नई दिल्ली: नए कृषि कानून को वापस लिए जाने की मांग के साथ राहुल गांधी के नेतृत्व में राष्ट्रपति से मिलने जा रहीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा समेत अन्य कांग्रेस नेताओं को पुलिस ने हिरासत में लिया हालांकि कुछ देर बाद उन्हें छोड़ दिया गया. राहुल गांधी गुलाम नबी आजाद और अधीर रंजन के साथ राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिलने पहुंचे. राहुल ने कृषि कानूनों के खिलाफ राष्ट्रपति को देखभर के किसानों द्वारा किए गए 2 करोड़ हस्ताक्षर का एक ज्ञापन भी सौंपा.
राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपने के बाद राहुल गांधी काफी अग्रेसिव दिखे, उन्होंने कहा, ‘हमने किसानों की बात राष्ट्रपति तक पहुंचाई है. हमने कहा है कि किसान पीछे हटने वाला नहीं है.’
राहुल ने कहा, ‘कृषि कानून को वापस लिया जाए. किसान कृषि कानून की वापसी चाहते हैं और कांग्रेस किसानों के साथ खड़ी है.’
कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष ने यह भी कहा कि किसान के आगे कोई ताकत खड़ी नहीं हो सकती है. उन्होंने एक बार फिर कहा कि अन्नदाताओं को आतंकवादी कहा जा रहा है, ‘मैं यह कहना चाहता हूं कि जो भी पीएम मोदी के खिलाफ बोलता है वह देशद्रोही हो जाता है उसे आतंकवादी करार दिया जाता है. चाहें वो कोई मजदूर हो या फिर किसान, अगर आज भागवत कुछ बोलें तो वह उन्हें भी आतंकी करार दे देंगे.’
उन्होंने कहा, ‘इस कानून से पूरे देश को नुकसान होने जा रहा है. पीएम मोदी देश को कमजोर कर रहे हैं ‘
राहुल ने इस दौरान, सरकार को ज्वाइंट सेशन बुलाकर कानून को वापस लेने की बात कही. राहुल गांधी ने कहा कि मोदी दो तीन पूंजीपतियों के लिए काम कर रहे हैं. यही नहीं राहुल ने कहा कि किसान पीएम मोदी की मंशा को पूरी तरह से समझ चुके हैं.
इस दौरान राहुल ने यह भी कहा, ‘भारत में लोकतंत्र नहीं है. यह आपकी कल्पना में हो सकता है, लेकिन वास्तविकता में नहीं बचा है. राहुल ने पीएम मोदी की चुप्पी पर भी निशाना साधा और कहा कि आज भी चीन भारत की सीमा पर मौजूद है उसने हजारों एकड़ जमीन भारत की हड़प ली है पीएम मोदी क्यों कुछ नहीं बोल रहे हैं.’
दिल्ली की सीमाओं पर पिछले 30 दिनों से किसान कृषि कानून को वापस लिए जाने की मांग के साथ प्रदर्शन कर रहे हैं. किसान नेताओं से सरकार की छह राउंड की बातचीत हो चुकी है. सरकार जहां कानून में संशोधन की मांग कर रही है वहीं किसान इस बिल को पूरी तरह से हटाए जाने की मांग पर अड़े हैं. कल प्रधानमंत्री मोदी एक बार फिर किसानों से कृषि कानून को लेकर संवाद करेंगे.
प्रियंका को लिया हिरासत में फिर छोड़ा
वहीं दूसरी तरफ प्रियंका गांधी ने हिरासत में लिए जाने के बाद मंदिर मार्ग ले जाई गईं इस दौरान वाड्रा ने कहा, हम एक लोकतांत्रिक देश में रह रहे हैं और ये सभी इलेक्टेड सांसद है. राष्ट्रपति से मिलना इनका अधिकार है और सभी को मिलने की अनुमति मिलनी चाहिए. प्रियंका ने आगे कहा कि इसमें समस्या क्या है? प्रियंका ने कहा कि दिल्ली बॉर्डर पर मौजूद लाखों किसानों की आवाज सरकार नही सुन रही है.
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा,’ जवान किसान का बेटा होता है, जो किसानों की आवाज ठुकरा रहा है, अपनी जिद्द पर अड़ा हुआ है जबकि देश का अन्नदाता बाहर ठंड में बैठा है तो उस सरकार के दिल में क्या जवान, किसान के लिए आदर है या सिर्फ अपनी राजनीति, अपने पूंजीपति मित्रों का आदर है? वाड्रा ने कहा, ‘बीजेपी की सरकार किसानों के पेट पर लात मार रही है और हमारा कर्तव्य है कि हम किसानों के साथ खड़े रहें इसलिए हम लोग अपना कर्तव्य निभाएंगे.’
देश की जनता की आवाज को सुनना ही एक नेता का काम होता है, सरकार का काम होता है। सरकार जनता के प्रति जवाबदेह है, किसानों के प्रति जवाबदेह है। हमारे जवान भी किसानों के ही बेटे हैं; उनके माता-पिता की आवाज सुनी जानी चाहिए।#CongressMarchForFarmers pic.twitter.com/4hE8hBCXxI
— Congress (@INCIndia) December 24, 2020
केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ कांग्रेस नेताओं के राष्ट्रपति भवन तक प्रस्तावित मार्च से पहले पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने बृहस्पतिवार को कहा कि ‘कृषि विरोधी कानूनों’ के खिलाफ सत्याग्रह में सबको अन्नदाताओं का साथ देना होगा. उन्होंने एक खबर साझा करते हुए ट्वीट किया, ‘भारत के किसान ऐसी त्रासदी से बचने के लिए कृषि-विरोधी क़ानूनों के ख़िलाफ़ आंदोलन कर रहे हैं. इस सत्याग्रह में हम सबको देश के अन्नदाता का साथ देना होगा.’
कांग्रेस नेता ने जो खबर साझा की है उसके मुताबिक, मध्य प्रदेश के होशंगाबाद में अनुबंध की खेती को लेकर कई किसानों ने खुद को भारी नुकसान होने की शिकायत की है और उनका यह भी कहना है कि हस्ताक्षर या मुहर के बिना ही अनुबंध किए गए.
कांग्रेस का कहना है कि राहुल गांधी की अगुवाई में पार्टी के वरिष्ठ नेता और सांसद विजय चौक से राष्ट्रपति भवन तक मार्च भी निकाला जब प्रियंका गांधी सहित सभी नेताओं को हिरासत में लिया गया और उन्हें मंदिर मार्ग थाना ले जाया गया.