लिए समन भेजा है. बीजेपी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने उनकी ‘मोदी सरनेम’ वाली टिप्पणी को लेकर गांधी के खिलाफ आपराधिक मानहानि का आरोप लगाया है.
सुशील मोदी ने गुरुवार को अपने ट्विटर हैंडल पर एक वीडियो शेयर करते हुए कहा, “12 अप्रैल को राहुल गांधी को पटना एमपी-एमएलए कोर्ट पहुंचकर मानहानि केस पर अपना बयान दर्ज कराना है.”
इस बीच, शनिवार को पटियाला जेल से रिहा हुए नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा, “इस देश में जब-जब तानाशाही आई, क्रांति भी आई और आज मैं छाती पीट-पीट कर कह सकता हूं कि क्रांति का नाम राहुल गांधी है और वे इस सरकार की जड़ हिला देंगे.”
बीते शनिवार को प्रेस कांफ्रेंस में राहुल गांधी ने कहा था कि वे जेल जाने से नहीं डरते हैं और उनकी सदस्यता को रद्द किया जाना अडाणी के मुद्दे से भटकाने का प्रयास है.
राहुल ने कहा कि अडाणी पर उनके भाषण से प्रधानमंत्री डरे हुए हैं. उन्होंने कहा कि “मैंने उनके आंखों में डर देखा है”.
बीजेपी द्वारा लगातार राहुल से माफी की मांग किए जाने पर कड़ा रुख अपनाते हुए कांग्रेस नेता ने कहा था- “मेरा नाम सावरकर नहीं है, मेरा नाम गांधी है और गांधी माफी नहीं मांगते”.
राहुल गांधी की सदस्यता जाने के मामले में जर्मनी ने एक बयान जारी कर कहा, “हमारी जानकारी के अनुसार, गांधी इस फैसले को चुनौती देते हुए अपनी अपील दर्ज करा सकते हैं.”
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने आगे कहा, “हमें उम्मीद है कि राहुल गांधी के मामले पर न्यायिक स्वतंत्रता और मौलिक लोकतांत्रिक सिद्धांतों के मानक लागू होंगे.”
यह भी पढ़ेंः भाजपा ने राहुल गांधी की खोई साख लौटाकर उन पर बहुत बड़ा एहसान किया है